नई दिल्ली। गुजरात फाइल्स की लेखिका और पत्रकार राणा अयूब ने कहा है कि देश की महिलाओं का ज़मीर जाग गया है और वह अब पीछे नहीं लौटने वाली हैं। देश में चल रहे महिलाओं के प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास ने एक बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर सौंपी है। अच्छी बात यह है कि महिलाओं ने उसे स्वीकार कर लिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले प्रदर्शन इसी के गवाह हैं।
वह 8 फरवरी को उदयपुर में महिला संगठन एपवा के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह इस देश की विडंबना है कि जिस शख्स को सुप्रीम कोर्ट ने तड़ीपार कर रखा था वह आज देश का गृहमंत्री है। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद महिलाओं के विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने 2010 में अमित शाह को जेल भिजवाने में मदद की थी।
उन्होंने कहा कि विदेश से उन्हें तमाम तरह के फेलोशिप समेत वहां बसने तक के प्रस्ताव मिलते रहते हैं लेकिन वह उन्हें कभी स्वीकार करने नहीं जा रही हैं। क्योंकि उन्हें अपने भारत को इन काली ताकतों के चंगुल से निकालना है। और इस काम को उनके समेत सारी महिलाएं पूरा करके रहेंगी।
इस मौके पर उन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन की उन कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया जिसने उनकी जिंदगी बदल दी।
पेश है उनका पूरा भाषण:
This post was last modified on February 10, 2020 3:46 pm