Friday, April 26, 2024

उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों का षड्यंत्र भी उमर ख़ालिद और जामिया एक्टिविस्टों के मत्थे, दर्ज किया यूएपीए के तहत मुकदमा

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत मुक़दमा दर्ज किया है। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार जामिया के छात्र और छात्र जनता दल के सदस्य मीरान हैदर तथा जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी की मीडिया कोआर्डिनेटर सफूरा जरगर के ख़िलाफ़ भी इसी काले क़ानून के तहत पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। साथ ही भजनपुरा के रहने वाले दानिश पर भी यही एक्ट लगाया गया है।

हैदर के वकील अकरम खान ने इस बात की पुष्टि की कि उनके मुवक्किल और दूसरे लोगों के ख़िलाफ़ यूएपीए लगाया गया है। उन्होंने बताया कि आऱोपियों के ख़िलाफ़ पहले आईपीसी के सेक्शन 147, 148, 149 तथा 120 बी की धाराएँ लगायी गयी थीं। बाद में पुलिस ने 124 ए (देशद्रोह), 302 (हत्या), 307 (हत्या के प्रयास) और 153 ए (विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना) की धाराएँ उसमें जोड़ दीं।

पुलिस ने जरगर को 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया था उसने जरगर पर एंटी सीएए आंदोलन के दौरान 22-23 फ़रवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर लगे जाम को आयोजित करने का आरोप लगाया है। ग़ौरतलब है कि यहीं पर कपिल मिश्रा के नेतृत्व में सीएए के समर्थन में भी रैली निकाली गयी थी जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गयी थी। बाद में इलाक़े में दंगा फूट पड़ा था।

अकरम ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि उन्होंने हैदर की ज़मानत के लिए आवेदन कर दिया था। इसकी सोमवार को सुनवाई होनी थी। उन्होंने बताया कि “ हैदर के ख़िलाफ़ यूएपीए की धारा लगाए जाने की बात सुनने के बाद हमने ज़मानत के आवेदन को वापस ले लिया है। एक बार पुलिस से लिखित बातचीत हो जाने के बाद इसे अब बाद में दाखिल करेंगे।” हैदर इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। जरगर भी जेल में बंद हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से आयी ख़बर में बताया गया है कि पुलिस ने उन पर पापुलर फ़्रंट आफ इंडिया से रिश्ते होने का आरोप जड़ दिया है। और उसी के आधार पर उनके ख़िलाफ़ यूएपीए लगा दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि अभी कुछ और गिरफ़्तारियाँ होनी हैं। उनके ख़िलाफ़ यूएपीए की 13, 15, 16, 17 और 18 धाराएँ लगायी गयी हैं।

एफआईआर में कहा गया है कि ख़ालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की यात्रा के दौरान दो जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और नागरिकों से घरों से बाहर आने की अपील की थी। एफआईआर की मानें तो ख़ालिद ने ऐसा इसलिए किया था जिससे वैश्विक समुदाय को भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में बताया जा सके।

इस तरह से पूरे एफआईआर में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों को इन्हीं के षड्यंत्रों का नतीजा बताया गया है। पूरे मामले की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम जाँच कर रही है। लाकडाउन की घोषणा के बाद अब तक चार लोगों को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। इनमें जरगर, हैदर और पूर्व कांग्रेस कौंसिलर इशरत जहां तथा एक्टिविस्ट ख़ालिद सैफी शामिल हैं।

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