देवेंद्र फडनवीस के संरक्षण में पाकिस्तान और बांग्लादेश तक जाली नोटों का कारोबार: नवाब मलिक

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“मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडनवीस महाराष्ट्र में जाली नोटों का कारोबार कर रहे थे। उनके ही संरक्षण में पाकिस्तान और बांग्लादेश तक यह कारोबार हो रहा था। ” यह आरोप लगाया है महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने। आज प्रेसवार्ता आयोजित कर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद देश में कई जगहों पर जाली नोट पकड़े गए थे, लेकिन महाराष्ट्र में पूरे एक साल तक एक भी केस सामने नहीं आया था।

8 अक्तूबर 2017 को महाराष्ट्र में हुई एक छापेमारी में 14 करेाड़ 56 लाख से ज्यादा के जाली नोट पकड़े गए थे। उस मामले को देवेंद्र फडनवीस ने रफा-दफा करने का काम किया। छापेमारी को मात्र 8 लाख 80 हजार बताकर मामले को दबाया गया। मामला दर्ज हुआ और कुछ ही दिनों में जमानत हो गई। इस मामले को एनआईए के पास नहीं भेजा गया। क्योंकि, जो लोग जाली नोट का रैकेट चला रहे थे, उन्हें तत्कालीन सरकार का संरक्षण प्राप्त था।

नवाब मलिक ने आरोप लगाते हुये आगे कहा कि जब जाली नोट का मामला सामने आया तब समीर वानखेड़े ही इस मामले की जांच कर रहे थे। यह इत्तेफाक हो सकता है, लेकिन एक ही अधिकारी हर बार कैसे? इस मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समीर वानखेड़े, देवेंद्र फडनवीस का करीबी है। इसलिए उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है। डीआरआई ने मुंबई में जाली नोट के ख़िलाफ़ छापेमारी की थी। केस को हल्का करने के लिए समीर वानखेड़े के जरिए मदद की गई।

दाऊद के क़रीबी से फडनवीस का संबंध

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि फडनवीस ने मुख्यमंत्री रहते हुए अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाले लोगों को ही राजनैतिक पद प्रदान किए। देवेंद्र फडनवीस ने माफिया मुन्ना यादव को कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। जबकि उस पर हत्या के कई मामले दर्ज़ थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दाऊद के करीबी रियाज भाटी के जरिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस धन उगाही का काम कर रहे थे। लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ करके वसूली की जाती थी। ज़मीन मालिकों को पकड़कर लाया जाता था और सारी ज़मीनें अपने नाम लिखा ली जाती थीं। उनके कार्यकाल में लोगों के पास विदेशों से गुंडों के फोन आते थे।

नवाब मलिक ने आगे कहा कि दाऊद इब्राहिम का क़रीबी रियाज भाटी दो पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया था। जिस आदमी को दो पासपोर्ट के साथ पकड़ा जाए, उसे दो दिनों में ही ज़मानत मिल जाती है। वह भाजपा के कार्यक्रमों में दिखता था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की डिनर टेबल पर दिखता था। इतना ही नहीं फडनवीस के आशीर्वाद से ही रियाज भाटी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम तक पहुंच गया था।

वहीं जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने भाषाई गरिमा का परित्याग करते हुये प्रसिद्ध आइरिश नाटककार जॉर्ज बर्नाड शॉ की पंक्तियों को ट्वीट किया है। इसका अनुवाद कुछ इस तरह है, ‘आज का विचार, मैंने बहुत समय पहले सीखा था, कभी सुअर से लड़ाई मत करो। इससे आप गंदे हो जाएंगे लेकिन सुअर इसे पसंद करेंगे।’

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