सिंचाई घोटाला: अजित के दाग धुलने शुरू, नौ मामलों में जांच हुई बंद

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बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाते ही अजित पवार के दाग धुलने शुरू हो गए हैं। सिंचाई घोटाले के नौ मामलों में जांच बंद कर दी गई है। एनसीपी नेता अजित पवार के बीजेपी के पाले में जाने के बाद से ही इसकी आशंका जताई जा रही थी। दो दिन बाद ही उन्हें इसका फायदा भी मिलने लगा। महाराष्ट्र में हुआ सिंचाई घोटाला 70 हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है और अजित पवार इसके मुख्य आरोपी थे, लेकिन अब वह राज्य के उप मुख्यमंत्री हैं। नतीजे में नौ मामलों में जांच बंद कर दी गई।

नौ मामलों की जांच बंद होने पर सवाल उठने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अफसरों ने कहा कि अजित पवार को क्लीन चिट नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि जिन मामलों में पहले ही एफआईआर दर्ज की गई है, उन पर जांच जारी है।

हालांकि अभी तक किसी भी मामले में अजित पवार को आरोपी नहीं बनाया गया है। बता दें कि एसीबी के डीजीपी संजय बर्वे ने नवंबर 2018 में एक हलफनामे में कहा था कि पवार ने सिंचाई परियोजनाओं के ठेके देने में हस्तक्षेप किया था। जो नौ मामले बंद किए गए हैं उनके बारे में एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ये कई निविदाओं में नियमित पूछताछ थी, और इन मामलों में किसी भी राजनेता की जांच नहीं की जा रही थी।

उधर, मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस ने अपने 162 विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। सभी विधायकों को एकजुटता की शपथ भी दिलाई गई। इससे पहले दोपहर को शिव सेना के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को संबोधित करते हुए कहा था कि हम होटल ग्रैंड हयात में शाम सात बजे 162 विधायकों की परेड करा रहे हैं। आइये और देखिए हम सब एक साथ हैं।

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