लखनऊ। देश भर में ग्रामीण डाक कर्मचारी पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। वे सब जिला मुख्यालय पर एकत्र होकर धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहे हैं। गुरुवार को देश भर में लगभग 2 लाख 71 हजार डाक कार्मचारियों ने काम को बंद कर हड़ताल में शामिल हुए। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगभग 1000 डाक कर्मचारी भूख हड़ताल पर हैं। ग्रामीण डाक कर्मचारी सेवा शर्तों में सुधार की मांग कर रहे हैं। डाक कर्मचारी 12 दिसंबर से हड़ताल पर हैं।
गौरतलब है कि ग्रामीण डाक कर्मचारी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गांववासियों एवं प्रदेश में रह रहे उनके परिजनों के बीच संपर्क सूत्र का काम करते हैं। लेकिन ग्रामीण डाक कर्मचारी को वेतन एवं सुविधाओं के नाम पर कुछ खास नहीं मिलता है।
ग्रामीण डाक कर्मचारियों को बहुत कम मानदेय मिलता है जबकि उनका काम प्रत्येक वर्ष बढ़ा दिया जा रहा है। डाक कर्मचारियों की मांग है कि उनके काम के घंटे को बढ़ाकर 8 घंटे किया जाए, और उनकों नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधा दी जाए।
राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। पूर्ण रूप से सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त करने, पेंशन व तमाम मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में सभी ग्रामीण डाक सेवक संघों ने गुरुवार को भी अपनी आवाज बुलंद रखी। पूरे जिले में डाक सेवाएं पिछले तीन दिनों से प्रभावित चल रही है जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
देश भर में पिछले तीन दिनों से ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर है जिसमें उनकी प्रमुख मांग पूर्ण रूप से सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त करने संबंधित है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के बैनर तले सचिव अनिल कुमार शुक्ला के नेतृत्व में गुरुवार को भी धरना-प्रदर्शन जारी रही। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डाक का वितरण एवं बैंकिंग ठप हो चुका है एवं पेंशन, किसान सम्मान निधि योजना के खाते भी नहीं खुल पा रहे हैं, जिससे आमजन पिछले तीन दिनों से परेशान चल रहे है। उत्तर प्रदेश परिमंडल के सचिव सीबी तिवारी ने कहा है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी डाक सेवाएं पुनः शुरू नहीं हो सकती। इस मौके पर अध्यक्ष सुरेश कुमार पांडे, मंत्री देवेश तिवारी व सदस्य अनुराग सिंह, धीरज पटेल, आबिद अली, अनूप, सचिन, अमित द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
(जनचौक की रिपोर्ट)
+ There are no comments
Add yours