पूर्व एमएलए का सननसीखेज खुलासा: छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ उप चुनाव में 7.50 करोड़ रुपये की हुई थी डील

Estimated read time 1 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ टेपकांड मामले में मंतूराम पवार के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान के बाद सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया है। वर्ष 2014 में अंतागढ़ में हुए उप चुनाव के दौरान यह वही शीट थी जहां लोकतंत्र को मंडी में तब्दील कर दिया गया था। और फिर जमकर खरीद फ़रोख़्त हुयी थी।

इस चुनाव में प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार ने कल मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164  के तहत अपना बयान दर्ज कराया। जिसमें उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और पूर्व विधायक अमित जोगी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि पूरी डील साढ़े सात करोड़ रुपये की हुई थी। उनका कहना है कि चुनाव मैदान से हटने को लेकर उन पर काफी दबाव था। साथ ही उनका कहना था कि हटने के बाद मानसिक तौर पर वह बेहद परेशान रहे और उन्हें इस बात की लगातार ग्लानि बनी रही।

पूर्व विधायक मंतूराम।

मंतूराम ने एक के बाद एक कई बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि नेताओं के साथ ही इस कांड में कई पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। अपने शपथ पत्र में उन्होंने बताया है कि उनके पास तत्कालीन कांकेर पुलिस अधीक्षक आरएन दास का फोन आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि जैसा कहा जा रहा वैसा करो वरना तुम्हें भी झीरमघाटी का परिणाम भुगतना होगा।

मंतूराम ने कहा कि उनकी जब पुलिस अधीक्षक से मुलाकात हुई तब उन्हें इस बात का विश्वास हो गया कि उनको फंसाने की साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि एसपी की बात सुनने के बाद मुझे विश्वास हो गया कि मेरा जीवन सुरक्षित नहीं है और वह कभी भी खत्म हो सकता है। क्योंकि बस्तर क्षेत्र में होने वाली घटनाओं से मैं अच्छी तरह से वाकिफ था। एसपी ने मुझसे कहा कि तुम्हारे पास दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है। बात मानने पर ही तुम्हारा जीवन सुरक्षित रहेगा।

आपको बता दें कि आरएन दास इन दिनों पुलिस मुख्यालय में पदस्थ हैं। हालांकि उनकी गिनती कभी भी संवेदनशील और काबिल पुलिस अफसर के तौर पर नहीं की गयी है। वह हमेशा विवादों से जुड़े रहे और उनकी पहचान विवादों से नाता रखने वाले पुलिस अफसर शिवराम कल्लूरी के शार्गिद के तौर पर ही बनी रही।

मंतूराम ने कोर्ट में अपना लिखित बयान दर्ज कराते हुए कहा कि चूंकि मेरे सभी दुश्मन प्रदेश के बड़े राजनीतिक लोग हैं। लिहाजा इस बयान के बाद मुझे जान का खतरा हो गया है। ऐसे में मुझे तत्काल पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा मुहैया करायी जाए। 

बता दें कि अंतागढ़ टेपकांड मामले में किरणमई नायक की शिकायत पर पंडरी थाने में मंतूराम पवार, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। IPC 1860 की धारा 406, 420 171-ई, 171-एफ, 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 9 और 13 के तहत भी यह मामला दर्ज है।

ये है पूरा मामला

साल 2014 में अंतागढ़ के तत्कालीन विधायक विक्रम उसेंडी ने लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दिया था। वहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंतूराम पवार को प्रत्याशी बनाया था। भाजपा से भोजराम नाग खड़े हुए थे। नाम वापसी के अंतिम वक्त पर मंतूराम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इससे भाजपा को एक तरह का वाकओवर मिल गया। बाद में फिरोज सिद्दीकी नाम से एक व्यक्ति का फोन कॉल वायरल हुआ था। आरोप लगे थे कि तब कांग्रेस में रहे पूर्व सीएम अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मंतू की नाम वापसी कराई। टेप में हुई बातचीत को कथित रूप से अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच बताई गई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंतूराम पवार के बयान को बदले की राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘दंतेवाड़ा चुनाव नजदीक है इसके चलते कांग्रेस ने सोची समझी रणनीति के तहत मंतूराम पवार पर दबाव बनाकर यह बयान करवाया है। इसके अलावा रमन सिंह ने कहा है कि- ‘अंतागढ़ टेप कांड से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। साल 2014 के बाद पहली बार इस घटना में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मेरा नाम उछाला गया है। इस संबंध में मैं न्यायालय के सामने अपना पक्ष रखूंगा और उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।’

मंतूराम प्रेस को बयान देते हुए।

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author