Friday, April 19, 2024

गुजरात बनी ड्रग्स राजधानी! अडानी के मुंद्रा पोर्ट के बाद अब मोरबी में 600 करोड़ की हेरोइन जब्त

गुजरात भारत की ड्रग्स राजधानी बन गयी है। जहां बंदरगाह निजी हाथों में होने का फायदा ड्रग माफियाओं के माकूल बना हुआ है। ताजा घटनाक्रम में गुजरात एटीएस ने मोरबी जिला के ज़िंजुड़ा गांव से 600 करोड़ रुपए की 120 किग्रा हेरोइन ज़ब्त की है। ड्रग्स के साथ पुलिस के हत्थे चार लोग भी चढ़े हैं। जिनसे पूछताछ की जा रही है। इससे पहले इस हफ्ते ही गुजरात में पुलिस ने देवभूमि द्वारका और सूरत में नशे की हेरोइन समेत कई नशीले पदार्थ ज़ब्त किए थे।

डीजीपी आशीष भाटिया ने मीडिया को जानकारी दी है कि “एटीएस ने 600 करोड़ रुपये की 120 किलो हेरोइन के साथ तीन लोगों को पकड़ा। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी हेरोइन की खेप समुद्री मार्ग से लाए थे जहां उन्हें एक पाकिस्तानी नाव से डिलीवरी मिली थी।

मिली जानकारी के अनुसार जिंजुडा में कोठावाड़ा पीर दरगाह के पास एक घर में ड्रग्स छिपाकर रखा गया था। जहां रविवार रात एटीएस की टीम ने दो घरों में छापेमारी की। जहां से ड्रग्स बरामद किया गया है। गिरफ्तार लोगों में गुलाब हुसैन, शमसुद्दीन, मुख्तार हुसैन उर्फ जब्बार शामिल हैं।

गुलाब हुसैन जामनगर के सलाया का निवासी है। मुख्तार जब्बार जामनगर के जोडिाया का रहने वाला है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि गुलाब और मुख्तार ने पाकिस्तान से ड्रग्स मंगवाया था। जांच में सामने आया है कि समुंदर किनारे विस्तार में पुलिस की गश्त बढ़ऩे से मोरबी के गांव में एक घर में ड्रग्स छिपाकर रखा गया था। हेरोइन के जत्थे के तार गुजरात के बाहर भी होने की बात सामने आयी है। इस मामले के बारे में केंद्रीय एजेंसियों को अवगत करा दिया गया है।

मामले के तार पाकिस्तान के ड्रग माफिया खालिद बख्श से जुड़े बताए जा रहे हैं। खालिद नाम के शख्स के संपर्क सीधे तौर पर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से बताए जा रहे हैं। खबर है कि भारत भेजी गई नशे की इस खेप की पटकथा दुबई में लिखी गई थी।

पाकिस्तान माफिया खालिद ने भारत के दो तस्करों जब्बार औऱ गुलाम से दुबई के सोमालिया कैंटीन में मुलाकात की और पूरा प्लान बनाया। फिलहाल पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

खास बात यह है कि इससे पहले भी पाकिस्तानी ड्रग माफिया खालिद भारत में नशे की बड़ी खेप पहुंचाने की कोशिश कर चुका है।

इस दौरान तीन आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। पुलिस ने जानकारी दी थी कि देवभूमि द्वारका में वेंडर से 17 किलो ड्रग्स बरामद की गई थी, जिसकी कीमत 88.25 करोड़ रुपये हैय़

इस संदर्भ में गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने ट्वीट करके गुजरात पुलिस के काम की सराहना की है।

इससे पहले 16 सितंबर 2021 को डीआरआई ने दुनिया की सबसे बड़ी ड्रग्स तस्करी का खुलासा किया था। तब डीआरआई ने गौतम अडानी के स्वामित्व वाले मुंद्रा पोर्ट 3 हजार किलो हेरोइन ज़ब्त की थी। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत क़रीब 9 हजार करोड़ रुपए है। उस मामले में भी तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। और धीरे-धीरे मामले को दबा दिया गया। इस मामले में कोर्ट ने डीआरआई को फटकार भी लगायी थी। और कहा था कि मुंद्रा अडानी पोर्ट पर 21,000 करोड़ रुपये ड्रग्स मामले में अडानी को ढील देने और मुंद्रा अडानी पोर्ट से ब्योरा नहीं हासिल करने पर डीआरआई को फटकार लगाते हुये कहा था कि क्या वे (अडानी) क़ानून से ऊपर हैं? क़ानून से ऊपर कोई नहीं है। यह देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है।”

उस मामले में मचावरम सुधाकर और उनकी पत्नी गोविंद-अराजू दुर्गा पूर्ण वैशाली और कोयंबटूर निवासी राजकुमार पी को भी गिरफ्तार किया था। जबकि 3000 किलो ड्रग्स के कंटेनर अफ़ग़ानिस्तान से भेजे गये थे लेकिन अफ़ग़ानिस्तान से इस बाबत पूछताछ के लिये 15 दिनों तक कोई संपर्क नहीं सीधा गया था।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि – “लेकिन मोदी सरकार या एनसीबी ने जून 2021 में गुजरात के अडानी पोर्ट से गुजरने वाली ₹1,75,000 करोड़ की कीमत की 25,000 किलो हेरोइन दवाओं का जवाब क्यों नहीं दिया?

सरकार इस पर “मौन” क्यों है?

दवाएं कहां गायब हो गई हैं?

क्या यह ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के लिए ख़तरा नहीं है?

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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