Tuesday, March 19, 2024

सिंघु बॉर्डर पर लखबीर की हत्या: बाबा और तोमर के कनेक्शन की जांच करवाएगी पंजाब सरकार


निहंगों के दल प्रमुख बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पंजाब सरकार को लगता है कि सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की हत्या और सरेंडर करने वाले चार निहंगों के दल प्रमुख बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के पीछे कोई गहरी साजिश है। पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच कराने का फैसला किया है। पंजाब के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने अमृतसर और तरनतारन जिला प्रशासन से इस बात का पता लगाने को कहा है कि लखबीर सिंघु बॉर्डर पर कैसे पहुंचा और उसे वहां कौन लेकर गया था।

रंधावा ने इस बात की आशंका भी जताई कि दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लखबीर की सिंघु बॉर्डर पर हत्या कर के किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई थी। रंधावा ने कहा कि लखबीर की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग जिस दल से ताल्लुक रखते हैं, उसके प्रमुख बाबा अमन सिंह की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पंजाब पुलिस के बर्खास्त इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह पिंकी के साथ जो फोटो वायरल हो रही हैं, उसकी भी जांच कराई जाएगी।
रंधावा ने कहा कि निहंग बाबा अमन सिंह के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के संपर्क में होने का खुलासा होने के बाद लखबीर की हत्या से जुड़े केस ने नया मोड़ ले लिया है। रंधावा के अनुसार, पंजाब सरकार यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि अनुसूचित जाति और बेहद गरीब परिवार से होने के बावजूद लखबीर सिंह को तरनतारन जिले में उसके गांव चीमा से सिंघु बॉर्डर पर कौन लेकर गया।लखबीर की बहन राजकौर पहले ही कह चुकी है कि लखबीर के पास तो अपनी रोटी के लिए भी पैसे नहीं होते थे। गृहमंत्री ने तरनतारन और अमृतसर जिला प्रशासन को उन वजहों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं जिनकी वजह से लखबीर अपने गांव से सिंघु बॉर्डर पर पहुंचा।

रंधावा ने कहा कि बाबा अमन सिंह को खुद सामने आकर स्पष्टीकारण देना चाहिए कि वे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मीटिंग में क्यों गए थे। क्या उन्हें इसके लिए खेती कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई कर रही किसान यूनियनों ने कहा था।रंधावा ने कहा कि किसान आंदोलन के महत्व और सिंघु बॉर्डर पर निहंग जत्थेबंदियों के डेरे को देखते हुए बाबा अमन सिंह को चाहिए था कि वह केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलने से पहले किसान यूनियनों को सूचित करते और मीटिंग के बाद उसका अपडेट भी यूनियनों को बताते। बाबा अमन सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री के मीटिंग की तस्वीरें सामने आने के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं जिनके जवाब जरूरी हैं। अगर इसमें किसी तरह की कोई साजिश है तो पंजाब सरकार उसकी जड़ तक पहुंचने और दोषियों को बेनकाब कर सजा दिलाने के लिए कोशिश हर संभव यत्न करेगी।

इसके पहले ‘द ट्रिब्यून’ ने यह खुलासा करके कि कुछ महीने पहले, जब विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन उफान पर था तब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने लखबीर हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग संगठन के नेता बाबा अमन सिंह को बाकायदा सिरोपा देकर सम्मानित किया था, किसान आंदोलन के खिलाफ गहरी साजिश की आशंका को बल दे दिया है।
‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट में कहा गया हैकि सिंधु बॉर्डर पर बेरहमी से मार दिए गए तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग संगठन के केंद्र सरकार से गहरे रिश्ते हैं। रिपोर्ट के अनुसार किसान आंदोलन के उफान के समय निहंग संगठन के नेता बाबा अमन सिंह के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर समेत कई मंत्री और बीजेपी नेता कई बैठकें कर चुके हैं। ऐसे में लखबीर हत्याकांड के पीछे कोई गहरी साजिश की चर्चा है। दरअसल, निहंग नेता बाबा अमन सिंह कथित तौर पर आला बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों की ओर से ‘एकतरफा’ मध्यस्थ की भूमिका अदा करता रहा है।

निहंग जत्थेबंदी का नेता बाबा अमन सिंह केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले पर केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के साथ दोपहर के खाने पर लंबी बैठक भी कर चुका है। इस लंच में झारखंड के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह, भारत-तिब्बत संघ के राष्ट्रीय महासचिव सौरभ सारस्वत, बीजेपी की ओर से राष्ट्रीय किसान नेता बताए जाने वाले और बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सुखमहेंद्रपाल सिंह ग्रेवाल के साथ-साथ पंजाब का एक बदनाम पुलिसकर्मी गुरमीत सिंह पिंकी कैट भी शामिल था।
‘द ट्रिब्यून’ का कहना है कि उसके पास तीन फोटो मौजूद हैं, जो यह साबित करते हैं कि निहंग नेता बाबा अमन सिंह की बीजेपी नेताओं के साथ गहरी नजदीकियां हैं। अखबार से बातचीत में ग्रेवाल ने स्वीकार किया कि जिस बैठक में वह शीर्ष बीजेपी नेताओं से मिले, उसमें निहंग नेता अमन शामिल था। खास बात ये है कि ग्रेवाल जम्मू और कश्मीर के भारत तिब्बत संघ की इकाइयों से भी वाबस्ता हैं।

‘द ट्रिब्यून’ के खुलासे के बाद पंजाब के कोने-कोने में पूछा जा रहा है कि अब यह मुद्दा किधर जाएगा? क्योंकि लखबीर हत्याकांड के लिए बीजेपी संयुक्त किसान मोर्चा को गुनहगार ठहरा रही है। कहीं न कहीं इसे जातीय रंगत देने की भी साजिश की जा रही है। अलबत्ता बीजेपी अमन सिंह को सिरोपा दिए जाने और उसकी पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकातों पर फिलहाल पूरी तरह खामोश है। सूबे में और बाहर भी बहुतेरे लोग पहले से ही मानते आए हैं कि लखबीर हत्याकांड के पीछे कोई साजिश हो सकती है। इन लोगों का शक अब ‘द ट्रिब्यून’ के खुलासे के बाद पुख्ता हो चला है।

इस बीच सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में दशहरे की सुबह हुई पंजाबी युवक लखबीर सिंह की हत्या के बाद अब सोशल मीडिया पर कुछ फोटो तेजी से वायरल हो रही हैं। इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सिंघु बॉर्डर पर बैठे निहंग जत्थेबंदियों के प्रमुखों में शामिल बाबा अमन सिंह को सिरोपा पहनाकर उनका सम्मान कर रहे हैं। फोटो में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और दूसरे BJP नेता भी नजर आ रहे हैं। तस्वीर जुलाई 2021 में कैलाश चौधरी के आवास की है।

फोटो सामने आने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने लखबीर सिंह की हत्या को साजिश बताकर भाजपा पर सवाल उठाए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और किरती किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रजिंदर सिंह दीपसिंहवाला ने कहा कि बाबा अमन सिंह और भाजपा नेताओं के बीच हुई इस मीटिंग के बाद गंदी राजनीति की बदबू आ रही है।भाजपा नेताओं के साथ निहंग बाबा अमन सिंह की 3 फोटो सामने आई हैं। ये फोटो जुलाई 2021 की हैं।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी के घर ली गई इन फोटो में बाबा अमन सिंह के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, कैलाश चौधरी, लुधियाना के भाजपा किसान सेल के राष्ट्रीय सचिव सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल, पंजाब पुलिस से बर्खास्त किए जा चुके विवादित इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह ‘पिंकी’ और कुछ अन्य लोग दिखाई दे रहे हैं। एक फोटो में नरेंद्र सिंह तोमर बाबा अमन सिंह को सिरोपा पहना रहे हैं, तो दूसरी फोटो में बाबा अमन सिंह डाइनिंग टेबल पर बैठकर केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं के साथ खाना खा रहे हैं।
(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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