‘हिंदुस्तान पर दिन दहाड़े पसरता जा रहा है एक भूतिया साया’

(कारवां में लेख के तौर पर प्रकाशित यह पर्चा लेखिका अरुंधति रॉय ने 12 नवंबर को न्यूयॉर्क शहर में आयोजित ‘जॉनाथन शैल मेमोरियल लेक्चर-2019’ में पढ़ा था। विष्णु शर्मा द्वारा अंग्रेजी से हिंदी में अनुवादित इस लेख को जनचौक ने तीन किस्तों में देने का फैसला किया है। पेश है इसकी पहली किस्त-संपादक) आज जब … Continue reading ‘हिंदुस्तान पर दिन दहाड़े पसरता जा रहा है एक भूतिया साया’