गृहमंत्री खा रहे बंगाली थाली और किसान कर रहे हैं ‘मन की बात’ के दिन उसे बजाने की तैयारी

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शीत लहर के बीच किसान आंदोलन आज 26 वें दिन में प्रवेश कर गया। एक ओर देश के तमाम हिस्सों के किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कोरोना का डर दिखाकर संसद का शीतकालीन सत्र खा जाने वाली केंद्र सरकार पूरी बेशर्मी से लाखों कार्यकर्ताओं को लेकर रोड शो कर रही है। देश का गृहमंत्री आंदोलनकारी किसानों से मुंह फेरकर बंगाल में बंगाली खाना खाते हुए फोटो खिंचवा रहा है। तो दिल्ली में जारी किसान आंदोलन में तय हुआ है कि आज से हर रोज 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे। 

इस बात की सूचना देते हुए सिंघु बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन पंजाब के सचिव बलवंत सिंह ने बताया है कि “आज से यहां हर रोज़ 11 लोग भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस प्रकार हम बताना चाह रहे हैं कि सरकार हमारी मांग नहीं मान रही है और हम इस तरह से अपनी मांग मनवाएंगे।” 

वहीं गाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 23 दिसंबर किसान दिवस को एक समय का भोजन न करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि-“जब तक बिल वापस नहीं होगा, MSP पर क़ानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे। 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें।”

सरकार ने बातचीत की तारीख बताने के लिए लिखा पत्र

वहीं सरकार की ओर से एक बार फिर किसानों को पत्र लिखकर फिर से बातचीत करने के लिए एक तारीख मुकर्रर करने के लिये कहा गया है।

कृषि कानूनों के खिलाफ़ दिल्ली की सीमा पर 26 दिन से डेरा डाले आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने एक पत्र लिखकर दोबारा बातचीत के लिए एक तारीख बताने का अनुरोध किया है। सरकार ने कृषि कानून को अपनी नाक का सवाल बना रखा है, और रत्ती भर भी झुकने को तैयार नहीं है। सरकार की ओर से चौपाल लगाया जा रहा है। तमाम कार्यक्रमों और मीडिया बाइट्स में सरकार के मंत्रियों और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि क़ानून को किसान हितैषी बताया जा रहा है फिर किसी बातचीत का औचित्य ही क्या रह जाता है। बता दें कि इससे पहले किसान संगठनों के नेता और सरकार के तीन मंत्रियों के बीच 5 राउंड की वार्ता हो चुकी है। इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी एक बैठक हो चुकी है और नतीजा सिफ़र रहा है। 

कल संयुक्त मोर्चे की मीटिंग हुई जिसमें निम्न फैसले लिए गए:

1.हर रोज 11 किसान नेता 24 घण्टे के लिए भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

2.23 दिसंबर को किसान दिवस है। इस दिन पूरे देश की जनता दोपहर का खाना छोड़कर किसान आन्दोलन में भागीदार बनें।

3.26-27 दिसंबर को विदेशों में भारतीय दूतावास पर प्रर्दशन किये जायेंगे।

4.26-27 दिसंबर को भाजपा और इसके सहयोगियों को चेतावनी पत्र दिये जायेंगे।

5.अडानी और अंबानी के उत्पादों का बहिष्कार जारी रहेगा, घरों में इस्तेमाल होने वाले फार्चून प्रोडक्ट का जोरदार विरोध किया जायेगा।

6.25-26-27 दिसंबर को हरियाणा के टोल प्लाजा फ्री किये जायेंगे।

7.27 दिसंबर को प्रधानमंत्री जितनी देर मन की बात करेंगे, उतनी देर सभी देशवासी थाली बजाकर विरोध करें।

संयुक्त किसान मोर्चा

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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