स्वचालित हथियारों से इंफाल पूर्व की पहाड़ियों पर गोलीबारी, सेना ने भीड़ को आगे बढ़ने से रोका

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नई दिल्ली। शुक्रवार को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले से हथियारबंद लोगों का एक समूह स्वचालित हथियारों से गोलीबारी करते हुए पहाड़ियों की ओर बढ़ा, लेकिन सेना ने इलाके की घेराबंदी करके भीड़ को आगे बढ़ने से रोक दिया। मणिपुर में कुकी समुदाय पर हथियारबंद हमले बंद नहीं हो रहे हैं। अराजक तत्व स्वचालित हथियारों से लैश होकर हमले कर रहे हैं।

एन. बीरेन सिंह सरकार लाख दावा करे लेकिन हत्या, हिंसा और आगजनी की घटनाओं पर वह नियंत्रण नहीं कर पा रही है, या करना नहीं चाह रही है। कुकी आदिवासियों का तो आरोप है कि मुख्यमंत्री और राज्य मशीनरी प्रत्यक्ष तौर पर हिंसक समूहों से जुड़ी है और उनकी हर तरह से मदद कर रही है। राज्य में कुकी आदिवासियों का संहार किया जा रहा है। मैतेई युवक ग्रुप बनाकर कुकी समुदाय पर जानलेवा हमला कर रहे हैं, उनके घरों, दुकानों और पूजाघरों को जलाया जा रहा है। ऐसा लगता है कि उपद्रवी तत्वों को सत्ता का खुला संरक्षण प्राप्त है।

सशस्त्र भीड़ घाटी में इम्फाल पूर्वी जिले के यिंगांगपोकपी से शुरू हुई थी और उरंगपत और ग्वालताबी गांवों की ओर बढ़ी थी। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों को तुरंत इन गांवों में तैनात किया गया और उन्होंने किसी भी अतिरिक्त क्षति से बचने के लिए सावधानी से जवाब दिया।

यिंगांगपोकपी और सेइजांग में महिलाओं के एक बड़े समूह ने शुरू में क्षेत्र में सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों की आवाजाही को रोक दिया। अधिकारियों ने बताया कि सेना के जवान इलाके की घेराबंदी करने के लिए पैदल आगे बढ़े।

सेना ने ट्वीट किया कि “क्षेत्र अपनी टुकड़ियों और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) द्वारा निगरानी में है।” स्थिति नियंत्रण में है और कड़ी निगरानी की जा रही है…क्षेत्र में अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं और संयुक्त अभियान जारी है।”

सर्वदलीय बैठक में पूर्व सीएम ओकराम इबोबी करेंगे कांग्रेस का प्रतिनिधित्व

मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे। कांग्रेस प्रधानमंत्री से मणिपुर में हिंसा प्रभावित राज्य में शांति स्थापित करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रही है। मणिपुर से आए कांग्रेस समेत कई दलों का प्रतिनिधिमंडल 10 जून से ही प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे पर रवाना होने से पहले उनसे मुलाकात करना चाह रहा था। लेकिन समय नहीं मिल सका और प्रतिनिधिमंडल को पीएमओ के अधिकारियों को अपना ज्ञापन देना पड़ा था।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में आग लगने के 52 दिन बाद गृह मंत्री ने आखिरकार आज दोपहर तीन बजे मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक बुलाना उचित समझा।

रमेश ने ट्विटर पर कहा, “वास्तव में इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री को करनी चाहिए थी जो इतने समय तक चुप रहे। इसे राष्ट्रीय पीड़ा के प्रदर्शन के रूप में इंफाल में आयोजित किया जाना चाहिए था। भाजपा ने मणिपुर के लोगों को बुरी तरह विफल कर दिया है।”

“फिर भी वह व्यक्ति जो 2002 और 2017 के बीच तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में मणिपुर को शांति और विकास के रास्ते पर वापस लाया, ओकराम इबोबी सिंह जी गृह मंत्रालय की बैठक में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके विशाल अनुभव को देखते हुए उनकी बात पूरी गंभीरता से सुनी जानी चाहिए।”

भीड़ ने मणिपुर के मंत्री सुसींद्रो मैतेई के गोदाम में लगाई आग

मणिपुर में मंत्रियों-विधायकों के आवास एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हमला रूक नहीं रहा है। शुक्रवार रात को राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और उपभोक्ता मामलों के मंत्री एल सुसींद्रो मैतेई के इंफाल में स्थित एक निजी गोदाम को आग लगा दी गई।

यह हमला मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में होने वाली सर्वदलीय बैठक से एक रात पहले हुआ।

यह घटना पूर्वी इंफाल के खुरई में शुक्रवार रात करीब 9.30 बजे हुई। भीड़ ने सुसींद्रो मैतेई के निजी गोदाम को आग लगा दी और सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया।

पिछले महीने के दौरान, इंफाल घाटी में क्रोधित भीड़ द्वारा कई निर्वाचित प्रतिनिधियों के आवासों पर हमला किया गया है। इनमें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह, राज्य के कैबिनेट मंत्री नेमचा किपगेन, मणिपुर के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोविंददास कोंथौजम, उरीपोक विधायक रघुमणि सिंह, सुगनू विधायक के रंजीत सिंह और नौरिया पाखांगलकपा विधायक एस केबी देवी के आवास शामिल हैं।

शुक्रवार रात की घटना तब हुई जब मैतेई-प्रभुत्व वाली घाटी और कुकी-प्रभुत्व वाली पहाड़ियों जैसे उरंगपत और ग्वालताबी की सीमा पर क्षेत्रों से गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “चुप्पी” पर छात्रों ने उठाए सवाल

नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (नेसो) ने शुक्रवार को मणिपुर में हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “चुप्पी” पर सवाल उठाया। इसने पूर्वोत्तर राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र से तत्काल कदम उठाने की मांग की।

गुवाहाटी में अपने सदस्य समूहों की बैठक के बाद एक बयान में, नेसो ने प्रधानमंत्री की “चुप्पी पर आश्चर्य” व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री को यह चुप्पी खत्म करनी चाहिए और परिणामोन्मुख कदम उठाने चाहिए। नेसो के अध्यक्ष सैमुअल जिरवा और महासचिव मुत्सिखोयो योबो ने बयान में कहा, यह चुप्पी क्षेत्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी की कमी दिखाती है।

संगठन के मुख्य सलाहकार, समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि “राज्य और केंद्र दोनों सरकारें हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद भी यह नहीं रुका।

नेसो ने कहा कि वह 28 जून को सभी सात पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों में मोमबत्ती की रोशनी में बैठकें आयोजित करेगा।

हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का सीएम का पहला दौरा

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में एक संक्षिप्त सड़क यात्रा की, जो हिंसा से प्रभावित राजधानी इंफाल के बाहर किसी क्षेत्र की उनकी पहली यात्रा थी।

यह दौरा बुधवार शाम को मुस्लिम आबादी वाले इलाके में एक वाहन विस्फोट के बाद हुआ है जिसमें चार लोग घायल हो गए थे।

सिंह ने कहा कि वह “राज्य में दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा से विस्थापित लोगों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए” प्री-फैब्रिकेटेड घरों के निर्माण के लिए रेशम उत्पादन फार्म साइट का निरीक्षण करने के लिए क्वाक्टा गए थे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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प्रदीप सिंह https://www.janchowk.com

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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