नई दिल्ली। संसद सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मोइत्रा को शुक्रवार 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। लोकसभा की आचार समिति ने महुआ के खिलाफ सदन के पटल पर रिपोर्ट पेश की और उन्हें सदन से निकाले जाने का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद प्रस्ताव पारित हो गया और टीएमसी नेता की संसद सदस्यता खत्म कर दी गई।
इससे पहले कहा जा रहा था कि महुआ अपने निष्कासन के खिलाफ कानूनी विकल्प तलाश रही थीं। लेकिन जब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने यह साफ कर दिया कि मोइत्रा कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी की उम्मीदवार होंगी तब मोइत्रा रविवार को कृष्णानगर सीट से मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के पास पहुंचीं।
एक वीडियो में मोइत्रा ने आम जनता और पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के निर्वाचन क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का आभार जताया है।
मोइत्रा के खिलाफ अक्टूबर में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि उन्होंने संसद में गौतम अडानी के खिलाफ सवाल पूछने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रुपये और उपहार लिए थे।
19 अक्टूबर को आचार समिति को दिए एक हलफनामे में हीरानंदानी ने दावा किया था कि मोइत्रा ने उन्हें लोकसभा सदस्यों की वेबसाइट के लिए अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया किया था ताकि वह उनकी ओर से सीधे “प्रश्न पोस्ट” कर सकें।
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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