लखीमपुर खीरी: पंचायत चुनावों में बीजेपी के ही विधायक और ब्लाक प्रमुख आपस में भिड़े, हवा में लहरायी गयी रिवाल्वर

लखीमपुर खीरी। माफियाओं की गुंडागर्दी और एनकाउंटरों के लिए बदनाम यूपी में होने वाले पंचायत चुनावों में हिंसा की नई आशंका पैदा हो गयी है। अभी जबकि नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई है तभी उसके ट्रेलर दिखने लगे हैं। लखीमपुर खीरी में कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। यहां विधायक और निवर्तमान ब्लाक प्रमुख आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच पहले गाली गलौज हुई उसके बाद बात मारपीट तक पहुंच गयी। और इस बीच ब्लॉक प्रमुख के भाई ने रिवाल्वर भी निकाल लिया। दिलचस्प बात यह है कि दोनों सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी से जुड़े हुए हैं। विवाद बीडीसी प्रत्याशी के नामांकन पर्चे की वापसी को लेकर शुरू हुआ। सदर विधायक योगेश वर्मा चाहते थे कि बीडीसी का एक प्रत्याशी अपना पर्चा वापस ले ले जिससे उनके समर्थक प्रत्याशी की निर्विरोध जीत हो जाए। लेकिन नकहा के मौजूदा ब्लॉक प्रमुख पवन गुप्ता उसका विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि प्रत्याशी की गैरमौजूदगी में पर्चा कतई वापस नहीं होगा। और ऐसा होता है तो इसका कड़ा विरोध होगा।

इस कहासुनी में दोनों के बीच जमकर गाली गलौज हुआ और दोनों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी। अभी मामला आगे बढ़ ही रहा था कि तब तक वहां विधायक के समर्थकों की संख्या बढ़ गयी और फिर दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गयी। इस मौके पर सामने आये वीडियो में बिल्कुल स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि नीली टी शर्ट पहने विधायक वर्मा किस तरह से ब्लाक प्रमुख पवन गुप्ता को हड़का रहे हैं। एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है जिसमें ब्लाक प्रमुख के भाई संजय गुप्ता रिवाल्वर निकाल कर हवा में लहराते दिख रहे हैं। अभी यह सब कुछ चल ही रहा था कि तभी एसडीएम सदर व सीओ भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। और दोनों के बीच बीच-बचाव करने की कोशिश की। इस बीच बताया जा रहा है कि बीजेपी जिलाध्यक्ष ने दोनों पक्षों को दफ्तर में उनके सामने पेश होने के लिए कहा है।

उधर सबसे दिलचस्प बात यह है कि विधायक जिस शख्स का नामांकन वापस कराना चाहते थे उसका नाम वापस हो गया है। इस तरह से कहा जा सकता है कि सत्ता पक्ष के संरक्षण में लोकतंत्र को यहां जिंदा दफना दिया गया।     

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