पटना। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने सिवान के भगवानपुर हाट प्रखंड में जहरीली शराब से दलित-अति पिछड़े समुदाय के गरीबों के रचाये गए जनसंहार पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा यह कोई पहली घटना नहीं है, लेकिन शराब बंदी की दुहाई देने वाली सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा। शराब माफियाओं को सरकार और प्रशासन का खुलेआम संरक्षण रहता है। इस कारण जहरीली शराब से हो रही लगातार मौतों पर रोक लगा पाने में सरकार विफल रही है।
राजनेता–प्रशासन और शराब तस्करों का गठजोड़ बिहार में जहरीली शराब के अवैध वितरण में पूरी तरह से लगा हुआ है और इसकी पूरी जानकारी सरकार को है। यह एक आपराधिक कृत्य है। इतने बड़े पैमाने पर हुई मौत से हम सब मर्माहत है।
हम मांग करते हैं कि अब भी सरकार गंभीरता से शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करे अन्यथा जहरीली शराब का तांडव आगे भी जारी रहेगा।
घटना की जानकारी मिलते ही सिवान के दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम ने सिवान सदर अस्पताल पहुंचकर घायलों और मृतकों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले को पूरी तरह रफा–दफा कर देने के मूड में था।
उनके हस्तक्षेप के बाद सदर अस्पताल में आम लोगों को एंट्री मिली और हमने वहां का भयावह दृश्य देखा। 14 लोगों की मौत सिवान सदर अस्पताल में हुई है और यह आंकड़ा 27 के ऊपर जा रहा है।
संभव है यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो। भगवानपुर हाट के इलाके में 60 से 65 गांव जहरीली शराब के प्रभाव में आए। इतने बड़े पैमाने पर जहरीली शराब का वितरण कैसे हुआ, कहां से आया-यह बिना प्रशासन की जानकारी के संभव ही नहीं है।
हम मांग करते हैं इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच हो। मृतक परिवारों के लिए हमने लड़कर मुआवजे का ऐलान करवाया था। सभी मृतक परिजनों को मुआवजा मिले और घायलों का उचित इलाज की गारंटी बिहार सरकार करे।
(प्रेस विज्ञप्ति)
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