ग्राउंड रिपोर्ट: अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र जारी न करने के विरोध में दुसाध समाज का धरना-प्रदर्शन 23 वें दिन भी जारी

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संतकबीर नगर। बिहार सहित उत्तर प्रदेश में भारी तादाद में निवास करने वाले ‘दुसाध’ समाज के लोगों को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र की दरकार है। जिसके लिए वह पिछले 22 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं। दुसाध समाज का धरना-प्रदर्शन 8 सितंबर 2023 से अब तक जारी है, किंतु अभी तक इनके धरने को समाप्त कराने की कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है और ना ही अधिकारियों पर इस समाज के धरने को लेकर कोई असर देखा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में संतकबीर नगर जनपद के खलीलाबाद में दुसाध समाज के लोगों का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र उनकी बिरादरी के सभी लोगों के लिए जारी करने की मांग को लेकर समाज के लोग सैकड़ों की संख्या में विगत 8 सितंबर 2023 से धरना-प्रदर्शन किए हुए हैं। दुसाध कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष उदयराज उर्फ सोनू बताते हैं  “कई बार संबंधित अधिकारियों से वार्ता भी की गई कि जब पूर्व में दुसाध समाज के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है तो फिर अन्य लोगों को जारी करने में क्यों और किस बात के लिए हीला-हवाली की जा रही है।”

सभा में बैठे दुषाध समाज के लोग

संगठन के अध्यक्ष उदयराज की मानें तो तमाम लोगों का प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति के लिए बना हुआ है, किंतु अब संबंधित अधिकारी आवेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दे रहे है कि, संतकबीर नगर में दुसाध जाति के लोग आते ही नहीं जबकि पूर्व में बिरादरी के तमाम लोगों का प्रमाण पत्र बन चुका है”।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, दुसाध कल्याण परिषद के तत्वावधान में दुसाध समाज के लोग बीते 8 सितंबर 2023 से संतकबीरनगर जिला मुख्यालय स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के पीछे स्टेडियम के बगल में अनिश्चितकाल धरने पर बैठे हुए हैं। इनकी मांग है कि इनके समाज के सभी लोगों को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए, जैसे पूर्व में जारी किया गया था। आरोप है कि प्रशासन मनमानी कर रहा है।

जाति प्रमाण पत्र जारी न होने से शिक्षा से लेकर कई कार्यों में इनके अपने लोगों को परेशानी होती है। इसको लेकर कई बार अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया गया, मौखिक रूप से भी मिलकर गुहार लगाई गई, लेकिन किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा। थक-हार कर धरना प्रदर्शन करने को विवश होना पड़ा है।

जाति प्रमाणपत्र बनाने का मांग पर धरने पर बैठे लोग

अखिल भारतीय दुषाध कल्याण परिषद के बैनर तले चल रहा दुसाध समाज का अनिश्चित कालीन धरना शनिवार, 30 सितंबर 2023 को 23 वें दिन भी अनवरत जारी रहा है। अब तक सत्ताधारी दल भाजपा, अपना दल (एस) को छोड़ दिया जाए तो दुसाध समाज के धरनास्थल पर संतकबीर नगर के सपा जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम व सपा नेता सुनील सिंह पहुंचकर अपना समर्थन दे चुकें हैं।

सपा जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम, सपा नेता सुनील सिंह कहते हैं कि ‘दुसाध जाति का धरना लगातार चल रहा है। प्रशासन इनकी मांगों पर ध्यान दे। डीएम से वार्ता की गई और डीएम ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस बाबत कोई कदम उठाया जाएगा। नियमानुसार जो भी मांगे होंगी, उसे पूरा किया जाएगा। कहा सपा दुसाध समाज को पूरा समर्थन दे रही है। इसके लिए जो भी लड़ाई होगी मिलकर लड़ी जाएगी।’

दुसाध कल्याण परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष शशिकांत उर्फ सोनू पासवान “जनचौक” को बताते हैं कि “दुसाध जाति का जाति प्रमाणपत्र अनुसूचित जाति का अब तक दिया गया है, लेकिन आगे नहीं दिया जा रहा है यह प्रशासन की मनमानी है। दुसाध समाज अपनी लड़ाई लड़ना जानता है। यह आंदोलन चलता रहेगा जबतक कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तब तक अंतिम दम तक हम पीछे हटने को तैयार नहीं है।” गौर करें तो अकेले संतकबीर नगर जनपद के नगरीय हिस्सों से लेकर 76 गांवों में दुसाध समाज के लोग रहते हैं। जिन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किए जाने का शासनादेश जारी किया गया था। जिसकी अवहेलना की जा रही है। विवादित बताते हुए ऑनलाइन आवेदन को निरस्त किया जा रहा है। जबकि पहले जारी किया जाता रहा है।

राजनैतिक दलों को लेकर भी है नाराजगी

संतकबीर नगर जिले में दुसाध समाज के लोग अनुसूचित जाति में सम्मिलित होने के लिए 23 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। जिनको कुछ दलों का समर्थन भी लगातार मिल रहा है। भाजपा को छोड़ सपा का प्रतिनिधिमंडल दुषाध समाज के धरने में सम्मिलित होकर धरने को समर्थन देता आया है। दुसाध समाज के धरने को खलीलाबाद सदर से पूर्व विधायक जय चौबे के साथ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम पांडे सहित समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने धरने को समर्थन दिया है।

पूर्व विधायक जय चौबे चेतावनी भरे लहजे में कहते हैं कि “यदि जिला प्रशासन दुसाध समाज को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र देने का काम नहीं करता है तो समाजवादी पार्टी दुसाध समाज के साथ हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ने का काम करेगा”।

विरोध में बैठे दुषाध समाज के ग्रामीण

धरने पर बैठे खलीलाबाद के नीरज कुमार दुसाध राजनैतिक दलों के प्रति अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहते हैं कि “वोट बैंक के लिए सभी ने हमें निचोड़ने का काम किया है। हमारी समस्याओं से किसी का कोई भी सरोकार नहीं रहा है। वह दो टूक लहजे में कहते हैं कि इस बार हमने मन बना लिया है जब तक हम लोगों को अनुसूचित जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है तब तक न हम पीछे हटने वाले और ना ही राजनैतिक दल को समर्थन देंगे, अलबत्ता इस बार होने वाले चुनावों में सबक भी सिखाया जाएगा।”

वह दु:खी मन से कहते हैं हमें सिर्फ वोट बैंक समझा गया है। अब ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है। समाज जाग गया है और अपने हक अधिकार को लेकर रहेगा। क्योंकि जब देना ही नहीं था तो लागू क्यों किया गया? लॉलीपॉप’ थमाने के लिए?”।

जलते अंगारों पर चलकर कराया ध्यानाकर्षण

लंबे समय से चल रहे धरना-प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन नहीं पिघला है तो दुसाध समाज के लोगों ने धरनारत लोगों के साथ अनोखे ढंग से आग के अंगारों पर चलकर शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है।

इससे भी बात नहीं बनी है तो तलवार की तेज धार पर भी चलकर लोगों को दांतों तले उंगली दबाने को विवश कर दिया था। तो वहीं जलते अंगारों और तलवार की धार पर चलकर जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है। दुसाध समाज के सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष डीएम कार्यालय के पीछे धरना स्थल पर पिछले 22 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर डटे हुए है।

आग पर चलता व्यक्ति

धरनारत लोगों का आरोप है कि शासन स्तर से दुसाध समाज को अनुसूचित जाति की श्रेणी में घोषित होने का निर्देश जारी कर दिया गया है। लेकिन संतकबीरनगर जिला प्रशासन दुसाध समाज का न तो रिपोर्ट लगा रहा है और ना ही अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी कर रहा है। जिसके विरोध में हमारे समाज के सैकड़ों लोग अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं, लेकिन इस धरने का जिला प्रशासन पर कोई फर्क पड़ता हुआ नहीं दिखलाई दे रहा है।

दुसाध समाज के लोगों ने धरने के 13 वें दिन प्रशासन से नाराज होकर उनकी बुद्धि-शुद्धि के लिए अपने इष्ट देवता राह बाबा की पूजा कर जलते हुए अंगारों पर चलकर खुद को अनुसूचित जाति का होने की बात कह तलवार की धार पर भी चले। जिसकी भनक लगने पर जिला प्रशासन की ओर से उप जिलाधिकारी सदर शैलेश दुबे व कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई थी।

जिला प्रशासन तथा पुलिस वालों ने उन्हें तलवार पर खड़े होने से मना तो जरूर किया है, लेकिन धरने को समाप्त करने में अभी विफल रहा है। फिलहाल, दुसाध समाज के लोगों ने अस्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उनका आंदोलन और भी आगे तक जाएगा।

बात न बनी तो नेशनल हाईवे करेंगे जाम

अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग को लेकर धरनारत दुसाध समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वह लोग नेशनल हाईवे जाम करेंगे। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। समाज के लोगों का सवाल होता है कि जब उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करना ही नहीं था तो घोषणा क्यों की गई।

कुछ लोगों को प्रमाण पत्र जारी कर समाज में फूट क्यों डाला जा रहा है। दुसाध समाज के लोगों का कहना है की उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले कई जनपदों में हमारे समाज के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र मिल चुका है, लेकिन संतकबीर नगर जिले में यहां का जिला प्रशासन दुसाध समाज के लोगों का प्रमाण पत्र नहीं जारी कर रहा है। जिसको लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को विवश होना पड़ा है।

भारी तादाद के बाद भी पड़े हैं उपेक्षित

गौरतलब हो कि दुसाध समाज के लोगों का उपनाम पासवान है। अकेले बिहार राज्य में यहां कि कुल आबादी का 5 प्रतिशत आबादी का होना बताया जाता है। जिनमें तकरीबन 45.6 लाख सदस्य हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में भी उपनाम पासवान को लेते हुए अच्छी तादाद में हैं, बावजूद लगातार इस समाज की उपेक्षा होती आ रही है।

संगठन के बस्ती मंडल अध्यक्ष लालचंद्र दुसाध की मानें तो “दुसाध ढाढ़ी में कोई अंतर नहीं है। दुसाध जाति की उपजाति ढाढ़ी है। ढाढ़ी कोई जाति नहीं है, लेकिन इस जाति का अपनी एक ख्याति और गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। पूर्व से लेकर वर्ष 2023 तक दुसाध जाति से कई जाति प्रमाणपत्र जारी किया गया है। जो अब जारी नहीं किया जा रहा है।

(संतकबीरनगर से संतोष देव गिरी की ग्राउंड रिपोर्ट।)

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