पन्नू की हत्या की साजिश मामले में भारतीय रॉ अफसर का था हाथ: अमेरिका

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नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल अभियोजकों ने बृहस्पतिवार को न्यूयॉर्क की एक अदालत में दायर एक गंभीर मामले में आरोप लगाया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक अफसर को पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान एक सिख अलगाववादी और अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश में शामिल किया गया था।

अभियोजकों का कहना है कि 39 वर्षीय अधिकारी का नाम विकास यादव है, और वे कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत थे। आप को बता दें कि यहीं से भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रॉ संचालित होती है।

विकास यादव के बारे में कहा जा रहा है कि अब वह सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। उन पर तीन आरोप लगाए गए हैं, जिसमें “हत्या के लिए सुपारी देना” और “मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश” शामिल हैं।

अमेरिकी न्याय विभाग ने विकास यादव को “अभी भी फरार” घोषित किए हुए है।

उनके दूसरे सहयोगी षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता को पिछले वर्ष चेकोस्लोवाकिया में गिरफ्तार किया गया था। प्रत्यर्पण के बाद उन्हें अमेरिकी जेल में बंद रखा गया है।

अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड ने कहा कि आरोप यह साबित करते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने और उनकी सुरक्षा को खतरे में डालने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगा, और उन अधिकारों को कमजोर करने की किसी भी कोशिश का विरोध करेगा जो किसी अमेरिकी नागरिक को मिलते हैं।

पन्नू।

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे का कहना था कि पहले भारतीय कर्मचारी रहे आरोपी ने कथित तौर पर एक आपराधिक सहयोगी के साथ मिलकर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची। और यह प्रयास कहीं और नहीं बल्कि अमेरिकी धरती पर किया गया।

हालांकि भारत सरकार ने इस तरह की साजिश में खुद के शामिल होने या फिर किसी तरह का सहयोग करने से इनकार किया है। अमेरिकी आरोप सामने आने के बाद मोदी सरकार ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।

अमेरिकी सरकार भारत के रवैये से संतुष्ट है। उसका मानना है कि सरकार पूरा उसका सहयोग कर रही है।

दूसरा जो अभियोग सामने आया वह भारतीय जांच समिति के दौरे के 48 घंटों के भीतर हुआ। उस समय जब समिति की एफबीआई, न्याय विभाग और विदेश विभाग के अधिकारियों की एक अंतर-एजेंसी टीम के साथ इस मुद्दे पर बैठक हुई।

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि हम इस सहयोग से संतुष्ट हैं। यह एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, और हम इस पर उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

हम उनके सहयोग की जितनी भी सराहना की जाए कम है। और इसके साथ ही जांच के बारे में अपडेट भी बेहद महत्वपूर्ण है। जिस तरह से अमेरिका उन्हें जांच का अपडेट देता था, भारत सरकार ने भी इसी तरह से अपडेट किया है।

मिलर का कहना था कि कल की बैठक में अमेरिकी सरकार द्वारा जांच के बाद सामने आए तथ्यों को जांच समिति के सामने रखा। इसी दौरान अमेरिकी पक्ष को भारत द्वारा की गयी जांच के बारे में भी जानकारी मिली। यह निश्चित तौर पर एक अहम बैठक थी। 

इस मौके पर अमेरिका की तरफ से जो बात साफ की गयी वह यह कि भारत ने बताया कि न्याय विभाग के अभियोग में जिसका नाम सामने आया है वह अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।

गुरुवार को सामने आयी 18 पेजों के अभियोग में विकास यादव की एक तस्वीर दी गयी है, जिसमें उसे सैन्य वर्दी में दिखाया गया है। इसके अलावा एक और तस्वीर में दो व्यक्ति एक साथ खड़े हैं। इस तस्वीर में दोनों व्यक्ति न्यूयॉर्क में एक कार में डॉलर का आदान-प्रदान कर रहे हैं।

संघीय अभियोजकों का कहना है कि यह पैसा कथित हत्यारे को गुप्ता और यादव की ओर से सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए दिया जा रहा था। यह तस्वीर 9 जून, 2023 की है। दिलचस्प बात यह है कि अभियोग में उस सिख अलगाववादी का नाम नहीं लिखा गया है जिसको इसमें निशाना बनाया गया था।

हालांकि अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने न्याय विभाग द्वारा अभियोग जारी किए जाने के बाद अपना बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि रॉ अफसर विकास यादव पर ‘मर्डर फॉर हायर’ साजिश में अभियोग लगाकर, अमेरिकी सरकार ने अपने मौलिक संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से स्थापित किया है।

अभियोग में आरोप लगाया गया है कि विकास यादव ने अपने सहयोगी षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता के साथ मिलकर 2023 की गर्मियों में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची। इस काम के लिए गुप्ता ने हत्या को अंजाम देने के लिए एक व्यक्ति को हायर किया।

दिलचस्प बात यह है कि वह शख्स एफबीआई से जुड़ा था और उसके मुखबिर के तौर पर काम करता था। उससे एक लाख डालर में सौदा तय हुआ, जिसमें 15 हजार डॉलर उसे एडवांस में दे दिए गए। और यह भुगतान 9 जून, 2023 को किया गया।

आपको बता दें कि उसी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी यात्रा की जिसकी तारीख 22 जून थी। अभियोग में बताया गया है कि विकास यादव ने निखिल गुप्ता और शामिल किए गए हत्यारे को निर्देश दिया था कि यह काम मोदी की यात्रा तुरंत पहले या फिर तुरंत बाद में न किया जाए।

अभियोग से यह बात भी सामने आयी है कि उसी काल के दौरान कनाडा में एक और सिख अलगाववादी निज्जर की हत्या और इस घटना के बीच एक संबंध था। और इस सिलसिले में फेडरल अभियोजकों ने दोनों घटनाओं पर यादव, गुप्ता और कथित हत्यारे के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है।

संघीय अभियोजकों ने गुप्ता और यादव के बीच हुई बातचीत और उसके संदेश की एक स्क्रिप्ट साझा की जिसमें कहा गया है कि “कुछ मिनट बाद, यादव ने गुप्ता को संदेश भेजा, निर्देश दिया: “उन्हें स्वयं भी सत्यापित करने दें… यदि वे कुछ सबूत प्राप्त करने में सक्षम हैं कि वह अंदर है… तो यह हमारी ओर से आगे की अनुमति होगी।

इसको संघीय एजेंसी ने इस बात से जोड़ा कि जैसे ही यह सत्यापित किया जा सके कि पीड़ित अपने आवास पर था, उसे हत्या करने की हरी झंडी दे दी गई।

न्याय विभाग की ओर से पन्नू के बारे में जो विवरण दिया गया है उसमें कहा गया है कि पीड़ित भारत सरकार का मुखर आलोचक है और एक अमेरिका-आधारित संगठन का नेतृत्व करता है। जो पंजाब को भारत से अलग करने की वकालत करता है। 

इसमें आगे कहा गया है कि भारत में “पीड़ित ने सार्वजनिक रूप से पूरे पंजाब को भारत से अलग करने और खालिस्तान नामक एक सिख संप्रभु राज्य स्थापित करने का आह्वान किया है, और भारत सरकार ने पीड़ित और उसके अलगाववादी संगठन को भारत से प्रतिबंधित कर दिया है।

अमेरिकी कानून प्रवर्तन ने पीड़ित की हत्या की साजिश का पता लगाया और उसे विफल कर दिया।”

(ज्यादातर इनपुट द टेलीग्राफ लिए गए हैं।)

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