रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के समानांतर ममता बनर्जी ने रैली निकाल सर्वधर्म सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता का दिया संदेश

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार 22 जनवरी को रामलला प्राण-प्रतिष्ठा के समानांतर सर्व-धर्म सद्भाव रैली निकाली। रैली में अलग-अलग धर्मों के धार्मिक नेता और पार्टी नेता शामिल हुए। रैली को कोलकाता के हाजरा मोड़ से शुरू किया गया। ममता बनर्जी ने सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया।

रैली को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। जहां अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा किया गया वहीं ममता बनर्जी ने सभी धर्मों को जोड़ने और सभी धर्मों की एकता के संदेश पर जोर देते हुए ‘संहति रैली’ निकाली और सभी धर्मों के लोगों को एकजुट कर उनके साथ मार्च किया और ‘सर्व धर्म समभाव’ का संदेश दिया।

कोलकाता के काली मंदिर में ममता बनर्जी

तूणमूल कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि “हमारे राष्ट्र का धर्मनिरपेक्ष धागा जो हम सभी को जोड़ता है वह पहले से कहीं अधिक मजबूत बना हुआ है।”

ममता बनर्जी ने कोलकाता के कालीघाट मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद हाजरा मोड़ से पार्क सर्कस मैदान में पहुंची। जहां उन्होंने एक मस्जिद का दौरा किया। उसके बाद ममता बनर्जी ने रैली में आए लोगों को संबोधित किया। मंच पर उनके साथ भतीजे अभिषेक, टीएमसी के कई सांसद, विधायक और सभी धर्मों के धार्मिक नेता मौजूद थे।

चर्च में प्रार्थना करतीं ममता बनर्जी

इस दौरान वे पार्क सर्कस सेवन पॉइंट क्रॉसिंग पर एक कैथोलिक चर्च में भी गईं। उसके बाद उन्होंने एक गुरुद्वारे का दौरा किया। रैली के दौरान ममता बनर्जी ने सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों का दौरा करके धर्मनिरपेक्षता और एकजुटता का संदेश दिया।

वहीं ममता बनर्जी के साथ-साथ टीएमसी के किसी भी नेता ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लिया। इससे पहले बनर्जी ने इसे लोकसभा चुनाव में ‘चुनावी हथकंडा’ बताकर इसकी आलोचना की थी।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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