महज पेपर लीक नहीं, बिहार की शिक्षा-परीक्षा व्यवस्था में संगठित-संस्थाबद्ध भ्रष्टाचार का हुआ खुलासा:  धनंजय

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पटना। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष और आइसा के प्रमुख नेता का. धनंजय ने आज पटना में बीपीएससी पीटी परीक्षा में हुई अनियमितताओं व अभ्यर्थियों पर बर्बर दमन की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पूरी परिघटना महज पेपर लीक तक सीमित नहीं की जा सकती, बल्कि वह बिहार की शिक्षा और परीक्षा प्रणाली में संगठित व संस्थाबद्ध घोर भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है, जिसे राज्य सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से बढ़ावा मिल रहा है।

धनंजय ने कहा कि बिहार में पिछले कुछ वर्षों से हर परीक्षा में इसी प्रकार की अनियमितताएं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आते रहे हैं। यह संकेत देता है कि परीक्षा और बहाली की प्रक्रिया में गंभीर स्तर पर गड़बड़ियां हो रही हैं, जो राज्य के छात्र-युवाओं के भविष्य के साथ मजाक है।

उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू गठबंधन के पिछले 20 वर्षों के शासन में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सत्ता के संरक्षण में एक माफियातंत्र फला-फूला है। इस माफियातंत्र का उद्देश्य चयन प्रक्रियाओं को अपनी इच्छाओं के अनुरूप मोड़ना और कुछ विशेष लोगों को फायदा पहुंचाना है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीपीएससी पीटी परीक्षा में हुई अनियमितताओं पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। यह बिहार सरकार का बेहद असंवेदनशील रवैया है।

उन्होंने बिहार सरकार के दमनात्मक रवैये की भी आलोचना की। बीपीएससी अभ्यर्थियों द्वारा उठाए गए सवालों को दबाने के लिए सरकार ने कठोर कदम उठाए। यह कदम राज्य में यूपी मॉडल को लागू करने की कोशिश है।

उन्होंने कहा कि आइसा-आरवाइए के कार्यकर्ताओं को नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान हाउस अरेस्ट किया जा रहा है। यह सरकार की तानाशाही को इंगित करता है। उन्होंने कहा कि यह सब छात्रों की आवाज को दबाने और उनके अधिकारों को छीनने का प्रयास है, लेकिन बिहार के छात्र-युवा सरकार के इस मंसूबे को निश्चित रूप से चकनाचूर करेंगे।

आइसा नेता ने कहा कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि राज्य के शिक्षा और परीक्षा तंत्र में किस स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने बिहार सरकार से मांग की कि बीपीएससी पीटी परीक्षा में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और परीक्षाओं को माफिया तंत्र से मुक्त किया जाए।

आरवाइए के प्रदेश सचिव और माले के युवा विधायक शिवप्रकाश रंजन ने कहा कि अगर बिहार सरकार ने समय रहते उपर्युक्त मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो आइसा और आरवाइए की ओर से राज्यभर में संघर्ष यात्राएं निकाली जाएंगी।

शिक्षा व रोजगार पर बढ़ते हमले और बहाली व परीक्षा में माफियातंत्र को राज्य के छात्र-युवा अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मार्च महीने में विधानसभा सत्र के दौरान आइसा और आरवाइए द्वारा पूरे राज्य से छात्र-युवाओं का महाजुटान किया जाएगा। अगर सरकार छात्र-युवाओं के प्रति न्याय नहीं करती है, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि बिहार के छात्र-युवा पहले से ही रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में इस तरह की अनियमितताएं उन्हें और भी निराश करती हैं। हम इस आंदोलन को और तेज करेंगे।

आइसा की प्रदेश अध्यक्ष प्रीति कुमारी ने कहा कि हम केवल इस सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि हर छात्र और युवा के भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह आंदोलन सिर्फ बीपीएससी पीटी के सवाल पर नहीं, बल्कि पूरे बिहार में शिक्षा और रोजगार की ध्वस्त व्यवस्था के खिलाफ है।

नेताओं ने बिहार के छात्र-युवाओं से अपील की कि जब तक बिहार सरकार बीपीएससी पीटी परीक्षा की उच्चस्तरीय जांच और पुनर्परीक्षा की मांग को नहीं मानती तब तक यह आंदोलन जारी रखें। बिहार के शिक्षा तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अपने न्यायपूर्ण अधिकारों की रक्षा के इस संघर्ष को बिहार के बदलाव के संघर्ष में तब्दील कर देना है।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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