नई दिल्ली। मणिपुर और नगालैंड के पूर्व गवर्नर तथा पूर्व सीबीआई निदेशक अश्वनी कुमार शिमला स्थित अपने घर में मृत पाए गए हैं। वह 70 साल के थे।
अधिकारियों का कहना है कि कुमार का शव उनके घर के पिछवाड़े शाम 7 बजे पाया गया। जिले की पुलिस मौत के पीछे खुदकुशी की आशंका जाहिर कर रही है।
पुलिस ने कुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। इसके साथ ही उसने मामले की जांच शुरू कर दी है। मामला छोटा शिमला के ईस्ट पुलिस स्टेशन के तहत आता है।
कुमार ने 1973 में आईपीएस सेवा ज्वाइन किया था। उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित किया गया था और वह 1985 में शिमला के एसपी भी रहे। उसके बाद वह नयी-नयी बनी एसपीजी में चले गए थे जहां वह 1990 तक रहे।
2006 में वह हिमाचल प्रदेश के डीजीपी बने। उसके बाद 2008 में वह सूबे के पहले ऐसे पुलिस अफसर बन गए जो सीबीआई का डायरेक्टर बना हो। सीबीआई के निदेशक पद से वह 2010 में रिटायर हो गए। उसके बाद उन्होंने ढेर सारे संस्थानों में एमबीए छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया।
मार्च 2013 से जुलाई 2014 तक वह नगालैंड के गवर्नर रहे। इसके साथ ही उन्होंने कुछ समय के लिए मणिपुर का भी अतिरिक्त प्रभार संभाला था।
अश्वनी कुमार के सीबीआई डायरेक्टर रहते एक और महत्वपूर्ण घटना घटी थी। जिसमें सोहराबुद्दीन मामले में सीबीआई ने मौजूदा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को गुजरात में गिरफ्तार किया था। शाह की गिरफ्तारी 25 जुलाई, 2010 को हुई थी। शाह गुजरात के गृहराज्य मंत्री भी रह चुके हैं। जबकि अश्विनी कुमार सीबीआई के निदेशक पद से 30 नवंबर, 2010 को रिटायर हुए। डायरेक्टर पद पर उनकी नियुक्ति 2 अगस्त, 2008 को हुई थी। आपको बता दें कि शाह की गिरफ्तारी के समय पी चिदंबरम केंद्रीय गृहमंत्री थे। चिदंबरम का गृह मंत्रालय का कार्यकाल नवंबर, 2008 से जुलाई, 2012 तक रहा।
अश्विनी कुमार का जन्म 15 नवंबर 1950 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में हुआ था। उन्होंने किन्नौर जिले के कोठी गांव के पास सरकारी प्राइमरी स्कूल में अपनी शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून और बिलासपुर के सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की। उनका ग्रेजुएशन हिमाचल प्रदेश के नाहन स्थित सरकारी कॉलेज से हुआ। उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में पीएचडी की थी।
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