नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर लगाए गए टेंट और कनात को पुलिस ने उखाड़ दिया है और इसके साथ ही वहां मौजूद पहलवानों समेत दूसरे प्रदर्शनकारियों को डिटेन कर लिया गया है। ऐसा पुलिस ने पहलवानों के नई संसद पर महिला सम्मान महापंचायत की योजना से आगे किया। डिटेन किए जाने वालों में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया शामिल हैं। गौरतलब है कि ये सभी पहलवान और उनके साथ भारी तादाद में हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब से महिलाओं ने मार्च का ऐलान किया था।
आज तकरीबन 11 बजे पहलवानों ने अपने हाथों में तिरंगा लेकर नई संसद की ओर कूच किया। लेकिन उनके सामने बैरिकेड लगा हुआ था और वहां भारी तादाद में पुलिस के जवान मौजूद थे। पूरे जंतर-मंतर इलाके को ही चारों तरफ से बैरिकेड से घेर दिया गया था। और चंद सरकार समर्थक मीडिया को छोड़कर बाकी को घटना स्थल पर जाने की इजाजत नहीं थी लिहाजा उन्हें पटेल मेट्रो स्टेशन के पास लगे बैरिकेड पर ही रोक दिया गया था। पहलवान आगे तो जरूर बढ़े लेकिन बैरिकेड उनका रास्ता रोक रहा था। लिहाजा उसमें से एक जत्था बैरिकेड के ऊपर से कूद कर उसे पार करते हुए आगे बढ़ गया। इसमें तकरीबन 25 से 30 लोग शामिल थे। इन्होंने अपने हाथों में तिरंगा झंडा ले रखा था। और वहां से वो नई संसद की ओर जा रहे थे।
विनेश फोगाट ने अपने एक ट्वीट में कहा कि “लोकतंत्र की खुलेआम हत्या की जा रही है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोग इस बात को भी याद करेंगे कि जब नई संसद का उद्घाटन किया जा रहा था तो किस तरह से अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिला पहलवानों की आवाज को दबाने की कोशिश की गयी।
इस दौरान दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के बार्डरों पर भारी तादाद में पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी। किसी को भी जंतर-मंतर पहुंचने की इजाजत नहीं थी। कल से ही हरियाणा और दिल्ली सीमा पर पहुंचने वाले लोगों की गिरफ्तारियां शुरू हो गयी थीं। बीकेयू हरियाणा चीफ गुरमान सिंह चढ़ूनी को उनके घर में ही कैद कर लिया गया था। गाजीपुर बार्डर पर भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। टिकरी और सिंघु बार्डर से भी इस तरह की गिरफ्तारियों की कुछ खबरें आ रही हैं।
दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों को रखने के लिए बाहरी दिल्ली के पुराने एमसीडी स्कूल को अस्थाई जेल में तब्दील कर दिया है। हालांकि बाद में बताया गया कि दिल्ली के मेयर ने स्कूल को जेल में तब्दील करने की इजाजत देने से इंकार कर दिया। इस तरह का एक लिखित आदेश भी उनकी तरफ से जारी हुआ है। कुछ पहलवानों और प्रदर्शनकारियों को वसंत कुंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि विरोध कर रहे जेएनयू के छात्रों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।
दिलचस्प बात यह है कि जगह-जगह बैरिकेड लगाकर लोगों को जंतर-मंतर पर जाने से रोकने वाली दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (लॉ एंड आर्डर) दीपेंद्र पाठक का कहना था कि किसी को भी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने से नहीं रोका गया है। बजरंग पुनिया का कहना था कि क्या किसी देश की सरकार अपने चैंपियनों के साथ इस तरह का व्यवहार करती है। हमने क्या अपराध किया है?
जंतर-मंतर से जब पहलवान और प्रदर्शनकारी संसद की ओर कूच कर रहे थे तो पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गयी। इसमें कुछ पहलवानों को चोटें भी आयी हैं। साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की गिरफ्तारी की तस्वीरें बेहद परेशान करने वाली हैं। पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। ये लोग किसी भी कीमत पर जंतर-मंतर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे।
गाजीपुर बॉर्डर पर भी पुलिस ने किसानों को रोक दिया है। पत्रकार मनदीप पुनिया को भी पुलिस ने जंतर-मंतर से हिरासत में ले लिया।
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