मोदी-शाह के हाथ से निकल रही है चुनाव की गांगुली डोर!

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बीसीसीआई के अध्यक्ष और क्रिकेट की दुनिया के एक सितारा सौरव गांगुली स्वस्थ होकर घर वापस चले गए। दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अपने जमाने में सौरभ ने क्रिकेट के मैदान में कई शतक लगाकर क्रिकेट प्रेमियों के अरमानों को पूरा किया था। दूसरी तरफ चुनावी मैदान में दोहरा शतक लगाने की भाजपा की उम्मीद भी काफी हद तक सौरव गांगुली पर टिकी थी।

डॉक्टरों के मुताबिक करीब तीन सप्ताह बाद, यानी फरवरी में, उनकी आर्टरी में दो और स्टिंट लगाए जाएंगे। अलबत्ता डॉक्टरों ने कहा है कि वह इसके बाद तो मैराथन में भी हिस्सा ले सकेंगे। अब डॉक्टर चाहे जितना भरोसा दिलाएं लेकिन फरवरी में दो स्टिंट लगाए जाने के बाद चुनावी मैदान में भगवा बल्ला लहराते हुए सौरव गांगुली दो शतक बना पाएंगे इसकी उम्मीद कम ही लगती है। सौरव गांगुली के अस्पताल में भर्ती होने के बाद से भाजपा नेताओं की बेचैनी से उनकी उम्मीदों की झलक मिलती है। गृहमंत्री अमित शाह ने कैलाश विजयवर्गीय को सौरव का हाल जानने के लिए अस्पताल रवाना कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी फोन करके सौरव का हाल पूछा। अमित शाह ने तो दिल्ली लाने के लिए एंबुलेंस हेलीकॉप्टर देने की पेशकश भी कर दी। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी सौरव का हाल जानने के लिए लखनऊ से कोलकाता आ गए। अब यह बात दीगर है कि उन्होंने भले ही अपने जीवन में कभी क्रिकेट का बल्ला थामा ही ना हो।

अस्पताल में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की कतार लगी  रहती थी। अब यह बात दीगर है कि उनमें से कुछ को सौरव के आने की उम्मीद थी तो बाकी को भरोसा था कि अब सौरव नहीं जा पाएंगे। दरअसल भाजपा को जरूरत है एक ऐसी सूरत की जो बंगाल के मतदाताओं को लुभा सके। दूसरी तरफ ममता बनर्जी हैं तो माकपा के नेता सूर्यकांत मिश्रा और कांग्रेस के चौधरी भी हैं। इसलिए भाजपा को सौरव गांगुली से बहुत उम्मीद थी।  दरअसल उम्मीद का यह अंकुर उस दिन फूटा था जिस दिन अमित शाह से लंबी मुलाकात के बाद सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष और जय शाह सचिव चुने गए थे। पर नियति को सियासत का यह खेल शायद पसंद नहीं था। भाजपा अभी इंतजार कर रही है लेकिन कारपोरेट जगत ने पहल शुरू कर दी है।

अडानी समूह ने दिल को स्वस्थ रखने वाले फॉर्चून राइस ब्रान ऑयल के उस विज्ञापन को बंद कर दिया है जिसके ब्रांड एंबेसडर सौरव गांगुली है। क्या सौरव गांगुली चुनावी मैदान में उतरने के बाद भाजपा को दो सौ विधायक दिला देते, इस सवाल का जवाब तो वक्त ही देगा। यह बंगाल के एक जमाने के धाकड़ कांग्रेसी नेता अतुल्य  घोष की यह टिप्पणी बेहद मौजू है। उन दिनों मिहिर सेन ने तैर कर बंगाल चैनल पार किया था और ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय थे। लिहाजा बंगाल में उनकी लोकप्रियता चरम पर थी। उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की अतुल्य घोष ने कहा था कि सियासत के समुद्र के सामने बंगाल चैनल की हैसियत एक तालाब भर है। अतुल्य घोष का आकलन सही साबित हुआ और मिहिर सेन चुनाव हार गए थे।

(कोलकाता से वरिष्ठ पत्रकार जेके सिंह की रिपोर्ट।)

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