नई दिल्ली। अडानी इंटरप्राइजेज ने अपना एफपीओ वापस ले लिया है। इसके साथ ही 20 हजार करोड़ के इस एफपीओ में निवेश करने वाले निवेशकर्ताओं के पैसों को भी उसने वापस करने का फैसला लिया है।
अडानी इंटरप्राइजेज के बोर्ड ने बुधवार को एफपीओ को आगे नहीं ले जाने का फैसला किया। एक बयान में अडानी इंटरप्राइजेज ने कहा कि अभूतपूर्व स्थितियों और बाजार की मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए कंपनी एफपीओ प्रक्रिया को रोक कर और ट्रांजैक्शन को वापस देकर निवेशकर्ता समुदाय के हितों की रक्षा करना चाहती है।
गौतम अडानी ने कहा कि आज बाजार में अभूतपूर्व स्थिति थी और दिन में हमारी स्टॉक की कीमतें घटती-बढ़ती रहीं। इन गैरमामूली परिस्थितियों में कंपनी के बोर्ड ने एफपीओ को आगे नहीं ले जाने का फैसला लिया। हम हासिल धन को वापस करने के मसले पर काम कर रहे हैं। और इसके सब्स्क्रिप्शन के एवज में आपके बैंक में ब्लॉक हो चुके धन को रिलीज करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

इसके पहले दिन में अडानी समूह के शेयर बहुत तेजी से गिरने लगे। आप को बता दें कि पिछले पांच ट्रेडिंग सत्र में अडानी समूह को 7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। और यह सब कुछ न्यूयार्क स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म की रिपोर्ट आने के बाद हुआ। उसने गौतम अडानी पर स्टॉक में खुली हेरा-फेरी और एकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था।
इस सिलसिले में अडानी इंटरप्राजेज की तरफ से बाक़ायदा एक विज्ञप्ति जारी की गयी है। अंग्रेजी में लिखी गयी इस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हमारी बैलेंसशीट नगदी और सुरक्षित संपत्ति के साथ बहुत मजबूत है। ऋण अदायगी का हमारे पास बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा ऑपरेशन और भविष्य की योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम दीर्घकालीन मूल्य के निर्माण की दिशा में लगातार केंद्रित किए रहेंगे। बाजार स्थिर हो जाने के बाद हम अपने कैपिटल मार्केट रणनीति की समीक्षा करेंगे। हमें इस बात का पूरा विश्वास है कि आपका समर्थन मिलेगा। हम पर भरोसा करने के लिए आपका शुक्रिया।