इंडिया गठबंधन की बैठक: 13 सदस्यीय समन्वय समिति और चार कमेटियां गठित, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला जल्द

नई दिल्ली। मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में 28 विपक्षी पार्टियों ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को एक साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है। बैठक में सारी पार्टियां इस राय पर सहमत थीं कि कुछ मुद्दों पर न्यूनतम सहमति बनाकर हम सबको जल्द से जल्द जमीन पर उतरना चाहिए। जिन मुद्दों पर आपसी टकराव होगा या मतभेद की स्थिति बनेगी उस पर आगे की बैठक में चर्चा करके हल किया जायेगा। लोकसभा सीटों के बंटवारे पर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा। बैठक में 13 सदस्यीय समन्वय समिति और अन्य चार समितियों का गठन किया गया है।

बैठक में एक संकल्प पास हुआ कि “हम, इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां, आगामी लोकसभा चुनाव में जहां तक संभव हो मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं। विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाएगी और लेन-देन की सहयोगात्मक भावना के साथ जल्द से जल्द समाप्त की जाएगी।”

संकल्प में कहा गया है कि “हम सार्वजनिक चिंता और महत्व के मुद्दों पर देश के विभिन्न हिस्सों में जल्द से जल्द सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने का संकल्प लेते हैं। हम, इंडिया गठबंधन के दल विभिन्न भाषाओं में ‘जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया’ थीम के साथ अपनी संबंधित संचार और मीडिया रणनीतियों और अभियानों का समन्वय करने का संकल्प लेते हैं।”

13 सदस्यीय समन्वय समिति और अन्य चार समितियों का गठन

बैठक में समन्वय समिति के अलावा चार अन्य कमेटियों का भी गठन किया गया। शिवसेना (यूटीबी) के नेता संजय राउत ने समन्वय समिति के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि 13 सदस्यीय समिति में कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, एनसीपी के शरद पवार, डीएमके के एमके स्टालिन, शिवसेना (यूटीबी) के संजय राउत, राजद से तेजस्वी यादव, जेडीयू के ललन सिंह, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, सीपीआई के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।

19 सदस्यीय अभियान समिति के सदस्य

बैठक में 19 सदस्यीय चुनाव अभियान समिति का गठन किया गया है। जिसमें 19 पार्टियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।

  1. गुरदीप सिंह सप्पल, INC
  2. संजय झा, JD(U)
  3. अनिल देसाई, SS
  4. संजय यादव, RJD
  5. पीसी चाको, NCP
  6. चंपई सोरेन, JMM
  7. किरणमय नंदा, SP
  8. संजय सिंह, AAP
  9. अरुण कुमार, CPI(M)
  10. बिनॉय विश्वम, CPI
  11. हसनैन मसूदी, NC
  12. शाहिद सिद्दीकी, RLD
  13. एनके प्रेमचंद्रन, RSP
  14. जी देवराजन, AIFB
  15. रवि राय, CPI(ML)
  16. थिरूमावलन , VCK
  17. केएम कादर मुद्दीन, IUML
  18. जोस के मणि , KC(M)
  19. TMC (जल्द ही नाम घोषित करेगा)

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा अब विपक्ष पर बढ़ेंगे हमले

इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी दोनों बैठकों की सफलता, पहली पटना में और दूसरी बेंगलुरु में, इस तथ्य से मापी जा सकती है कि प्रधानमंत्री ने अपने बाद के भाषणों में न केवल इंडिया गठबंधन पर हमला किया है, बल्कि हमारे प्यारे देश के नाम की तुलना एक आतंकवादी संगठन से की है।

खड़गे ने विपक्षी पार्टियों को आगाह करते हुए कहा कि हमें इस सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के कारण आने वाले महीनों में और अधिक हमलों, अधिक छापेमारी और गिरफ्तारियों के लिए तैयार रहना चाहिए।

हमारे गठबंधन को जितनी अधिक जमीन मिलेगी, उतना ही अधिक भाजपा सरकार हमारे नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी। उसने महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल में भी ऐसा ही किया है। दरअसल, पिछले हफ्ते झारखंड और छत्तीसगढ़ में ऐसा किया गया था।

आज हमारे समाज का हर वर्ग-चाहे वह किसान, युवा, महिलाएं, हाशिए पर रहने वाला, मध्यम वर्ग, सार्वजनिक बुद्धिजीवी, गैर सरकारी संगठन और यहां तक कि पत्रकार भी हों-सभी भाजपा के सत्तावादी कुशासन का शिकार हो रहे हैं। 140 करोड़ भारतीय अपने दुखों से मुक्ति पाने की आशा से हमारी ओर देख रहे हैं।

पिछले 9 वर्षों में भाजपा और आरएसएस ने जो सांप्रदायिक जहर फैलाया है, वह अब निर्दोष ट्रेन यात्रियों और निर्दोष स्कूली बच्चों के खिलाफ घृणा और अपराधों में देखा जाता है।

यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जब देश के एक हिस्से में बलात्कारियों को रिहा किया जाता है और सम्मानित किया जाता है, तो दूसरे हिस्से में भयानक अपराधों और नग्न महिलाओं की परेड को बढ़ावा मिलता है। मोदी जी के भारत में कारगिल के वीर की पत्नी को भी नहीं बख्शा जाता।

यह हाशिये पर पड़े लोगों के प्रति भाजपा सरकार की उदासीनता है जिसके कारण उनके नेता गरीब आदिवासियों और दलितों पर पेशाब करते हैं और दोषियों को खुलेआम घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राज्यों को नियंत्रण में रखना चाहती है। राज्यों को कर राजस्व में उनके हिस्से से वंचित किया जा रहा है। विपक्ष शासित राज्यों को मनरेगा का बकाया नहीं दिया जा रहा है। वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार विशेष अनुदान और राज्य विशिष्ट अनुदान जारी नहीं किये जाते हैं।

निवेशकों को अपने निवेश और परियोजनाओं को विपक्ष शासित राज्यों से बाहर भाजपा शासित राज्यों में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया जाता है।

उन्होंने कहा कि कल राहुल गांधी ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अदानी समूह द्वारा कथित स्टॉक हेरफेर पर पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने मॉरीशस स्थित कंपनी से राउंड ट्रिपिंग के आरोपों और ओपेक इन्वेस्टमेंट की रिपोर्ट की जेपीसी जांच की मांग की। यह समझ से परे है कि प्रधानमंत्री इस मामले की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं?

भाजपा एजेंसियों और संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण चाहती है-वह ईडी प्रमुख, सीबीआई निदेशक, चुनाव आयुक्तों या यहां तक कि देश भर की अदालतों के न्यायाधीशों की नियुक्ति को नियंत्रित करने पर अड़ी हुई है।

तीन बैठकों के दौरान, इंडिया गठबंधन ने एक संयुक्त मोर्चे के रूप में संसद के भीतर और बाहर सरकार को सफलतापूर्वक जवाबदेह बनाया है।

हमारी ताकत सरकार को परेशान कर रही है और यही कारण है कि उसने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को आगे बढ़ा दिया है, हमारे सांसदों को मामूली आधार पर निलंबित कर दिया है, हमारे खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया है, हमारे माइक बंद कर दिए हैं, संसद टीवी पर हमारे विरोध प्रदर्शन को कवर करने के लिए कैमरों की अनुमति नहीं दी है और हमारे भाषणों को खुलेआम सेंसर कर दिया है।

एक सकारात्मक बात यह है कि इस देश के लोग हमारी आशा हैं। चंद्रयान-3 और इसरो के हमारे वैज्ञानिकों की सफलता, नीरज चोपड़ा और युवा शतरंज के जादूगर प्रगनानंद जैसे खिलाड़ियों की सफलता हम सभी को गौरवान्वित करती है।

मैं अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए उन सभी को उनकी सफलता पर बधाई देना चाहता हूं।

प्रदीप सिंह

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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