पटना। भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में पार्टी की एक उच्चस्तरीय टीम आज दरभंगा पहुंची और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी से मिलकर उनके 67 वर्षीय पिता की नृशंस हत्या पर गहरा शोक प्रकट किया। उनके साथ आरा के सांसद सुदामा प्रसाद, विधान पार्षद शशि यादव और मिथिलांचल प्रभारी धीरेन्द्र झा भी शामिल थे।
मुलाकात के बाद दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में सुशासन और विकास का नारा बेमानी हो गया है। अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और अपराधी बेलगाम और बेखौफ हैं। 67 साल के वृद्ध जो बिहार के एक बड़े नेता के पिता हैं, जब उनकी नृशंसता पूर्वक हत्या कर दी जाती है, तो आमलोग की हालत क्या होगी?
चुनाव के बाद दर्जनों हत्याएं हुई हैं और दलित-वंचितों के ऊपर हमले बढ़े हैं। सुशासन के नाम पर आई सरकार जंगल राज का प्रतिनिधि बन गई है और भाजपा साथ रहते हुए आग में रोटी सेंकने का काम कर रही है। पुल टूट रहे हैं, परीक्षा प्रश्न पत्र लीक हो रहे हैं। लगता है कि सरकार का इकबाल ही गिर गया है। राज्य में पुल ही नहीं बिहार की शासन व्यवस्था ढह रही है।
वीआईपी सुप्रीमो से मिलकर उन्होंने कहा कि हम सब आपके साथ हैं। सरकार को तत्काल अपराधियों को गिरफ्तार करना चाहिए। भाकपा-माले पोलित ब्यूरो के सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा ने इस मौके पर कहा कि माले इस नृशंस हत्याकांड के खिलाफ जोरदार अभियान चलाएगी।
दीपांकर भट्टाचार्य के साथ आए नव निर्वाचित सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि वंचितों के बेटा को राजनीति में कमजोर करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है। हत्या की साजिश के पहलू की भी जांच होनी चाहिए। महिला नेत्री विधान पार्षद शशि यादव ने कहा कि इस घटना ने राज्य में असुरक्षा बोध को बढ़ा दिया है। किसी की कहीं और कभी भी हत्या हो सकती है, का डर राज्य में पैदा हुआ है।
दीपांकर भट्टाचार्य के साथ भाकपा-माले के दर्जनों नेताओं का समूह बिरौल पहुंचा जिसमें जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, जिला परिषद सदस्य सुमित्रा देवी, बिरौल प्रखंड सचिव बैद्यनाथ यादव, गौरा बौराम के सचिव मनोज यादव, अशोक पासवान, धर्मेश यादव, लालबहादुर सदा, रामकिशन साह, नेता प्रिंस, युवा नेता रोहित सिंह, स्थानीय मुखिया विश्वंभर पासवान आदि शामिल थे।
(जनचौक की रिपोर्ट)
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