बीएचयू, प्रयागराज और देवरिया में कई छात्र नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ठिकानों पर एनआईए का छापा

नई दिल्ली। बनारस और प्रयागराज से एक ताजा खबर आ रही है। यहां भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के बीएचयू दफ्तर पर एनआईए का छापा पड़ रहा है। इसके अलावा इलाहाबाद में पीयूसीएल की उत्तर प्रदेश की राज्य सचिव और मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा आजाद और उनके जीवन साथी विश्वविजय समेत एडवोकेट सोनी आजाद, रितेश विद्यार्थी और सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता मनीष आजाद के घर पर भी एनआईए ने छापा मारा है।

इसके साथ ही खिरियाबाग, आजमगढ़ आंदोलन व संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल राजेश के देवरिया जिले में स्थित उनके घर पर भी एनआईए की टीम छापा मार रही है।

बताया जा रहा है कि यह छापा अभी जारी है। और बीएचयू में अपने दफ्तर में मौजूद आकांक्षा आजाद का मोबाइल एनआईए की टीम ने जब्त कर लिया है। जबकि इलाहाबाद में ऊपर लिखे लोगों में सीमा आजाद, विश्वविजय, सोनी और रितेश को एनआईए के लोग अपने साथ ले गए हैं। और दिल्ली स्थित एक सामाजिक कार्यकर्ता संगीता ने बताया कि अभी तक इनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

इसी घर में पड़ रहा है एनआईए का छापा।

स्टूडेंट मोर्चा, बीएचयू, वाराणसी के ऑफिस को एनआईए ने पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है। संगीता ने बताया कि एनआईए व पुलिस वहां किसी को भी जाने नहीं दे रही है। बीएसएम के ही कुछ लोग जब अपने दफ्तर गए तो उनको पुलिस ने थप्पड़ जड़ दिया और उनमें से एक शख्स को पकड़कर बैठा लिया और उनसे पूछताछ करने लगी। संगीता का कहना था कि उस कार्यकर्ता को धमकी देकर पुलिसकर्मियों ने कहा कि तुमको पता है कि एनआईए है फिर तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हो गयी कि तुम यहां आ गए। एनआईए उस शख्स के फोन से भेजे गए व्हाट्सएप मैसेज को पढ़ रही है और किसी का भी कॉल आने पर स्पीकर पर करवा कर सुन रही है।

इसके पहले भी इन लोगों से पुलिस पूछताछ करती रही है। जैसा कि इंडिया की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि सरकार की ओर से दमन की कार्रवाई और तेज हो जाएगी। एनआईए की इस पहल को इसी के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है। 

दैनिक भास्कर के मुताबिक मंगलवार को टीम महामनापुरी कॉलोनी स्थित संगठन के कार्यालय पहुंची और छापेमारी करते हुए दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की। NIA की टीम को देखते हुए कार्यालय में हड़कंप मच गया। आनन-फानन सभी बाहर निकलने लगे। टीम ने कॉलोनी और संगठन कार्यकर्ताओं के घर को सील कर दिया।

छात्र संगठन से उनके फोन भी NIA ने जब्त कर लिया है। इसके बाद ऑफिस में मौजूद BCM की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद और सहसचिव सिद्धि सहित तीन हिरासत में ले लिया। उनके लैपटॉप को कब्जे में ले लिया है।

भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा ने एक आधिकारिक बयान में इसे छात्रों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर सरकार का फासीवादी हमला करार दिया है। बयान में कहा गया है कि सरकार 2024 के चुनाव से पहले डरी हुई है और वह अपना विरोध करने वाले सभी राजनैतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं का दमन कर रही है। NIA सरकारी एजेंसी की तरह नहीं बल्कि पूरी तरह से फासीवादी भाजपा–आरएसएस की बी टीम की तरह काम कर रही है। और एक ख़ास विचारधारा की पक्षधर बन अपने राजनैतिक विरोधियों के खिलाफ़ गुंडागर्दी कर रही है।
ऐसे में ज़रूरी है कि सत्ता के फासीवादी दमन के खिलाफ़ सभी जनवाद पसंद लोग एकजुट हों और अपनी आवाज़ बुलंद करें।

इस बीच लखनऊ एनआईए ब्रांच की डिप्टी एसपी रश्मि शुक्ला की ओर से आकांक्षा आजाद को एक नोटिस भेजी गयी है जिसमें उन्हें 12 सितंबर को लखनऊ हेडक्वार्टर में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्हें जिन धाराओं के तहत बुलाया गया है उसमें आईपीसी की 120बी, 121 सेक्शन और यूए (पी) एक्ट 1967 के तहत 18, 18 बी, 20, 38 और 39 के तहत बुलाया गया है।

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