सच बताने की सजा, गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह गिरफ्तार

नई दिल्ली। गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि पेपर ने पाकिस्तान पर सैनिक कार्रवाई आपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार के कुछ पक्षों की आलोचना की थी। उसके बाद ईडी से लेकर इनकम टैक्स की तरफ से उनके कई ठिकानों पर छापा पड़ा था।

शाह के बड़े भाई और गुजरात समाचार के एमडी श्रेयांश भाई शाह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि गुरुवार की शाम को ईडी के अधिकारी बाहुबली शाह की गिरफ्तारी का वारंट लेकर आए। इसके पहले लगातार दो दिनों तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से मेरे घर पर छापे की कार्रवाई चल रही थी।

ईडी ने इंडियन एक्सप्रेस के सवालों का जवाब नहीं दिया। आईटी के सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि मूल रूप से छानबीन और जांच के लिए वारंट 24 स्थानों के लिए था लेकिन बाद में उसे बढ़ा दिया गया। टैक्स में गड़बड़ियों के लिए ईडी और आईटी दोनों विभाग एक साथ कंपनी की जांच कर रहे थे।

बाहुबली लोक प्रकाशन के निदेशक हैं जो गुजरात समाचार और जीएसटीवी चलाते हैं। हिरासत में लिए जाने के बाद 73 वर्षीय शाह ने बेचैनी महसूस कर रहे थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

श्रेयांसभाई ने बताया कि इनकम टैक्स के अधिकारी बुधवार की बिल्कुल सुबह मेरे घर आए और इसके साथ ही बाहुबली शाह, मेरे बेटे निर्माम और अमाम के ठिकानों पर चले गए। कल गुरुवार को शाम 6 बजे बगैर किसी नोटिस के वो बाहुलबली की गिरफ्तारी के लिए एक वारंट के साथ आए गए।  उन्होंने कहा कि हम यह नहीं जानते हैं कि वो हमारे साथ क्यों अंडरवर्ल्ड के किसी शख्स की तरह व्यवहार कर रहे हैं…..क्या मैं एक अपराधी हूं।

श्रेयांसभाई ने आशंका जताई कि शायद यह कार्रवाई 30 साल पुराने एक मामले से जुड़ा हो। मैं नहीं जानता इस बीच एकाएक क्या हो गया….अगर ईडी कहती है कि मैंने कुछ रुपये 30 साल पहले दिए थे….तो उसका उनके पास क्या प्रमाण है? देर से किया गया न्याय अन्याय है।

परिवार ने बताया कि जब बाहुबली शाह को पहले वीएस अस्पताल ले जाया गया तो उन्होंने खुद को जाइडस अस्पताल ले जाने का दबाव डाला। जाइडस के सूत्रों का कहना है कि बाहुबली भाई को गुरुवार रात को एक दूसरे अस्पताल से ले आया गया और इस समय वह आईसीयू में हैं।

अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि बाहुबली की मस्तिष्क और दिल संबंधी परेशानियों को लेकर जांच चल रही है। इसके साथ ही उनको बेचैनी और देखने में भी परेशानी हो रही है।

श्रेयांस भाई ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आपरेशन सिंदूर के दौरान गुजरात समाचार के एक्स हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया था। मैं नहीं जानता ऐसा क्यों किया गया।

लोक प्रकाशन को 1940 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर शामिल किया गया था। इसके निदेशकों में से एक श्रेयांसभाई की पत्नी का इसी 18 अप्रैल को निधन हो गया।  

इसके पहले जीएसटीवी डिजिटल के हेड तुषार दवे ने फेसबुक पोस्ट में बताया था कि आईटी विभाग ने डिजिटल विभाग की 36 घंटे तक जांच की थी। 

एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस सांसद और गुजरात के पार्टी चीफ शक्ति सिंह गोहिल ने बाहुबली की गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि सच के लिए लड़ना मीडिया का धर्म है। जो इस धर्म का पालन करता है उस मीडिया को बीजेपी लगातार दंडित कर रही है। गुजरात समाचार हमेशा से सत्ता के खिलाफ खड़ा हुआ और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि सत्ता किसकी है। हालांकि मोदी ने गुजरात समाचार के खिलाफ अपना सबसे ज्यादा प्रिय टूल किट निकाल लिया है। जिसने बीजेपी को इस भारत-पाकिस्तान युद्धबंदी में आईना दिखा दिया था।

कांग्रेस विधायक और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवानी ने गिरफ्तारी को शर्मनाक बताया है और इसके साथ गुजरात समाचार समूह के प्रति एकता भी प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा कि अखबार हमेशा से राज्य और केंद्र की सत्ता के प्रति आलोचक रहा है। यह एक बदले की भावना है।

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात समाचार और जीएसटीवी पर लगातार 48 घंटे छापा और फिर उसके मालिक बाहुबली शाह की गिरफ्तारी कोई अचानक घटी घटना नहीं है। यह बीजेपी के अहंकार का प्रतीक है जो हर उस आवाज को शांत कर देना चाहती है जो सच बोलती है और सवाल पूछती है। देश और गुजरात के लोग इस तानाशाही का जवाब देंगे। 

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