Thursday, June 8, 2023

पत्रकार मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह को पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया

पत्रकार मनदीप पुनिया जो कारवां पत्रिका के लिए लिखते हैं और ऑनलाइन न्यूज़ इंडिया के धर्मेद्र सिंह को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में ले लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ये दोनों पत्रकार वहां मौजूद पुलिसकर्मियों का वीडियो शूट कर रहे थे।

मनदीप पुनिया आंदोलन की बिल्कुल शुरुआत से यानि 26 नवंबर, 2020 से जनपथ न्यूज वेब पोर्टल के लिए किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग और फेसबुक लाइव करते आ रहे थे।

इधर गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के एक डेढ मिनट के आंसुओं वाले वीडियो ने सोशल मीडिया पर वायरल होकर केंद्र सरकार और यूपी सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। उसके बाद से ही खिसियाई केंद्र सरकार ने टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर के आस-पास 500 मीटर के दायरे में इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी तक के लिए बंद करवा दिया है। ताकि किसान आंदोलन पर हो रहे सत्तारूढ़ पार्टी समर्थित गुंडों के हमले, सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन के हमले के लाइव वीडियो ट्विटर और फेसबुक पर न जा सकें। न ही राकेश टिकैत के आंसुओं वाले वीडियो वॉट्सअप पर शेयर हो सकें।

मनदीप पुनिया और धर्मेंद्र सिंह सोशल मीडिया और वेब पोर्टल मीडिया के सशक्त पत्रकार हैं और किसान आंदोलन पर लगातार रिपोर्टिंग कर रहे हैं। तो मुमकिन है कि जिस तरह से मेन स्ट्रीम मीडिया को डराने के लिए 6 पत्रकारों के खिलाफ़ केस दर्ज़ करवाया गया है उसी तरह तमाम न्यूज़ वेब पोर्टल और वेब पत्रकारों को डराने के लिए और किसान आंदोलन के पक्ष में रिपोर्टिंग करने से रोकने के लिए वेब पोर्टल के दो पत्रकारों को निशाना बनाया गया हो।

रिपोर्ट लिखे जाने तक ये पता नहीं चल पाया है कि दोनों पत्रकारों को कहां किस थाने में ले जाया गया है। सिंघु बॉर्डर के नजदीकी पुलिस थाने अलीपुर थाने में करीब दो दर्जन पत्रकार जानकारी के लिए पहुंचे तो वहां पत्रकारों को बताया गया कि इन दोनों पत्रकारों को वहां नहीं रखा गया है। स्पेशल सेल के डीसीपी ने भी इन्कार किया है कि दोनों पत्रकारों की गिरफ्तारी उनके संज्ञान में नहीं है। 

किसान मजदूर संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी श्रवण सिंह पंढेर समर्थकों के साथ अलीपुर थाने पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मनदीप पुनिया और एक पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को पुलिस ने उठाया है। दरअसल पुलिस एक सिविल को तकलीफ दे रहे थे उसी को उन दोनो पत्रकारों ने वीडियो शूट किया तो इससे पुलिस चिढ़ गई।
ये जब से किसान आंदोलन शुरु हुआ है पहली बार है कि पुलिस इस तरह से पत्रकार को पकड़कर ले गयी है। ये शर्मनाक और निंदनीय है। ऐसा नहीं होना चाहिये।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles

पहलवान और न्याय के लिए उनका संघर्ष

‘इंडियन एक्सप्रेस’ (23 मई 2023) में मुखपृष्ठ पर प्रथम स्टोरी के रूप में प्रकाशित...

गुजरात समेत हिंदीभाषी क्षेत्रों में उफान पर है सामंती-ब्राह्मणवादी बर्बरता 

हिंदुत्व की प्रयोगशाला गुजरात, उत्तरप्रदेश और अन्य हिंदी भाषी राज्यों में सामंती-ब्राह्मणवादी बर्बरता पूरे...

क्यों इस देश के सवर्ण एससी-एसटी-ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों को स्वीकार नहीं कर पाते?

भारतीय संविधान में दर्ज स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बंधुता, व्यक्ति की गरिमा जैसे अन्य संवैधानिक मूल्य...