नई दिल्ली। राजनीति में तीन सप्ताह लंबा समय होता है। लेखिका अरुंधति रॉय कर्नाटक चुनाव नतीजों की पृष्ठभूमि में धक्के से निकल कर खुशी की स्थिति में पहुंचने के बाद अब उसका आनंद ले रही हैं।
दि टेलीग्राफ के मुताबिक कर्नाटक चुनाव नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि “कल (शनिवार) जब हमने कर्नाटक चुनाव का नतीजा सुना, तो मैं सोयी नहीं। मैं पूरी रात नहीं सोयी; मैं इतनी खुश थी।“ रॉय ने यह बात रविवार को केरल में आयोजित एक साहित्यिक समारोह में कही। उन्होंने कहा कि “क्योंकि मैंने सोचा कि खड़े होने के लिए अब केवल केरल ही अकेले नहीं है”। इसी के साथ ही अरुंधति ने बीजेपी को एक मौका देने के प्रस्ताव की लालच में आने वाले लोगों को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर भगवा पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो पूरा सूबा जल उठेगा।
यह बिल्कुल उसी तरह है जैसे एक माचिस की तीली आग से एक मौके की मांग कर रही हो। केरल जल उठेगा अगर आप लोग उसे एक मौका देंगे। यह बात उन्होंने एक बार नहीं बल्कि तीन बार कही। पहले मलयालम में उसके बाद हिंदी और फिर अंग्रेजी में।
रॉय सीपीएम की युवा इकाई डीवाईएफआई और उसकी पत्रिका युवधारा की ओर से कोचि किले में आयोजित युवधारा यूथ लिटरेचर फेस्टिवल में बोल रही थीं।

बीजेपी अपने इतिहास में केरल में केवल एक बार जीती है। जब ओ राजगोपाल ने 2016 में तिरुवनंतपुरम लोकसभा की सीट हासिल की थी।
इस मौके पर उन्होंने यह भी बताया कि 2021 के विधानसभा चुनाव के मौके पर राज्य द्वारा बीजेपी को एक भी सीट नहीं दिए जाने पर उन्होंने कैसा महसूस किया। उन्होंने याद करते हुए कहा कि “वायनाड में आयोजित इसी तरह के साहित्यिक समारोह में मैंने अपने प्रिय एसएमएस संदेश के बारे में बताया था… मेरी भाभी ने जो यहां बैठी हुई हैं, केरल चुनाव के बाद भेजा: ‘बीजेपी बराबर अनमुत्ता’” ऐसा सुनते ही लोग हंस पड़े।
अनमुत्ता अना (हाथी) और मुत्ता (अंडा) को मिलाकर बना है। दोनों मिलकर बड़े जीरो की ओर संकेत करते हैं।
उन्होंने कहा कि “हमें हमेशा अनमुत्ता की जरूरत है; हमें अना और अनमुत्ता भी चाहिए। लेकिन हमें बीजेपी की जरूरत नहीं है।”
तीन सप्ताह पूर्व माहौल इस तरह का नहीं था जब प्रधानमंत्री मोदी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए केरल दौड़े आए थे और मीडिया के एक हिस्से ने इसे एक संभावित गेम चेंजर के तौर पर पेश किया था।

अरुंधति ने कहा कि मोदी जब यहां आए तो मैं बहुत दुखी महसूस कर रही थी। हजारों लोगों ने निकल कर उन पर फूल बरसाये। और सबसे बुरा यह रहा कि क्रिश्चियन चर्च के कई हिस्से उनके पास गए और उनसे मिले।
साइरो-मालाबार चर्च के मुख्य आर्क बिशप मार जॉर्ज अलेंचरी समेत दूसरे छह आर्क बिशपों ने कोचि में मोदी से मुलाकात की।
ईसाई धर्मगुरुओं समेत कई दूसरे हिस्सों की आलोचना का सामना करने के बाद एलेंचरी ने कहा कि मुलाकात का उद्देश्य किसानों और मछुवारों के मुद्दों और गरीबों के आरक्षण के मुद्दे पर बातचीत करना था।
कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षक कह रहे थे कि मुद्दा बेहद जटिल है और इसके आर्थिक समेत कई आयाम हैं। लेकिन रॉय ने अपने सवाल को बिल्कुल साफ-साफ रखा।

लेखिका ने पूछा कि “यह कैसे संभव (बैठक) है यानि जो कुछ हो रहा है उसके बारे में आप कुछ नहीं जानते? आप जानते हैं मणिपुर में क्या हो रहा है? क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में क्या हो रहा है? और क्या आप जानते हैं कि ईसाइयों के साथ झारखंड में क्या हो रहा है?”
क्या आप जानते हैं कि पिछले दो सालों में ईसाई चर्चों पर 300 से ज्यादा हमले हुए हैं? आप इन लोगों से बातचीत भी कैसे कर सकते हैं?
अरुंधति ने कहा कि केरल को जीतना जिसने बीजेपी को हमेशा खारिज किया है, पार्टी के लिए एक अहम का मुद्दा बन गया है।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)
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