वैशाली की गुलनाज के हत्यारों को गिरफ्तार करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए महिला संगठनों ने पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास धरना प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि इस मामले को वह विधानसभा में भी उठाएंगे।
ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि अब बिहार में तीन मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन राजधानी के बगल के जिले की गुलनाज के परिजनों से मिलने की फुरसत किसी को नहीं है। यहां तक कि किसी अदना सरकारी प्रतिनिधि को भी गुलनाज की मां को यह भरोसा दिलाने नहीं भेजा गया कि उसे न्याय मिलेगा, जबकि पिछले तीन दिनों से पूरे राज्य में गुलनाज के लिए न्याय की मांग उठ रही है। सरकार की यह चुप्पी इस सरकार की महिलाओं के प्रति चरम संवेदनहीनता को दिखाता है।
सभा को संबोधित करते हुए एएसडब्लूएफ की आसमां खान और विमुक्ता स्त्री मुक्ति संगठन की आकांक्षा प्रिया ने कहा कि पुलिस अपराधियों को बचाने में लगी है। सभा का संचालन ऐपवा नगर सचिव अनीता सिन्हा ने किया। ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, राज्य सचिव शशि यादव, नगर सचिव अनीता सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता तबस्सुम, आइसा की प्रियंका, रामजी यादव, माले के पुनीत, ऐपवा की नसरीन बानो, अफ्शां जबीं, समता राय, राखी मेहता समेत बड़ी संख्या में महिलाएं इस प्रतिवाद कार्यक्रम में शामिल हुईं।
बता दें कि 30 अक्तूबर की रात देसरी थाने के रसूलपुर हबीब की गुलनाज खातून को गांव के ही कुछ लड़कों ने छेड़खानी को लेकर विवाद के बाद केरोसिन डाल जिंदा जला दिया था। बुरी तरह से जली हुई हालत में उन्हें हाजीपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने पुलिस को बयान दर्ज कराया था। हालत गंभीर होने की वजह से गुलनाज को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया था। 15 दिन बाद उनकी मौत हो गई थी।
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