अडानी मामले में भारत सरकार नहीं कर रही है सहयोग: अमेरिकी एजेंसी

नई दिल्ली। अडानी के खिलाफ अमेरिका में चल रहे मुकदमे में अपडेट आया है। अमेरिका का कहना है कि इस मामले में भारत सरकार अमेरिकी एजेंसियों को सहयोग नहीं कर रही है। न्यूयॉर्क स्थित अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्स्चेंज कमीशन (एसईसी) ने यह बात वहां की स्थानीय कोर्ट को बतायी है। दरअसल न्यूयॉर्क की स्थानीय कोर्ट ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ समन जारी कर रखा है। जिसमें उसने इस समन को दोनों आरोपियों तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार से सहयोग की अपील की है। इस सिलसिले में उसने हेग कन्वेंशन का हवाला भी दिया था जिसमें कोई भी विदेशी सरकार जरूरमंद देश को इस तरह के मामलों में सहयोग करने के लिए बाध्य है। लेकिन भारत सरकार ने उसका पालन नहीं किया।

एसईसी की ओर से जारी नोटिस के हवाले से जो बात सामने आयी है उसके मुताबिक एजेंसी ने 23 अप्रैल, 2025 को कोर्ट को स्टैटस रिपोर्ट दी थी। जिसमें उसने भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय से संपर्क की बात कही थी। लेकिन उसका कहना है कि मंत्रालय की तरफ से उसको कोई सहयोग नहीं मिला।

एसईसी ने कोर्ट में यह शिकायत 20 नवंबर, 2024 को दर्ज करवाई थी। जिसमें उसने कहा था कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने अपने लोन के सिलसिले में गलत और भ्रामक सूचनाएं दी हैं। और इस तरह से उसने फेडरल सिक्योरिटी कानूनों का उल्लंघन किया है। एजेंसी का कहना था चूंकि बचावकर्ता भारत में रहता है इसलिए यह पूरा मामला फेडरल रूल ऑफ सिविल प्रोसीजर (एफआरसीपी) के रूल नंबर 4(F) के तहत आता है। 

हालांकि इस कानून के तहत एजेंसी के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। और वह अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के जरिये कभी भी समन को तामील करवा सकती है। फरवरी और अप्रैल दोनों के स्टैटस अपडेट के मुताबिक एजेंसी ने भारत के विधि और न्याय मंत्रालय से संपर्क किया था। और हेग कन्वेंशन के आर्टिकिल 5 (a) के तहत उसने बचावकर्ता को समन सर्व करने की उससे अपील की थी।

एजेंसी ने समन के साथ ही शिकायत की कॉ़पी को भी बचावकर्ता और उसके वकील को देने की बात कही थी। मजिस्ट्रेट को दिए अपने अपडेट में एजेंसी ने बताया कि उसने भारत के कानून और विधि मंत्रालय से संपर्क किया है और उनसे संबंधित न्यायिक प्राधिकर्ताओं के जरिये बचावकर्ता को समन और शिकायत भेजने की अपील की है। लेकिन इसके साथ ही एईसी का मानना है कि उन अधिकारियों ने अभी तक उसे सर्व नहीं किया है।

इस बीच एजेंसी ने कहा है कि वह कोर्ट को अपडेट देती रहेगी। अगली स्टैटस रिपोर्ट 11 अगस्त, 2025 को दिया जाना है, जो 26 जून, 2025 को जारी कोर्ट के नये आदेशों के तहत होगा। 

इस पर भारत से कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आयी हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा है कि यह आश्चर्यजनक है कि हेग कन्वेंशन के तहत बाध्य होने के बावजूद मोदी सरकार अमेरिका के एसईसी द्वारा अडानी को समन दिए जाने में सहयोग नहीं कर रही है। क्या यह अडानी के सरकार की गोद में बैठने का मामला है या फिर सरकार के अडानी की गोद में बैठने का?

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