अडानी मामले पर कांग्रेस ने पूछा- क्या सेबी अपनी मोदी निर्मित नींद से जागेगी?

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से 8 महीने पहले ही मॉरीशस के वित्तीय नियामक वित्तीय सेवा आयोग (FSC) ने इमर्जिंग इंडिया फंड मैनेजमेंट लिमिटेड (EIFM) के व्यापार और निवेश लाइसेंस को रद्द कर दिया था। ये कंपनी मॉरीशस में है जिसने सूचीबद्ध अडानी कंपनियों में निवेश किया था और अब जांच के दायरे में है। कांग्रेस ने इस पर बड़ा सवाल किया है और पूछा है कि “क्या सेबी अपनी मोदी निर्मित नींद से जागेगी?”

अडानी मामले को लेकर कांग्रेस हमेशा से हमलावर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार सदन के अंदर तो कई बार सदन के बाहर अडानी पर मोदी सरकार को घेरा और जेपीसी जांच की मांग की। अब इस बार एक खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा है कि “अडानी समूह के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग और राउंड-ट्रिपिंग के आरोपों की गंध और भी मजबूत हो गई है।“

उन्होंने मॉरीशस के वित्तीय नियामक वित्तीय सेवा आयोग (FSC) द्वारा इमर्जिंग इंडिया फंड मैनेजमेंट लिमिटेड के लाइसेंस रद्द किए जाने के नोटिस को एक्स पर अपलोड करते हुए कहा कि “सेबी के मॉरीशस समकक्ष, वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) ने वित्तीय सेवा अधिनियम, प्रतिभूति अधिनियम, वित्तीय खुफिया और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग विनिमय (2003 और 2018) और मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण की रोकथाम विरोधी संहिता सहित कई कानूनों का उल्लंघन करने के लिए मई 2022 में दो अडानी-लिंक्ड फंडों के नियंत्रक शेयरधारक के लाइसेंस रद्द कर दिए।“

उन्होंने कहा कि “भले ही सेबी बेबसी का दावा कर रही है, लेकिन विडंबना यह है कि मॉरीशस के नियामकों ने अडानी से जुड़ी संदिग्ध संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।“ उन्होंने आगे कहा कि “ध्यान दें कि इमर्जिंग इंडिया फंड मैनेजमेंट, जिसका लाइसेंस इन गंभीर आधारों पर रद्द कर दिया गया था, ने उन दो फंडों को नियंत्रित किया जो विनोद अडानी के सहयोगियों नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग के लिए माध्यम थे। अहली और चांग ने इन्हीं फंडों के जरिए अडानी कंपनियों में संदिग्ध निवेश किया।“

उन्होंने सवाल किया कि “क्या सेबी अपनी मोदी निर्मित नींद से जागेगी?”

जयराम रमेश ने कहा कि “वह यह विश्वास जगाने में क्यों विफल हो रहा है कि यह पूंजी बाजार के निष्पक्ष नियामक के रूप में कार्य करेगा और शेयरधारकों के हितों की रक्षा करेगा?”

कांग्रेस नेता ने एक बार फिर जेपीसी जांच की मांग को दोहराते हुए कहा कि “यह सीधे तौर पर इस बात का सबूत है कि अडानी मेगास्कैम पर तब तक कुछ नहीं होगा जब तक कि विशेष संसदीय सत्र में जेपीसी का गठन नहीं किया जाता।“

(कुमुद प्रसाद की रिपोर्ट।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You May Also Like

More From Author