तेलंगाना और झारखंड की दरिंदगीपूर्ण घटनाओं से एक बार फिर देश हुआ शर्मसार

Estimated read time 1 min read

रांची। देश में दो दिन के भीतर सामूहिक बलात्कार और दरिंदगी के बाद हत्या की खबरों ने पूरे समाज को हिला दिया है। इन घटनाओं से पूरा देश सकते में है। पहली घटना तेलंगाना की है, जहां एक युवा महिला पशु चिकित्सक प्रियंका रेड्डी रात नौ बजे अपनी ड्यूटी से वापस आ रही थी। तभी अचानक उसकी स्कूटी पंचर हो गई। उसने अपनी बहन को फोन कर स्कूटी खराब होने और साथ ही डर लगने की बात भी बतायी। बहन उसे उस जगह से हटने और कैब लेने के लिए कहती है। कुछ देर में प्रियंका फिर अपनी बहन को फोन करके कहती है, कुछ लोग मदद के लिए आए हैं, मैं देखती हूं।

जब छोटी बहन वापस फोन लगाती है तो फोन स्विचऑफ आता है। परिवार के बीच घबराहट बढ़ जाती है, वे फोन किए गए स्थान पर आते हैं, मगर उन्हें प्रियंका कहीं नहीं मिलती है। इस अनर्थ की आशंका और घबराहट के बीच दूसरे दिन प्रियंका तो नहीं उसकी लाश जरूर मिलती है। तब पता चलता है कि उनकी होनहार काबिल और खूबसूरत डॉक्टर बहन व बेटी का सामूहिक बालात्कार कर उसे जिंदा जला दिया गया है।

दूसरी घटना रांची के कांके थाना क्षेत्र की है, जहां रांची-पतरातू रोड स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा से गैंगरेप होता है। मामला सामने आने के बाद राजधानी में सनसनी फैल गयी। घटना के बारे बताया जाता है कि छात्रा बस स्टॉप पर अपने एक दोस्त के साथ बात कर रही थी, इसी दौरान एक कार पर सवार छह युवक आये और छात्रा के साथ छेड़खानी करने लगे। छात्रा के साथी द्वारा इसका विरोध करने पर युवकों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी और छात्रा को जबरन अपनी कार में डाल कर चलते बने।

उसके बाद जमशेदपुर की रहने वाली इस लॉ की छात्रा (25 वर्ष) के साथ 26 नवंबर की शाम करीब 5.30 बजे रांची के कांके थाना क्षेत्र के संग्रामपुर गांव में गैंग रेप किया जाता है। इस घटना के सामने आते ही पूरा रांची शहर हिल गया है। हालांकि मामले में रांची पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जहां पीड़िता आदिवासी है वहीं इस गैंगरेप के सारे आरोपी भी आदिवासी समुदाय के ही हैं। जो इस बात को साबित करता है कि अपराधियों व कुकर्मियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता है।

पुलिसकर्मियों के साथ पकड़े गए झारखंड के आरोपी।

गिरफ्तार आरोपियों में सुनील मुंडा, कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा,  राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, अमन उरांव, रोहित उरांव और ऋषि उरांव, सभी आरोपी कांके थाना क्षेत्र के संग्रामपुर गांव के निवासी हैं।

पुलिस के अनुसार, बस स्टॉप  पर युवती व उसके मित्र के साथ मारपीट के क्रम में एक आरोपी का मोबाइल घटनास्थल पर गिर गया था। आरोपी युवक जब युवती को उठा ले गये, तो युवती के मित्र को वही मोबाइल फोन मिल गया। मोबाइल फोन के माध्यम से पुलिस ने 26 नवंबर की रात 11 बजे से सुबह चार बजे तक छापेमारी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

इस संबंध में पीड़िता के बयान पर कांके थाना में आरोपियों के खिलाफ बुधवार को भादवि की धारा 367डी/120बी और एससी-एसटी अधिनियम की धारा 3(2)(वीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। सेंट्रो कार और एक पल्सर बाइक भी पुलिस ने बरामद कर ली है। इसके साथ ही 7.62 एमएम की एक पिस्टल, दो मैगजीन, दो कारतूस, प्वाइंट 315 का एक कट्टा, एक गोली, आठ मोबाइल और पीड़िता का छीना हुआ मोबाइल भी बरामद किया गया है। इस घटना में शामिल  सैंट्रो  कार (जेएच 01  एडी 6128)  मनोज चौधरी के नाम पर रजिस्टर्ड  है।  वहीं पल्सर  (जेएच 01 डीक्यू 8951) तेतरा उरांव की है।

 27 नवंबर को प्रेस वार्ता में रांची के ग्रामीण एसपी ऋषभ कुमार झा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा भी लगायी गयी है। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी के निर्देश पर  टीम गठित कर त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ा गया। बरामद कट्टा नावाडीह पिठोरिया थाना निवासी अरुण उरांव का बताया जा रहा है। पीड़िता की जांच करायी गयी है, जिसमें रेप की पुष्टि हुई है।

 घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार छात्रा अपने एक दोस्त के साथ स्कूटी से मेसरा से रिंग रोड होते हुए छात्रावास लौट रही थी। उसका दोस्त भी इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र है। संग्रामपुर रिंग रोड स्थित बस स्टॉप पर रुक कर दोनों गपशप करने लगे। तभी बलात्कार के आरोपी सेंट्रो कार व बाइक से वहां पहुंचे और उनके साथ बदतमीजी करने लगे। इसके बाद छात्रा के दोस्त के साथ हाथापाई की और जबरन युवती को कार में बैठाकर ले गये। साथ ही ये सभी स्कूटी भी छीन कर लेते गये। संग्रामपुर गांव के ही एक ईंट भट्ठा के समीप कार रोक कर छात्रा को उतारा और खेत में ले जाकर बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया।

तेलंगाना के आरोपी।

इसके बाद इन दरिंदों ने रात नौ बजे कार से ही छात्रा को उसी बस स्टॉप पर लाकर छोड़ दिया। उस समय भी युवती का पुरुष मित्र उसी जगह खड़ा था। उसने स्कूटी से छात्रा को छात्रावास पहुंचाया। छात्रावास में आने के बाद छात्रा ने इसकी सूचना अपने परिजनों को दी। अगले दिन  बुधवार 27 नवंबर को कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी।

 तेलंगाना की घटना में सैबराबाद पुलिस ने 27 नवंबर को हुई 22 साल की पशु चिकित्सक प्रियंका रेड्डी सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में 29 नवंबर को चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। हिरासत में लिए गए लोगों में एक ट्रक ड्राइवर और एक क्लीनर शामिल हैं। पुलिस को अंदेशा है कि आरोपियों ने युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और शव को जला दिया।

खबरों के मुताबिक मामले में शामिल चार आरोपियों मोहम्मद पाशा, जौलू नवीन, चिंथाकुंता चैन्ना केशावुलू और जौलू शिवा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

महिला डॉक्टर की प्राथमिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों ने प्रियंका की हत्या करने के बाद उसे चादर में लपेटा और उसके ऊपर केरोसिन डाल कर जला दिया। प्रियंका को घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर ले जाकर वारदात को अंजाम दिया गया।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रियंका की मां ने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि मेरी मासूम बेटी के दोषियों को जिंदा जला दिया जाए।’ मां का कहना है कि ‘घटना के बाद जब मेरी छोटी बेटी शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंची तो उसे दूसरे थाने शमशाबाद भेजा गया। कार्रवाई के बजाय पुलिस ने कहा कि मामला उसके क्षेत्र में नहीं आता।’ बाद में पीड़िता के परिवार के साथ कई सिपाही भेजे गए और सुबह 4 बजे तक छानबीन की गई मगर उसका पता नहीं चल पाया।

वहीं पीड़िता की बहन ने कहा, ‘एक से दूसरे पुलिस स्‍टेशन जाने में हमारा काफी वक्त बर्बाद हुआ। अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो आज मेरी बहन जिंदा होती।’

मृतक डॉक्टर प्रियंका रेड्डी के पिता ने कहा कि, ‘हम जब पुलिस स्टेशन गए तो पुलिस ने इधर-उधर की बातें करके काफी वक्त बर्बाद किया, थोड़ा हमने भी पुलिस स्टेशन पहुंचने में देरी कर दी। जब मेरी पत्नी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गई तो पुलिस ने कहा कि जाने का सीसीटीवी फुटेज है, आने का नहीं है। पता करो कि आपकी बेटी का किसी के साथ संबंध तो नहीं है। या फिर अस्पताल गई कि नहीं। पुलिस और हमने ने अगर वक्त बर्बाद नहीं किया होता तो शायद मेरी बेटी मिल जाती। पुलिस के रेस्पॉन्स से मैं दुखी हूं।’

 इस घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले की गंभीरता पूर्वक जांच किए जाने की मांग की है। आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि इस मामले में आरोपियों को कड़ी सजा दिलवायी जाएगी। वहीं सोशल मीडिया पर इस दरिंदगी पूर्ण घटना को संप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि इसमें एक मुस्लिम शामिल है। जबकि उससे बड़ी सच्चाई यह है कि तीन दूसरे बलात्कारी हिंदू हैं। वहीं रांची की घटना पीड़िता और आरोपी सभी आदिवासी हैं। जो इस बात का गवाही देते हैं कि अपराधी सिर्फ अपराधी होता है उसकी कोई जाति या धर्म नहीं होता है।

(रांची से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You May Also Like

More From Author