संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन काले कानून के नए संस्करण (NPFAM) को किया खारिज

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नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) जनरल बॉडी ने सर्वसम्मति से NPFAM को तीन काले कृषि कानूनों का नया संस्करण मानते हुए पूरी तरह खारिज कर दिया।

SKM इसे रद्द कराने के लिए पूरी ताकत से लड़ेगा; सांसद कार्यालयों के समक्ष जनप्रतिनिधिमंडल का आयोजन किया जाएगा; NPFAM की वापसी, सभी फसलों के लिए C2+50% फॉर्मूले पर MSP की कानूनी गारंटी, सभी किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए कर्ज माफी, और 9 दिसंबर 2021 की लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की जाएगी।

SKM 5 मार्च से राज्यों की राजधानियों, जिला एवं उप-मंडल स्तर पर पक्के मोर्चे स्थापित करेगा और विधानसभाओं से NPFAM को खारिज करने के प्रस्ताव पारित कराने की मांग करेगा।

SKM जनरल बॉडी ने 4 श्रम संहिताओं को रद्द करने की मांग पर श्रमिकों के संघर्ष को पूरा समर्थन दिया।

SKM जनरल बॉडी की बैठक आज HKS सुरजीत भवन में आयोजित हुई, जिसमें 12 राज्यों के 73 किसान संगठनों के 165 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता हन्नान मोल्लाह, जोगिंदर सिंह उगराहां, राकेश टिकैत, रेवुला वेंकैया, सत्यवान और डॉ. सुनीलम ने की।

SKM जनरल बॉडी ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति फ्रेमवर्क (NPFAM) को तीन काले कृषि कानूनों का नया संस्करण मानते हुए पूरी तरह खारिज कर दिया। SKM ने इसे किसान विरोधी और राज्य सरकारों के खिलाफ साजिश करार दिया।

सभी किसान नेताओं ने इस नीति को सरकारी मंडियों पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि सरकार मंडियों का निजीकरण करके बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) और कॉरपोरेट्स को लाभ पहुंचाने की साजिश रच रही है।

यह नीति स्थानीय ग्रामीण मंडियों को एफपीओ (FPOs), ई-नाम (eNAM) और ठेका खेती (Contract Farming) के माध्यम से बड़े कृषि प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए सस्ते कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की चाल है।

साथ ही, यह खेती को फ्यूचर ट्रेड और शेयर मार्केट से जोड़ने की कोशिश कर रही है। यह सब डब्ल्यूटीओ (WTO) और वर्ल्ड बैंक (World Bank) की सिफारिशों के अनुरूप किया जा रहा है।

NPFAM में MSP की घोषणा, सरकारी खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए खाद्यान्न भंडारण का कोई प्रावधान नहीं है। यह केवल बफर स्टॉक तक सीमित है, जो किसानों के हितों के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।

SKM ने घोषणा की है कि 5 मार्च 2025 से सभी राज्यों में पक्के मोर्चे स्थापित किए जाएंगे और राज्य विधानसभाओं से NPFAM को खारिज करने के प्रस्ताव पारित कराने की मांग की जाएगी। SKM राज्यों के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विधानसभाओं का विशेष सत्र बुलाने और प्रस्ताव पारित करने की मांग करेगा।

SKM ने स्पष्ट किया कि अगर कोई राज्य सरकार इस अनुरोध को मानने से इनकार करती है, तो ऐसे राज्यों की राजधानियों, जिलों और उप-मंडलों में किसान पक्के मोर्चे शुरू करेंगे।

इसके अलावा, महापंचायतों और सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे ताकि इस नीति के खिलाफ देशभर में जनजागरण किया जा सके। प्रत्येक राज्य की समन्वय समिति इस पर विस्तृत योजना तैयार करेगी।

SKM ने 8 और 9 फरवरी 2025 को सांसदों के कार्यालयों/निवास के सामने जनप्रतिनिधिमंडल का आह्वान किया है ताकि सांसदों से आग्रह किया जा सके कि वे किसानों और देश के साथ खड़े हों और उन्हें NPFAM को खारिज करने की आवश्यकता और अन्य मांगों के महत्व को समझाया जा सके।

जनरल बॉडी ने NDA-3 सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं (Labour Codes) को लागू करने के हालिया प्रयास की कड़ी निंदा की और भारत भर में ट्रेड यूनियनों और श्रमिकों द्वारा किए जा रहे प्रतिरोध का समर्थन किया।

(संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी।)

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