गिरफ्तार चारों सदस्य।

हाथरस जाते केरल के पत्रकार को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया

नई दिल्ली। केरल की एक लोकप्रिय वेबसाइट के पत्रकार समेत चार लोगों को योगी सरकार की पुलिस ने मुथरा में गिरफ्तार कर लिया है। उसका कहना है कि ये सभी पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं। ये चारों लोग दिल्ली से हाथरस एक कार में जा रहे थे जब पुलिस ने इन्हें रोका और फिर गिरफ्तार किया। प्रेस क्लब ने बयान जारी तक गिरफ्तार पत्रकार की तत्काल रिहाई की मांग की है।

पुलिस के मुताबिक अतीकुर रहमान, सिद्दीक कप्पन, मसूद अहमद और आलम को उसने इस सूचना के बाद टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया कि कुछ संदिग्ध लोग दिल्ली से हाथरस जा रहे हैं। उनके मोबाइल, लैपटाप और साहित्य को जो शांति के लिए खतरा हो सकते हैं, जब्त कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि सवाल-जवाब के दौरान इन लोगों ने बताया कि वे पीएफआई के संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े हुए हैं। 

केरला यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने एक बयान में कहा है कि एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन मौजूदा परिस्थिति को कवर करने के लिए सोमवार को हाथरस गए थे। उल्लेखनीय है कि कप्पन खुद पत्रकारों के इस संगठन की दिल्ली इकाई के सचिव हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे एक पत्र में संगठन ने कप्पन को जल्द से जल्द रिहा करने की अपील की है।

पत्र में कहा गया है कि “हम जानते हैं कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस के टोल प्लाजा से अपनी हिरासत में लिया है। हमारे और दिल्ली में रहने वाले कुछ वकीलों के उससे संपर्क करने के प्रयास को सफलता नहीं मिली। उसको कस्टडी में लेने के मामले में न तो हाथरस पुलिस स्टेशन और न ही राज्य के पुलिस विभाग ने कोई सूचना दी।”

लोकप्रिय मलयालम वेबसाइट अझीमुखम के संपादक केएन अशोकन जो कप्पन के साथ काम कर चुके हैं, ने एनडीटीवी को बताया कि “वे हमारी वेबसाइट में लिखते हैं। जहां तक मुझे जानकारी है वह इस तरह का कोई संपर्क नहीं रखते (पीएफआई से)। उन्होंने कल सुबह हम लोगों को सूचना दी थी कि वह हाथरस जा रहे हैं। उसके बाद से ही हम लोग उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक सफल नहीं हुए। उनकी हिरासत के बारे में खबरों के जरिये हमें सूचना मिली।”

आपको बता दें कि यूपी सरकार ने पिछले साल पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी जब उसके लोगों ने सीएए विरोधी आंदोलन में हिस्सा लिया था।

दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ने तत्काल कप्पन को रिहा करने की मांग की है। प्रेस क्लब के अध्यक्ष आनंद के सहाय और सचिव अनंत भगैतकर ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि हम बगैर देरी किए कप्पन की रिहाई की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि हाथरस मामले में जिस तरह से षड्यंत्र की बात योगी सरकार कर रही है उसी लाइन पर इस मामले का भी यूपी प्रशासन हाथरस के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। और इस मामले में उन्हें इस बात की पूरी आशंका है कि यूपी पुलिस पत्रकार कप्पन के खिलाफ आतंकवाद विरोधी गतिविधियों से जुड़े प्रावधानों का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाएगी।

यूपी में केरल के पत्रकार की गिरफ्तारी बताती है कि यूपी पुलिस पत्रकारों को उनका काम नहीं करने देना चाहती है। मीडिया को रोकने का मतलब है कि प्रशासन तथ्यों को जनता के सामने नहीं लाने देना चाहता है।

इस बीच यूपी पुलिस हाथरस के पीड़ितों से मिलने जा रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है। इनमें से कई लोगों के खिलाफ शांति भंग करने और देशद्रोह तक के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उन पर जातीय तनाव को फैलाने की साजिश का भी आरोप लगा है। कल से मीडिया के एक हिस्से में यूपी सरकार को बदनाम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात दोहराई जा रही है।

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