लखनऊ। उन्नाव जिले में कार्यरत एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की इलाज के अभाव में कोरोना से तड़प-तड़प कर मौत हो गयी। कामिनी निगम नाम की इस महिला को पहले उन्नाव सदर ले जाया गया लेकिन वहां कोई बेड न खाली होने पर कानपुर हैलेट अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन वहां भी उन्हें बेड नसीब नहीं हुआ। नतीजतन निगम की तड़प-तड़प कर मौत हो गयी। इस शर्मनाक घटना की राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों ने कड़ी भर्त्सना की है। इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कोरोना को लेकर एक फिर योगी सरकार पर निशाना साधा है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मौत के सिलसिले में वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर उनके आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। पत्र में वर्कर्स फ्रंट ने सीएम के संज्ञान में लाया कि कोरोना महामारी में सरकार के आदेश के तहत आंगनवाड़ी कामिनी निगम सर्वेक्षण का कार्य कर रही थीं। इसी कार्य के दौरान वह कोरोना संक्रमित हो गयीं। लिहाजा उन्हें कोरोना वैरियर का दर्जा मिलना चाहिए और उसके मुताबिक ही उनका मुआवजा भी बनता है।
खास बात यह है कि उनके इलाज के लिए उन्नाव सदर के विधायक पंकज गुप्ता तक ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कोरोना महामारी से निपटने की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और अपनी असहायता को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने लिखा कि उनकी बात तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नहीं सुनी और न ही इलाज का इंतजाम किया।

कपूर ने इस सिलसिले में अपर मुख्य सचिव राजस्व रेनुका कुमार के उस शासनादेश का हवाला दिया जिसमें कोरोना के कार्य में लगे स्थायी/अस्थायी कर्मचारी या अन्य किसी भी तरह के कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 50 लाख रुपये का बीमा राज्य सरकार द्वारा दिए जाने की बात की गयी थी। लिहाजा कपूर ने तत्काल प्रभाव से शासनादेश के अनुसार उन्नाव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कामिनी निगम के आश्रितों को 50 लाख का मुआवजा देने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की।
इसके साथ ही वर्कर्स फ्रंट ने पत्र में कहा कि आंगनवाड़ियों के जुलाई माह से मानदेय पर रोक लग गयी है। जून माह में किए कार्य का मानदेय भी अभी तक नहीं प्राप्त हुआ है। यह भी सूचना लगातार मिल रही है कि उम्र का 62 वर्ष पूरा कर चुकी आंगनवाड़ियों को लगातार जनपदों में सेवा से पृथक किया जा रहा है जो किसी भी रूप में कानून सही नहीं है।
इस बीच, आज एक बार फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सूबे कोरोना व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है। और इसमें सीधे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को निशाना बनाया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि यूपी के दो प्रमुख नगरों लखनऊ और गोरखपुर के सरकारी अस्पतालों में बेड फुल हो जाने की खबरें हैं। कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और अस्पतालों की ये स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने आगे कहा कि तीन महीने पहले सरकार के समक्ष उठाई गई चिंताएं आज हकीकत के रूप में सामने आ रही हैं। अब टेपरिकॉर्डर जैसी चलने वाली प्रेस वार्ताओं से यूपी सरकार का काम नहीं चलेगा। इस स्थिति पर ध्यान देना ही होगा।