बोकारो: ईएसएल वेदांता में नौकरी की मांग पर हिंसक भिड़ंत, सुरक्षाकर्मियों समेत कई लोग घायल

बोकारो, झारखंड। बोकारो स्थित ईएसएल (इलेक्ट्रो स्टील लिमिटेड) वेदांता प्लांट के बाहर स्थानीय लोगों की कंपनी के सुरक्षाकर्मियों और पुलिस से जमकर हिंसक झड़क हुई। इस झड़प में सुरक्षाकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए। यह झड़प उस वक्त हुई जब स्थानीय लोग नियोजन की मांग को लेकर कंपनी के गेट पर आंदोलन कर रहे थे। स्थानीय लोग नियोजन समेत 12 सूत्री मांग को लेकर जेबीकेएसएस (झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति) के बैनर तले लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।

इस आन्दोलन को विफल करने के लिए कंपनी के अनुरोध पर जिला प्रशासन ने क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगा दिया था। लेकिन आन्दोलनकारियों ने प्रशासन की इस कार्रवाई की परवाह किए बिना 27 नवंबर को कंपनी के गेट को जाम कर दिया और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी।

जिसके बाद आंदोलनकारियों और सुरक्षाकर्मियों में हिंसक भिड़ंत हो गई। दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी और लाठियां भांजी गईं। जेबीकेएसएस (झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति) के प्रदर्शन के दौरान हुई इस घटना में सियालजोरी ओपी प्रभारी ललन पासवान सहित करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी, कंपनी के गार्ड और कई ग्रामीण घायल हो गए।

मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। खबर लिखे जाने तक जाम जारी है। इस आंदोलन के कारण प्लांट के कर्मी भी परेशान हैं। बीती रात लगभग दो हजार स्टाफ नाश्ते के लिए लाइन में लगे रहे। हालात संभालने में चार घंटे लग गए।

निषेधाज्ञा के बाद भी गेटजाम

ईएसएल वेदांता में आंदोलन की पूर्व सूचना के आलोक में चास के अनुमंडल पदाधिकारी दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने 27 नवंबर को ही इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। कंपनी के 47 खाता रोड तथा RMHS गेट रोड से पांच किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी थी। इसके बाद भी जाम लगाया गया और धरना-प्रदर्शन हुआ।

सीओ की गाड़ी पर पथराव, कई वाहनों के शीशे टूटे

प्रदर्शन के दौरान ग्रामीण इतने उग्र हो गए कि चंदनकियारी के सीओ की गाड़ी पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना में ओपी प्रभारी ललन पासवान को सिर पर और होमगार्ड किरण कुमारी की आंख में चोट लगी है। उनका बोकारो जनरल (बीजीएच) में इलाज चल रहा है। इसके अलावा, कई सुरक्षाकर्मी और कुमाटांड़ की लक्ष्मी देवी, मधुनिया के दिलीप महतो और अर्जुन महतो भी घायल हो गए।

इस मामले को लेकर ईएसएल वेदांता की ओर से सियालजोरी थाना में ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया की जा रही थी। इधर, शाम लगभग 4 बजे कुछ लोग फिर उग्र हो गए, उन्होंने ब्रिज गेट पर एक पुलिस वाहन (चास मुफस्सिल) पर हमला कर दिया। इससे वाहन का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया। गश्त के दौरान एक पुलिस कर्मी के सिर और उंगली पर चोट लगी।

प्रबंधन ने की निंदा, कहा- बातचीत से हो समस्या का समाधान

इधर, ईएसएल वेदांता प्रबंधन ने घटना के संबंध में अपना बयान जारी करते हुए कहा कि समस्या का बातचीत के माध्यम से समाधान होना चाहिए। स्थानीय लोगों ने कानून अपने हाथ में ले लिया। पुलिस और हमारे सुरक्षाकर्मियों पर लाठियों और पत्थरों से हमला किया है। इसमें कई पुलिसकर्मी और सुरक्षा गार्ड घायल हो गए हैं। प्लांट गेट के बाहर निजी, सरकारी और पुलिस वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रबंधन इसकी निंदा करता है।

कंपनी की ओर से अनंघा जोशी द्वारा जारी बयान में प्रबंधन का दावा है कि 13 जून, 2023 को ईएसएल, जेबीकेएसएस और थाना प्रभारी, सियालजोरी/ बनगड़िया के बीच त्रिपक्षीय चर्चा के सभी 13 बिन्दुओं में से 90 फीसदी का सौहार्दपूर्ण समाधान हो गया है। इस्पात कारखाने के निर्माण के लिए जिन लोगों ने अपनी-अपनी जमीन दी थी, उनमें से हरेक को पर्याप्त और न्यायोचित रूप से क्षतिपूर्ति कर दी गई है।

कंपनी ने कहा कि कोई भी जमीनदाता छूट न जाय, यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने समय लिया है। यदि कोई मामला बचा रह गया होगा, तो समझौते के अनुसार उसका निपटारा कर दिया जाएगा। प्रबंधन का कहना है कि एक संगठन के रूप में ईएसएल अपने परिचालन क्षेत्र के आसपास के सभी समुदायों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। बातचीत के द्वारा सभी समस्याओं का सौहार्दपूर्ण समाधान किया जा सकता है।

(विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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