Wednesday, April 24, 2024

28 को पीएम मोदी और महिलाएं होंगी आमने-सामने, खाप पंचायत ने किया संसद कूच का ऐलान

नई दिल्ली। हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित महम के ऐतिहासिक चबूतरे पर रविवार, 21 मई को पंचायत हुई। पंचायत में फैसला किया गया कि महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए 23 मई को शाम 5 बजे जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला जायेगा। कैंडल मार्च में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों के भी आने की संभावना है। इसके साथ ही 28 मई को संसद की नई बिल्डिंग का प्रधानमंत्री उद्घाटन करने जा रहे हैं। खाप पंचायतों ने फैसला किया है इसी दिन पंजाब, हरियाणा और दूसरे प्रदेशों से आई महिलाएं नए संसद भवन पर महिला महापंचायत आयोजित करेंगी। महिला महापंचायत में जो भी फैसला होगा खाप पंचायतें और किसान संगठन उसके साथ खड़ें होंगे। सर्व खाप पंचायत का कहना है कि ये मुद्दा महिलाओं से जुड़ा है और महिलाएं इस बारे में जो फैसला करेंगी, उसे खाप पंचायतें और किसान संगठन लागू कराने के लिए आंदोलन करेंगे। खाप पंचायतों ने फैसला किया है कि जब तक आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक आंदोलन चलता रहेगा।

महिला पहलवानों के प्रदर्शन पर आगे की रणनीति बनाने के लिए सभी खाप पंचायतों में से 11 प्रतिनिधियों की कमेटी बनाई गयी है। कमेटी के अध्यक्ष मेहर सिंह नंबरदार हैं। मेहर सिंह नंबरदार महम चौबीसी सर्व खाप के प्रधान हैं। इसके साथ ही खाप पंचायतों, किसान संगठनों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की 31 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो पूरे आंदोलन पर नजर रखेगी।

गौरतलब है कि खाप पंचायतों और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने 7 मई को जंतर-मंतर पर प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि 15 दिन के अंदर अगर महिला पहलवानों की मांग पर आरोपी पर कार्रवाई नहीं होती तो खाप पंचायतें सभी खापों को बुलाकर आगे के आंदोलन पर रणनीति तय करेंगी।

महम चौबीसी में सर्व खाप पंचायत के फैसले से अब महिला पहलवानों का आंदोलन नए चरण में प्रवेश कर गया है। खाप पंचायतों का कहना है कि महिला पहलवानों को जब भी जरूरत होगी और वह आह्वान करेंगी, हम 5 घंटे के अंदर दिल्ली पहुंच जाएंगे। जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों का प्रदर्शन 23 अप्रैल से चल रहा है। इस दौरान विभिन्न दलों और संगठनों ने लोगों ने महिला पहलवानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी पहलवानों के प्रदर्शन के प्रति समर्थन व्यक्त किया है।

सर्व खाप पंचायत के फैसले के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि महम चौबीसी और चबूतरा बहुत मजबूत है यहां से जो फैसले होते हैं वो न्याय के फैसले होते हैं। यहां का महत्व है। ये न्याय की भूमि है। जो बच्चे वहां बैठे हैं, उन्हें सपोर्ट चाहिए। हम बच्चों के साथ हैं। गांव से लोग जाते रहेंगे। उनकी दिक्कतों पर मदद करते रहें। ये आंदोलन लंबा चलेगा। कोई बीच का रास्ता नहीं है।

विनेश फोगाट ने जंतर-मंतर के प्रेस कांफ्रेंस में चेतावनी देते हुए कहा था कि खाप पंचायत के फैसले से देश को किसानों के आंदोलन की तरह ही नुकसान हो सकता है, जो लगभग 13 महीने तक चला था।

सर्व खाप पंचायत के फैसले के बाद 23 मई को दिल्ली में लोगों का जमावड़ा बढ़ सकता है, खाप पंचायतों, किसान संगठनों और सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के आह्वान पर भारी संख्या में लोगों के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

जनचौक से जुड़े

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles