नई दिल्ली। शांतिनिकेतन पुलिस ने दो अलग-अलग आपराधिक शिकायतों के आधार पर बुधवार 22 नवंबर को विश्वभारती के पूर्व कुलपति विद्युत चक्रवर्ती से फिर से पूछताछ की।
एक शांतिनिकेतन ट्रस्ट की ओर से अपनी जमीन पर बिना अनुमति के रवीन्द्रनाथ टैगोर का नाम हटाकर विवादास्पद पट्टिकाएं लगवाने के लिए और दूसरा एक नागरिक की ओर से हाल ही में ममता बनर्जी को लिखे पत्र में इस्तेमाल की गई भाषा के खिलाफ था।
शांतिनिकेतन पुलिस प्रभारी कस्तूरी मुखर्जी (चटर्जी) के नेतृत्व वाली टीम ने विद्युत चक्रवर्ती से लगभग एक घंटे तक पूछताछ की। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये पूछताछ कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई थी। पूछताछ कुलपति के आधिकारिक बंगले पुरबिता में हुई। चक्रवर्ती ने आधिकारिक बंगला खाली नहीं किया है और अपने वकील के जरिये विश्वभारती को खबर किया है कि उन्हें 30 नवंबर तक वहां रहना होगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, “पट्टिकाओं और मुख्यमंत्री को लिखे उनके पत्र से जुड़े मामलों को लेकर यह पूछताछ का दूसरा दौर था।”
उन्होंने कहा, “सोमवार को हमने उनसे तीन और मामलों के बारे में पूछताछ की, जिनमें दुर्गा पूजा और बंगालियों पर उनकी विवादास्पद टिप्पणियां भी शामिल थीं।”
शांतिनिकेतन पुलिस ने चक्रवर्ती को वीसी के रूप में उनका पांच साल का कार्यकाल खत्म होने के एक दिन बाद 9 नवंबर को पांच आपराधिक मामलों को लेकर समन भेजा ताकि 10 नवंबर को उनसे पूछताछ की जा सके।
जिसके बाद चक्रवर्ती ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने समन पर अंतरिम रोक लगा दी लेकिन पुलिस को 20 और 22 नवंबर को उनसे पूछताछ करने के लिए कहा। मामले की सुनवाई 29 नवंबर को हाई कोर्ट द्वारा की जाएगी।
(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)
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