Saturday, April 27, 2024

सिंघु बॉर्डर से शंभू बॉर्डर: किसानों का दिल्ली मार्च

नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा के किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं। वे 13 फरवरी को ही अपने घरों से निकल कर दिल्ली की तरफ अपने कदम बढ़ा चुके हैं। अब तक वे दिल्ली में प्रवेश कर गए होते, लेकिन मोदी सरकार के झांसे और हरियाणा सरकार के ड्रोन हमले ने उनको राह में ही रूकने को विवश कर दिया है।

किसानों ने शम्भू बॉर्डर के अलावा पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर भी मोर्चा खोला हुआ है। ये बॉर्डर पंजाब के पटियाला जिले को हरियाणा के जींद से जोड़ता है। खनौरी बॉर्डर की स्थिति भी शम्भू बॉर्डर से अलग नहीं है। खनौरी बॉर्डर पर किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉले लेकर पहुंचे हैं। यहां करीब एक किलोमीटर से अधिक लंबा इनका काफिला है। पुलिस द्वारा बॉर्डर पर ही रोके जाने के बाद सैकड़ों किसानों ने यहीं पर अपना डेरा डाल लिया है।  

प्रदर्शनकारी किसानों के दिल्ली मार्च के बीच, केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम गुरुवार शाम को चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ उनकी विभिन्न मांगों पर बातचीत के लिए बुलाया। 8 और 12 फरवरी को आयोजित ऐसी दो बैठकें बेनतीजा रहने के बाद केंद्र सरकार ने एक हफ्ते में किसान नेताओं को तीसरे दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया, जिसके बाद आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली मार्च करने का फैसला लिया।

ये पहली बार नहीं है जब किसान आंदोलन कर रहे हैं। दो साल पहले दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन हुआ था तब मोदी सरकार को किसानों के आगे घुटने टेकने पड़े थे और संसद से पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करना पड़ा था। और किसानों को एमएसपी पर गारंटी देने का वादा किया। इसके बाद किसानों ने आंदोलन वापस ले लिया था। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी मोदी सरकार ने एमएसपी को लेकर अपने वादे पूरे नहीं किए।

किसान एक बाऱ दिल्ली की तरफ चल पड़े हैं। किसानों के समर्थन में अब अन्य किसान संगठन भी समर्थन का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन के लिए ग्रामीण भारत बंद का आह्वान भी किया है। इंडिया गठबंधन के युवा संगठन भी किसानों के समर्थन में 29 फरवरी को प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। किसानों के समर्थन में सामाजिक-राजनातिक संगठनों के उतरने का सिलसिला शुरू हो गया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को बिहार के औरंगाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि  “प्रदर्शनकारी किसान हमारे देश के लिए लड़ रहे हैं, जैसे सीमा पर सैनिक लड़ते हैं।”

गांधी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और ऋण माफी पर कानून बनाने सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसानों द्वारा किए गए ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च का जिक्र कर रहे थे।

किसानों एमएसपी की मांग तब शुरू की है जबमोदी सरकार ने हाल ही में किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया। लेकिन शायद सरकार का ये दांव फेल हो गया, क्योंकि किसान यूनियनों ने मोदी सरकार के खिलाफ एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया है। 

संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि वह केंद्र सरकार को सिर्फ उनके दो साल पहले किए गए वादों को याद दिलाना चाहते हैं जो किसानों से आंदोलन वापस लेने की अपील करते हुए सरकार ने किए थे। वो वादे अबतक पूरे नहीं हुए हैं। सरकार ने एमएसपी पर गारंटी का वादा किया था। किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की बात कही थी।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों को हरियाणा दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई तरह के अवरोध लगाए गए हैं।  

बीते दिनों दिल्ली के शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने जमकर आंसूगैस के गोले छोड़े। किसानों पर ड्रोन से हमले किए गए। जिसमें लगभग 70 किसान घायल हो गए। फिलहाल की बात करें तो सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं, इसके बावजूद किसानों का प्रदर्शन जारी है।

पंजाब में किसान पटरियों पर बैठ गए हैं और ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित  

‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई को लेकर पंजाब में कई स्थानों पर किसानों के पटरियों पर बैठने के बाद गुरुवार को दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कुछ ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया। किसानों ने कई टोल प्लाजा पर धरना भी दिया और अधिकारियों को यात्रियों से टोल शुल्क नहीं लेने के लिए मजबूर किया।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और बीकेयू डकुंडा (धनेर) ने पंजाब में कई स्थानों पर चार घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।

किसानों ने दोपहर करीब 12 बजे कई स्थानों पर रेल पटरियों पर बैठकर अपना आंदोलन शुरू किया। चूंकि किसान मुख्य दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठे हैं, इसलिए रेलवे अधिकारियों ने ट्रेनों के मार्ग को चंडीगढ़ (दिल्ली की ओर) और लोहियां खास (अमृतसर और जालंधर की ओर) के रास्ते डायवर्ट कर दिया है।

भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली से आने वाली शताब्दी और शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस ट्रेनों को लुधियाना रेलवे स्टेशन पर समाप्त कर दिया गया।

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर, जब न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे किसान मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे थे, तब हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस के इस्तेमाल के विरोध में किसानों ने कई टोल प्लाजा पर प्रदर्शन भी किया। उन्होंने टोल अधिकारियों को यात्रियों से टोल शुल्क वसूले बिना जाने देने के लिए भी मजबूर किया।

भारतीय किसान यूनियन के नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा, हम दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

होशियारपुर में, किसानों ने जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया। दोआबा किसान समिति (डीकेसी) के प्रदेश अध्यक्ष जंगवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में किसान चोलंग और हरसे मानसर में टोल प्लाजा पर एकत्र हुए और वहां धरना दिया। उन्होंने किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और ऋण माफी पर कानून सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

मंगलवार को, किसानों की राज्यों के बीच दो सीमा बिंदुओं पर हरियाणा पुलिस के साथ झड़प हुई थी, उन्हें आंसू गैस और पानी की बौछारों का सामना करना पड़ा था क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में उनके विरोध मार्च को रोकने वाले बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की थी।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles