विपक्ष विरोधी मीडिया के दम पर हुये चुनाव तो निष्पक्षता और पारदर्शिता कहां रह जायेगी जवाब दे चुनाव आयोग

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समाजवाद पार्टी नेता राम गोपाल यादव ने मीडिया व निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा है कि – “झंडा बैनर पोस्टर होर्डिंग कुछ नहीं लगा सकते,सभा नुक्कड़ सभा रोड शो रैली भी नहीं कर सकते। मीडिया विपक्ष को दिखा नहीं सकती तो क्या अखिलेश की जनसभाओं में उमड़ते जन सैलाब से घबड़ाकर सरकारी पार्टी के अनुकूल सब व्यवस्था की जा रही है।”

सपा सांसद राम गोपाल यादव ने ट्वीट करके निर्वाचन आयोग पर भाजपानुकूल नियम व शर्तें लगाने का आरोप लगाया है साथ ही उन्होंने कार्पोरेट इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया को विपक्ष विरोधी बताया है।

वहीं एक सपा समर्थक ओमकार यादव ने कहा है कि भाजपा अखिलेश जी की रैली में उमड़े विशाल जनसैलाब से घबड़ा गई और इसी घबराहट का नतीजा है कि भाजपा ने चुनाव आयोग से कहकर रैली पर रोक लगवा दी। और डिजिटल तरीके से चुनाव प्रचार करवा रही है। क्यों कि गोदी मीडिया सिर्फ़ भाजपा को ही दिखाएगी इसलिए भाजपा ने ये गेम खेला है।

मायावती ने कहा मीडिया बसपा विरोधी

ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ समाजवादी पार्टी ने ही मीडिया को विपक्ष विरोधी बताया हो। इससे पहले 2 जनवरी, 2022 को बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश मिश्रा ने आरोप लगाया कि – बसपा की रैलियों और रोड शो को मीडिया नहीं दिखा रहा है।

सतीश मिश्रा ने एबीपी-सी वोटर सर्वे में बीएसपी को बेहद पिछड़ा हुआ बताए जाने पर भी नाराज़गी जताते हुए कहा था कि – “सी वोटर हो चाहे कोई और हो… हम लोग इस तरह के सर्वे के बारे में इसलिए कमेंट नहीं कर सकते हैं, क्‍योंकि इस तरह की जो सर्वे एजेंसीज हैं, वो सर्वे एजेंसी किससे मिलती हैं, कहां मिलतीं, कितने वोटरों से मिलती हैं? हम हर जिले में जा रहे हैं, हम मिल रहे हैं पचासों हजार लोगों से, हर दिन। अब ये कौन से लोगों से मिलकर सर्वे निकालते हैं, ये तो वही बता सकते हैं।”

सिर्फ़ इतना ही नहीं बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने आरोप लगाया था कि उन लोगों के पास भी इस तरह की बहुत सी सर्वे एजेंसीज ने कॉन्‍टेक्‍ट किया था। और उनसे कहा था कि आप लोग हम से बात कर लीजिए, हम आपका ये दिखा देंगे, वो दिखा देंगे, हम असलियत दिखा देंगे। हमने कहा असलियत दिखाने के लिए भी हमको किसी एजेंसी को पकड़ना पड़ेगा तो बेकार है हमारे लिए। लेकिन जमीनी स्‍तर पर आपको दिखता है कि खाली अगर कोई गाड़ी से घूम रहा है, वो लोग 500 लोगों के साथ घूम रहा है, वो नजर आ रहे हैं और जो लाखों इकट्टा हो रहे हैं वो नहीं दिख रहे हैं। हमने ये जरूर किया कि जो तस्‍वीरें हैं वो हमने डाल दीं और यू-ट्यूब पर भी डाल दिया।”

गौरतलब है कि महज 12 हजार 129 लोगों से बात करके एबीपी न्‍यूज और सी वोटर दावा किया था कि यूपी चुनाव में बीजेपी को 41 प्रतिशत, सपा को 33 प्रतिशत, बसपा को 12 प्रतिशत, कांग्रेस को 8 प्रतिशत और अन्‍य 6 प्रतिशत वोट शेयर मिलेगा।

वहीं 24 नवंबर 2021 मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बसपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी मीडिया पर बीएसपी की अनदेखी का आरोप लगाया था। मायावती ने कहा कि हमें लगा कि मीडिया हमारे कामों को दिखा नहीं रही है, इसके लिए हमें ये फोल्डर तैयार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार बार बीएसपी की सरकार रही है और उसने राज्‍य और लोगों के कल्याण और विकास के लिए असंख्य ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। मायावती ने कहा, ‘राज्य की जनता को हमारे कार्यों की याद दिलाने के लिए, लोगों तक पहुंचाने के लिए एक फोल्डर तैयार किया गया है। आने वाले चुनावों में अगर बसपा फिर से सरकार बनाती है तो वह सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय के लिए काम करती रहेगी।”

राहुल गांधी ने कहा मीडिया विपक्ष विरोधी

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कई मौकों पर मीडिया पर विपक्ष की आवाज़ दबाने का आरोप लगाते आ रहे हैं।

21 दिसंबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से एक पत्रकार ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए विपक्ष को दोषी ठहराने वाले सरकार के बयान के बारे में सवाल किया, तो राहुल गांधी ने पत्रकार पर आरोप लगाते हुये कहा था कि, “आप सरकार के लिए काम करते हैं?”

इससे दो दिन पहले 19 दिसंबर को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी का नाम लिए बिना कहा था कि मीडिया के कुछ लोग सिर्फ़ एक ही व्यक्ति का चेहरा दिखाते हैं और विपक्ष की आवाज़ दबाने का काम करते हैं लेकिन इन पत्रकारों के साथ अगर कभी अन्याय होगा तो वह उनकी आवाज़ बनकर हमेशा उनके पक्ष में खड़े रहेंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि जो पत्रकार विपक्ष की बात दबाते हैं, सही मायने में वह जनता के मुद्दों को दबाने का काम करते हैं लेकिन जिस व्यक्ति का चेहरा वे दिखाते रहते हैं वह कभी उनकी आवाज़ नहीं उठाते हैं।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया ‘‘दुखद! कई मीडिया साथी सिर्फ़ एक व्यक्ति का चेहरा दिखाते हैं, विपक्ष की आवाज़ दबाते हैं- जनता तक नहीं पहुँचने देते। क्या उस व्यक्ति ने कभी आपके लिए आवाज़ उठायी। आपको जो सही लगे, करिए लेकिन आपके ख़िलाफ़ अन्याय-हिंसा होगी तो मैं पहले भी आपके साथ था, आगे भी रहूँगा।

न्यूज एंकर भाजपा व सरकार के प्रवक्ता हैं

तमाम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों के एंकर भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार के प्रवक्ता की तरह काम करते आ रहे हैं। और वो न सिर्फ़ अपने पर्सनल सोशल मीडिया एकाउंट से खुलकर सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं बल्कि तमाम न्यूज कार्यक्रमों में दफा और सरकार प्रवक्ता की तरह विपक्षी दलों पर चीखते चिल्लाते हैं। सरकार से सवाल पूछने के बजाय ये लोग विपक्ष से सवाल पूछते हैं।

ऐसे में जबकि निर्वाचन आयोग ने कोरोना की तीसरी लहर का हवाला देकर चुनावी रैलियों, नुक्कड़ सभाओं और रोड शो, पद यात्रा पर रोक लगा दी है तब तमाम मीडिया संस्थान जो विपक्षी दलों को विलेन बनाकर पेश करते आ रहे हैं वो विपक्षी दलों के नेताओं की बातों और विपक्षी दलों के घोषणा पत्रों को जनता तक पहुंचाएंगे भी इसमें संदेह है। ऐसे में निर्वाचन आयोग द्वारा निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न कराने की बात जुमला सी प्रतीत होती है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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