राहुल के नेतृत्व में ब्रेकफास्ट पर मिले विपक्षी नेता, सरकार की घेरेबंदी तेज करने का हुआ फैसला

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नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सुबह कांस्टीट्यूशन क्लब में विपक्षी दल के नेताओं के साथ ब्रेकफास्ट मीटिंग की। इसमें 17 दलों के नेता शामिल हुए।

बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र से लड़ने के लिए विपक्षी एकता समय की ज़रूरत है। राहुल गांधी ने इस बात पर जोर डाला कि विपक्षी दल जितने एकजुट होंगे, भाजपा और आरएसएस के लिए अपनी प्रतिरोधी आवाज़ को दबाना उतना ही मुश्किल होगा। इस बैठक के बाद राहुल गांधी साइकिल से संसद रवाना हुए। उनके साथ विपक्षी दलों के नेता भी साइकिल से संसद पहुंचे।

गौरतलब है कि स्पाइवेयर पेगासस द्वारा भारतीयों की कथित निगरानी को लेकर संसद में गतिरोध है। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में जासूसी के मुद्दे पर संक्षिप्त चर्चा की मांग कर रहा है। हालांकि, सरकार ने इस मुद्दे और विपक्ष द्वारा उठाए गए अन्य मुद्दों पर बहस करने से इनकार कर दिया है।

विपक्ष ने संकेत दिया है कि वह अपनी स्थिति को सख्त करना जारी रखेगा और केंद्र के ख़िलाफ़ अपना आक्रमण करने की योजना तैयार करेगा।

बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, राजद, सपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माकपा, IUML, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), केरल कांग्रेस (M), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, तृणमूल कांग्रेस और लोकतांत्रिक जनता दल शामिल हुए। आम आदमी पार्टी बैठक में शामिल नहीं हुई। इस ब्रेकफास्ट मीटिंग का मकसद विपक्ष को एक साथ रखने की कोशिश के साथ पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दों पर संसद में सरकार की घेराबंदी के लिए रणनीति तैयार करना भी था।

गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह भी एक बैठक की थी। उसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने एक बयान भी जारी किया था।

बता दें कि राज्यसभा में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करेंगी, जिस पर विचार किया जाएगा।

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