देश भर में काले कृषि कानूनों के विरोध में ऐतिहासिक किसान आंदोलन चल रहा है। झारखंड में भी किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार धरना प्रदर्शन जारी है। इसी कड़ी में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आगामी 26 जनवरी को जमशेदपुर में ट्रैक्टर-बाइक रैली का आयोजन किया गया है।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कई किसान संगठनों द्वारा आंदोलनों का समन्वय करने के लिए ‘किसान आंदोलन एकताजुटता मंच’ का गठन किया है। विगत 21 जनवरी को जमशेदपुर में मंच ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया था। इसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। अब आगामी 26 जनवरी को दिल्ली में जिस प्रकार से किसान गणतंत्र दिवस परेड निकाली जा रही है, उसी तर्ज पर किसान आंदोलन एकजुटता मंच ट्रैक्टर-बाइक रैली निकालेगी।
इस बाबत किसान आंदोलन एकजुटता मंच ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस रैली में जिले के विभिन्न प्रखंडों से किसान भाई शरीक होंगे। यह रैली आगामी 26 जनवरी को सुबह 11:00 बजे आम बागान मैदान से शुरू होगी। इससे पहले शहर के विभिन्न प्रांत से छोटी-छोटी रैली निकलेगी, जो आम बागान मैदान में आकर एक साथ हो जाएगी। रैली शहर के विभिन्न स्थानों से होते हुए फिर से आम बागान मैदान में ही आकर समाप्त होगी। रैली में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ-साथ किसान संगठनों का झंडा, मांगों से संबंधित प्लेकार्ड, बैनर भी प्रदर्शित किए जाएंगे। रैली बिल्कुल शांतिपूर्ण होगी और इसमें किसी भी राजनीतिक दल के झंडे बैनर लाने पर प्रतिबंध रहेगा।
किसान आंदोलन एकजुटता मंच ने सभी से अपील की है कि भारी संख्या में इस रैली में शामिल होकर देश भर में चल रहे किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करें। मंच ने कहा कि दिल्ली में 500 से अधिक किसान संगठनों को एक साथ लेकर चलने का प्रयोग सफल हुआ है। जमशेदपुर में विगत 21 जनवरी को विशाल रैली, जिसमें कई संगठनों की भागीदारी थी, उसकी सफलता ने यहां भी उम्मीद जगाई है। जो भी किसान आंदोलन के साथ हैं, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हैं, इस मंच का हिस्सा बन सकते हैं।
संवाददाता सम्मेलन में भगवान सिंह, बाबू नाथ, सुमित राय, रवींद्र प्रसाद, दीपक रंजीत, मंथन कुमार मार्डी समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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