नई दिल्ली। जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज कांग्रेस के साथ ही विपक्ष द्वारा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात करेंगी। बताया जा रहा है कि इसमें नीट-जेईई परीक्षा के आयोजन का मुद्दा भी शामिल होगा।
गांधी इस बातचीत में कांग्रेस शासित राज्यों पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पांडिचेरी के मुख्यमंत्रियों से बात तो करेंगी ही इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस बातचीत में शामिल रहेंगे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र और झारखंड की गठबंधन सरकार में कांग्रेस भी शामिल है।
कांग्रेस के एक सूत्र ने द हिंदू का बताया कि इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी शामिल होने के आसार हैं। बातचीत में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे।
कोरोना महामारी को देखते हुए ये सभी राज्य आईआईटी की प्रवेश परीक्षा का विरोध कर रहे हैं।
27 अगस्त को जीएसटी कौंसिल की बैठक होने जा रही है। इस बैठक से पहले कांग्रेस शासित राज्यों ने केंद्र से उनके सभी बकाए को पूरा करने की मांग की है। इसके साथ ही 6 लाख करोड़ रुपये के घाटे की भी भरपायी करने की मांग की गयी है।
एक साझा वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस के जरिये पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, कर्नाटक के पूर्व वित्तमंत्री कृष्णा बाइरे गौड़ा और पूर्व राज्य सभा सदस्य राजीव गौड़ा ने पार्टी की मांग को आगे किया।
उन्होंने कहा कि “हम निम्नलिखित चीजों की केंद्र से मांग करते हैं: 6 करोड़ रुपये के राज्यों के नुकसान की केंद्र भरपायी करे। जीएसटी मुआवजा एक्ट के तहत राज्यों को 14 फीसदी मुआवजा मुहैया कराए और बिल्कुल समय पर। इससे कुछ भी कम राज्यों के साथ देश के अविश्वास को प्रदर्शित करेगा।”
इसके साथ ही एक बयान में उन्होंने जीएसटी मुआवजा सेस की अवधि को अगले 10 सालों तक बढ़ाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि “कोविड संकट से निपटने के लिए किसी भी तरह का उधार अगर लेने की जरूरत पड़ रही है तो इसे केंद्र को अपने जिम्मे लेना चाहिए। इससे कम कीमत पर संसाधनों को बढ़ाया जा सकता है। और राज्यों के मुकाबले ऋण के बोझ को केंद्र के लिए सहना आसान है। सेस पर निर्भरता को कम कीजिए और आय का साफ-सुथरे तरीके से बंटवारा कीजिए।”