गुजरात: कोरोना की दूसरी लहर में अस्पताल ही नहीं, श्मशान में भी लग रही है लाइन

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अहमदाबाद। कोविड 19 की दूसरी लहर ने गुजरात को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार रविवार तक कोविड से 4797 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। रविवार को एक दिन में 54 लोगों की मृत्यु हुई। जिसमें सबसे अधिक अहमदाबाद से 24 और सूरत से 18 लोगों के कोविड से मरने की खबर है। कोरोना से हो रही मौतों पर जारी आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि नगर निगम या सरकार के जारी आंकड़ों और श्मशान घाट के आंकड़ों में अंतर आ रहा है। शुक्रवार को नगर निगम द्वारा जारी संख्या के अनुसार एक दिन में कोरोना से 12 मौत हुई है। जबकि अहमदाबाद के 13 श्मशान घाट के रजिस्टर में दर्ज आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को 23 अंतिम संस्कार कोराना गाइड लाइन से हुए हैं। सबसे अधिक 5 दाह संस्कार जमालपुर सप्तऋषि शमशान घाट में हुए। ठलतेज -3 , एलिस ब्रिज – 3, वाडज – 2 ,ओढव – 2 , प्रहलाद नगर – 2 , लीलानागर -2 , मकरबा – 1, बिलोल नगर – 1, हाटकेश्वर – 1, घंटी टेकरा – 1, इशनपुर – 1, वेजलपुर – 1

श्मशान घाट के कर्मचारी और नगर निगम के अधिकारी श्मशान घाट के आंकड़े नहीं दे रहे हैं। कर्मचारी से बात करो तो कहते हैं अधिकारी से बात करो हमें पत्रकारों से बात करने से मना किया गया है। एलिस ब्रिज श्मशान घाट के कर्मचारी ने जब हम से बात करने को मना किया तो अहमदाबाद नगर निगम के डिप्टी हेल्थ ऑफिसर डॉ. मेहुल आचार्य से बात की तो उन्होंने साफ बात करने से मना कर दिया।

अहमदाबाद नगर निगम के जमाल पुर सप्तऋषि श्मशान घाट में पंजीकरण अधिकारी वीनू भाई जीवा भाई पटेल कहते हैं।” अहमदाबाद में 24 श्मशान घाट हैं जिसमें से 13 श्मशान घाट में सीएनजी भट्टी की सुविधा है। कोरोना से हुई मृत्यु को सरकारी गाइड लाइन का पालन करते हुए अंतिम दाह संस्कार किया जाता है। आज (12-4-2021) रात आठ बजे तक 28 दाह संस्कार हुए हैं जिसमें से 6 कोरोना के थे। कोरोना का एक मृत देह वेटिंग में है एक आने वाला है। यहां सीएनजी की दो भट्टी हैं। एक खराब होने के कारण कोरोना देह को वेटिंग में रखना पड़ रहा है। एक देह को जलने में एक घंटा लगता है फिर भट्टी को ठंडा करना पड़ता है। आम दिनों में देह वेटिंग में नहीं रहते अचानक कोरोना से बढ़ रही मृत्यु दर से सभी जगह आज वेटिंग है।

50 वर्षीय वीनू भाई पटेल पिछले दो सालों से अहमदाबाद के इसी श्मशान घाट में मृत देह का पंजीकरण का कार्य देखते हैं। यह एक क्लरिकल पद है। वीनू भाई कहते हैं “कोरोना की पहली लहर आई चली गई अब कहा जा रहा है दूसरी लहर है। परन्तु इस श्मशान घाट में 23-3-2020 से अब तक कोई ऐसा दिन नहीं गुजरा जिस दिन कोरोना का मृतदेह जमालपुर सप्तऋषि श्मशान घाट में नहीं आया हो कम से कम एक अंतिम दाह तो हुआ ही है। 23 मार्च को पहला कोरोना मृत देह आया था।”

जमालपुर सप्तऋषि श्मशान घाट के रजिस्टर के अनुसार मार्च महीने में 333 अंतिम दाह हुए थे। जिसमें 30 कोरोना गाइड लाइन के मृत देह थे। जबकि अप्रैल के दस दिनों में ही 200 से अधिक अंतिम संस्कार हो चुके हैं। और कोरोना से मृत अंतिम दाह की भी संख्या 20 को छू गई है। फ़रवरी की तुलना में मार्च में सामान्य और कोविड मृत्यु दोनों दुगुना हुए हैं। अप्रैल के दस दिनों को बेंचमार्क मानें तो फरवरी की तुलना में अप्रैल में संख्या तीन गुना होने की आशंका है।

अहमदाबाद में एक तरफ कड़ी धूप में लोग वैक्सीन के लिए लाइन में खड़े हैं तो दूसरी तरफ मृत देह लेने के लिए परिवार जनों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। मृत्यु दर अचानक बढ़ने तथा कोविड गाइड लाइन के अनुसार अंतिम संस्कार में समय लगता है। जिस कारण श्मशान घाट में अंतिम क्रिया के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। दूसरी तरफ शव वाहन की भी कमी है। वरिष्ठ पत्रकार शायर रावल ने शनिवार रात 12 बजे से रविवार 12 बजे तक इन 24 घंटे में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से श्मशान भेजे गए मृत देह की गिनती की तो संख्या 77 थी। इन 24 घंटों में 77 मृत देह श्मशान भेजे गए। शव वाहन की कमी के कारण 35 मृत देह सिविल अस्पताल में ही थे। 18 मृत देह को परिवार जन को सौंपने बाकी थे। जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से मृत्यु का आंकड़ा केवल 19 का है। वास्तव में कोरोना से हो रही मृत्यु सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है। अहमदाबाद में हर 12 मिनट में एक मृत्यु हो रही है। लेकिन सरकार कोविड की पहली लहर की तरह इस बार भी आंकड़े छिपाने की कोशिश कर रही है।

सूरत के श्मशान घाटों में लंबी लंबी कतारें होने के कारण परिजन अपने रिश्तेदारों के मृत देह को अंतिम दाह के लिए बारडोली पहुंचाने लगे। शुक्रवार को अचानक 18 कोविड मृत देह पहुंचने से भट्टी को सही से ठंडा न किए जाने से दो भट्टी की एंगल ही टूट गई। बारडोली श्मशान गृह में तीन भट्टी हैं जिसमें से 2 टूट गईं। इसी प्रकार से बड़ौदा के सयाजी नगर श्मशान घाट की भट्टी का एंगल टूट गया। अहमदाबाद के कई श्मशान घाट में केवल एक ही भट्टी काम कर रही है।

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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