पटना। आज यानि 3 तारीख की सुबह से ही धीमी बारिश होने लगी थी। इसके बावजूद पटना के गांधी मैदान में लोगों का जुटान भी बढ़ने लगा। गांधी मैदान के दृश्य को देखकर ऐसा लग रहा था कि बिहार के उत्साह ने हर आंधी, बारिश, तूफ़ान को चुनौती दे दी है। गांधी मैदान में जन विश्वास यात्रा में राजद के साथ-साथ भाकपा-माले के कार्यकर्ता भी सुबह ही पहुंच गए थे। सुबह के वक्त पटना शहर और गांधी मैदान में सबसे ज्यादा झंडे भाकपा-माले का ही दिख रहा था। भाकपा-माने का लाल झंडा और राजद का हरा झंडा देखकर ऐसा लग रहा था कि हरा और लाल की जमीनी राजनीतिक ताकत संविधान एवं लोकतंत्र को खत्म करने वाली ताकत के खिलाफ निर्णायक जंग का ऐलान कर चुकी है।
रैली को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि मानसिक गुलामी से मुक्ति लालू जी ने दिलाया। आज किसी की हिम्मत नही है की चप्पल पहनने और कुआं का पानी पीने से रोक दे। तेजस्वी प्रसाद यादव के इस आवाज के बाद पूरे गांधी मैदान में तेज आवाज होने लगी। भीड़ को देखकर तो बस ऐसा ही लग रहा था कि ये बिहार है यहां संप्रदायकिता के रथ को भी रोका गया था और अब लोकतंत्र के लुटेरे को भी रोका जायेगा।

इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों ने पटना के गांधी मैदान में जन विश्वास महारैली के जरिए लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन किया। महारैली का आयोजन राजद द्वारा किया गया था, जिसमें उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित इंडिया ब्लॉक के शीर्ष नेता शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सीपीआई महासचिव डी राजा, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने महारैली में आए लोगों को संबोधित किया।
पिछले 10 दिनों से तेजस्वी यादव पूरे बिहार में 3500 किलोमीटर की यात्रा करके लौटे हैं। शायद इसी का नतीजा था कि पूरे गांधी मैदान में लगभग 5 से 7 लाख लोग जमा हो गए थे।
रैली में आए सुपौल से अमित वत्स बताते हैं कि, “गांधी मैदान में कुल 12 दरवाज़े हैं। हर दरवाज़े पर हुमच दिया गया है। पटना में कल से बारिश हो रही है। बावजूद इसके आज तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की रैली में गांधी मैदान में जो ऐतिहासिक भीड़ आई है, उसको देख कर कई लोगों का गला सूख रहा होगा।”
जो 17 साल में नहीं हुआ, हमने वो 17 महीनों में कर दिखाया
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि “अगर उत्तर प्रदेश 80 हराओं का नारा दे रहा है तो बिहार भी पीछे नहीं, 40 हराओं का नारा यहां से निकल कर आ रहा है। अगर यूपी और बिहार मिलकर 120 सीट हरा देंगे तो भाजपा का क्या होगा?”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि “बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच विचारधारा की लड़ाई है। एक तरफ नफ़रत, हिंसा और अहंकार है तो दूसरी तरफ़ मोहब्बत, भाईचारा और एक दूसरे की इज़्ज़त है।”
तेजस्वी यादव ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि “जब 2020 में मैंने 10 लाख नौकरियों का वादा किया, तो नीतीश कुमार ने कहा कहां से आएगा पैसा? ये असंभव है। लेकिन जो 17 साल में नहीं हुआ, हमने वो 17 महीनों में कर दिखाया और उसी मुख्यमंत्री के हाथों 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिलवाई। भाजपा वाशिंग मशीन नहीं डस्टबिन है। हर पार्टी का कचरा उधर जमा होता है। हम लोग डरने वाले लोग नहीं है। हम ना डरेंगे ना झुकेंगे, जनता की लड़ाई में जनता के साथ खड़े रहेंगे।”
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि “दिल्ली पर कब्ज़ा करना है। तैयार हैं ना? बिहार की हवा देश की हवा बदल देती है। बिहार की हवा में इतना दम है कि जो बिहार फैसला लेता हैं वही देश के लोग अनुकरण करते हैं।”
बिहार की जनता लड़ेगी -तानाशाही हारेगी: दीपंकर भट्टाचार्य
जनविश्वास महारैली में भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि “इतिहास की धारा मोड़ने और एक नया इतिहास बनाने के लिए गांधी मैदान में उमड़े इस विशाल जनसमूह को सबसे पहले जय भीम-लाल सलाम!
50 साल पहले इसी गांधी मैदान से ‘भावी इतिहास हमारा है’ के नारे को हमने बुलंद किया था। आज एक बार फिर कहने आए हैं-संविधान-लोकतंत्र व देश बचाने का नारा है, भावी इतिहास हमारा है; पटना-दिल्ली की सरकारों से कहने आए हैं-सिंहासन खाली करो, जनता आने लगी है। बिहार की जनता लड़ेगी, तानाशाही हारेगी।”

उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से भाजपा पूरे हिदुस्तान को तबाह व बर्बाद कर रही है। उसके नाम में तो जनता है, लेकिन जनता से कोई लेना-देना नहीं है। सत्ता का लालच और अहंकार उसके रग-रग में है। और काम है बुलडोजर से लोकतंत्र, विपक्ष, जनता और उनके सारे हक-अधिकार व अर्थव्यवस्था को रौंद देना। हमारा तो कहना है कि भाजपा को अपना चुनाव चिन्ह कमल की जगह बुलडोजर रख लेना चाहिए। हम आज इस मैदान से ऐलान करने आए हैं कि इस देश में बुलडोजर राज नहीं अब नहीं चलेगा।
दिल्ली की सीमा पर एमएसपी की मांग को लेकर किसान आना चाहते हैं। लेकिन अंबानी-अडानी के आगे कालीन बनकर बीछने वाली सरकार किसानों के लिए बैरिकेड लगा रही है और गोली चलाकर किसानों को शहीद कर रही है।
8 मार्च का दिन आने वाला है। महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें होंगी। लेकिन हमने कभी नहीं देखा कि कोई पार्टी बलात्कारियों को संरक्षण व सम्मानित करने का काम करेगी। बिलिकस बानो हो या मणिपुर की महिलाओं का सवाल, भाजपा ने बलात्कारियों को संरक्षण देने का ही काम किया है।

बिहार में एक एजेंडा बन रहा था। 2020 के चुनाव में जब हमने कहा था कि बिहार के युवाओं को पक्की नौकरी मिलेगी तो उस समय नीतीश जी मजाक उड़ा रहे थे। लेकिन हम लोगों को जब मौका मिला, बिहार में जाति गणना, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण, आरक्षण का विस्तार और पक्की नौकरी दी गई। नीतीश जी 20 साल से विकास-विकास की रट लगा रखे हैं, लेकिन जाति गणना ने बतलाया कि किस कदर चिराग तले गहरा अंधेरा है। दो तिहाई लोग भयानक गरीबी में जी रहे हैं। नीतीश जी ने कहा था कि 1 लाख गरीब परिवारों को प्रत्येक साल 2 लाख रु। देंगे। अब वे उधर चले गए हैं, लेकिन एक-एक पैसा का हिसाब लेना है। आय प्रमाण पत्र मांगकर पैसा नहीं देने की साजिश की जा रही है। इसे हमें रोकना होगा।
बिहार बदलने लगा था। लाल व हरे झंडे की एकता व दावेदारी से ही देश बदलेगा और लोकतंत्र व संविधान सुरिक्षत रहेगा। इसी रास्ते को रोकने के लिए नीतीश जी को उधर ले जाया गया।

ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स आदि का राजनीतिक इस्तेमाल तो हो ही रहा था, इस बार भारत रत्न सम्मान का भी इस्तेमाल राजनीतिक स्वार्थ साधने में किया गया। स्वामीनाथन को भारत रत्न दे दिया गया लेकिन किसान आंदोलन का दमन हो रहा है। आरक्षण व शिक्षा का विस्तार करने वाले कर्पूरी जी के सम्मान की आड़ में विधायकों को तोड़ा- खरीदा जा रहा है और जिन विधायकों के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता उन्हें मनोज मंजिल की तरह झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल में डाला जा रहा है।
इसलिए पूरा संघर्ष चाहिए। हमें विश्वास है कि यह जो आज का नजारा है, पूरे देश की तस्वीर बदलेगी। बिहार से बात चली थी, वह दूर तलक जाएगी। किसी एक नेता के इधर-उधर चले जाने या सरकार गिरा देने से काई फर्क नहीं पड़ता। बिहार की जनता लड़ेगी -तानाशाही हारेगी।
(पटना से राहुल की रिपोर्ट।)
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