Friday, March 29, 2024

EXCLUSIVE: महाराष्ट्र पुलिस ने मर्दिनटोला नहीं, छत्तीसगढ़ में स्थित परेवा की पहाड़ियों में दिया नक्सली मुठभेड़ को अंजाम

परेवा की पहाड़ी (छत्तीसगढ़)। दो दिन पहले गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप उठे जंगल की वादियों में मानों मौत का सन्नाटा पसरा हुआ था। पेड़ों पर गोलियों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। पेड़ों के उखड़े चिथड़े बता रहे थे कि दो दिन पहले यहां गोलियों की भारी बौछार हुई थी। जनचौक का यह संवाददाता पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए इस मुठभेड़ का जायजा लेने के लिए जंगल में पहुंचा हुआ था। घटनास्थल खुद ब खुद मुठभेड़ की कहानी बता रहा था। नक्सलियों के दैनिक समान जंगल में तितर-बितर पड़े हुए थे।

पत्थरों की आड़ लेकर छुपे नक्सलियों को लगी गोलियों के सबूत खून के धब्बे के तौर पर अब भी मौजूद थे। हालांकि वे अब सूख कर काले पड़ गए थे। नक्सलियों द्वारा दागे गए देशी रॉकेट लांचरों के पड़े खोखे मुठभेड़ की भीषणता को बता रहे थे। घटनास्थल को देखकर लगा कि नक्सली झोपड़ी बना कर रहते थे। और वो अभी सो कर उठे भी नहीं थे कि पुलिसकर्मियों ने उन पर हमला बोल दिया। झोपड़ियों में खाने के सामान पड़े हुए थे।

बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 147 किमी और मोहला तहसील से 20 किमी दूर हिडकोटोला गांव पड़ता है, यह गांव छत्तीसगढ़ की सीमा के अंदर है। हिडकोटोला गांव के पीछे 3 से 4 किमी दूर परेवा की पहाड़ी में यह मुठभेड़ हुई है। लेकिन महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस का दावा है कि यह मुठभेड़ महाराष्ट्र के धनोरा के तहत आने वाले ग्यारहपत्ती थाना क्षेत्र में स्थित गांव मर्दिनटोला के जंगल में हुई है।

गढ़चिरौली से कोटगुल की दूरी 168 किमी पड़ती है। रास्ते में 10 से 15 किमी पहले ग्यारहपत्ती का थाना है। ग्यारहपत्ती और कोटगुल के बीच सोनपुर -पिटेसुर से एलोन्डी होते नदी पार हिडकोटोला गांव स्थित है। यह छत्तीसगढ़ का बॉर्डर गांव है और इसी गांव के परेवा के जंगल में मुठभेड़ के निशान हैं। लेकिन गढ़चिरौली पुलिस ने मर्दिनटोला के जंगल में मुठभेड़ का जिक्र किया है। 

मौका-ए-वारदात पर पहुंचने के बाद आस-पास के गांवों के ग्रामीणों से मिलकर मैंने घटना की पूरी जानकारी हासिल की। हालांकि हिडकोटोला के ग्रामीण बेहद डरे हुए थे और वो कुछ भी बता नहीं पा रहे थे। 

लेकिन पड़ताल करने पर पता चला कि जिस नक्सल मुठभेड़ को  गढ़चिरौली पुलिस महाराष्ट्र के मर्दिनटोला जंगल में होना बता रही है वह एनकाउंटर असल मे छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला अंतर्गत मोहला ब्लॉक के हिडकोटोला व ग्राम परेवा के बीच स्थित पहाड़ी इलाके में हुई है।

यानि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की पुलिस ने छत्तीसगढ़ में घुसकर 26 माओवादियों को न केवल मार गिराया बल्कि तमाम नक्सलियों की डेड बॉडी भी अपने साथ माहाराष्ट्र ले जाकर अपनी कामयाबी का जश्न मना रही है।

वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय पुलिस जिसे इतने बड़े एनकाउंटर की भनक भी नहीं लगी वो अब पड़ोसी राज्य की पुलिस को अपने कार्यक्षेत्र में मिली कामयाबी के जश्न का मूकदर्शक भर बन कर रह गयी है। ग्राम परेवा व हिडकोटोला के मध्य पहाड़ के निशान बता रहे थे कि मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में ही हुई। वहीं गोलीबारी की आवाज सुनने तथा मुठभेड़ के दौरान के हालात को देखने वाले मोहला ब्लॉक के ग्रामीणों ने भी बताया कि एनकाउंटर छत्तीसगढ़ के हिडकोटोला व परेवा के बीच पहाड़ में हुआ है न कि महाराष्ट्र के मर्दिनटोला के जंगल में। 

यही नहीं मोहला ब्लॉक के ग्राम हिडकोटोला में एनकाउंटर के बाद के खून व अन्य निशान व पुलिस द्वारा छोड़े गए समान भी बयां कर रहे हैं कि घटना मोहला क्षेत्र में ही हुई है। हालांकि छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों का इस मुठभेड़ को लेकर अभी तक किसी तरह का बयान नहीं आया है। 

घटना स्थल यह बिल्कुल साफ-साफ बता रहा था कि नक्सली सुबह सो रहे थे और जवानों ने अचानक अपने एम्बुस से निकल कर उन पर हमला बोला। गढ़चिरौली पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति में भी सुबह 6 बजे मुठभेड़ शुरू होना बताया गया है। जिस जगह मुठभेड़ के निशान थे वह इलाका बेहद घना है और चारों तरफ पड़ों से घिरा हुआ है। पानी के लिए छोटा सा नाला मौजूद है। नक्सलियों के ठिकाने के लिहाज से इसे बेहद उचित माना जा सकता है। 

गढ़चिरौली पुलिस का पक्ष

13 नवम्बर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली स्थित C 60 कामांडो यूनिट ने छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के सीमावर्ती जंगलों में 26 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल की। जिस जगह जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई उसी जगह ग्राउंड रिपोर्ट के लिए जनचौक का यह संवाददाता पहुंचा था। महाराष्ट्र पुलिस ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के धनोरा अंतर्गत ग्यारहपत्ती थाना क्षेत्र के तहत आने वाले गांव मर्दिनटोला के जंगल में पुलिस अधीक्षक सौम्य मुंडे के नेतृत्व में गढ़चिरौली पुलिस के C 60 यूनिट और विशेष दल के जवान नक्सल विरोधी अभियान चला रहे थे। 13 नवम्बर की सुबह 6 बजे से शाम 6.30 बजे तक 90 से 100 की लगभग संख्या में नक्सलियों द्वारा पुलिस पार्टी को देखकर उस पर हमला किया गया। जवाबी हमले में 26 नक्सली मारे गए। हमले में 4 जवान ज़ख्मी हुए, 26 नक्सल मारे गए जिसमें 6 महिला और 20 पुरुष हैं। नक्सलियों के पास से 29 हथियार बरामद हुए हैं। जिसमें एके-47, इंसास रायफल और एसएलआर आदि शामिल हैं।

(घटनास्थल से लौटकर जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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