आज हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने संसद की कार्यवाही ठप रखने के लिए विपक्ष के प्रति नाराज़गी जाहिर करते हुये इसे संसद, संविधान और देश का अपमान बताया है।
इस आशय की जानकारी संवाददाताओं को देते हुये संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के ‘पापड़ी चाट’ वाले बयान को भी अपमानजनक बताया। भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्यों का आचरण और उनका व्यवहार जनता का भी अपमान है।
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि “कल तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने ट्वीट किया था। प्रधानमंत्री ने इसे जनता का अपमान बताया और कहा कि जनता ही सांसदों को चुनती है। प्रधानमंत्री ने इस बयान पर नाराजगी जताई…पापड़ी-चाट बनाने की बात करना अपमानजनक बयान है। कागज छीन लेना और उसके टुकड़े कर फेंकना और माफी भी ना मांगना उनके अहंकार को दर्शाता है।”
वहीं राज्यसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा है कि-” विपक्ष के एक सदस्य ने सदन में विधेयक पारित करने के तरीके को लेकर एक टिप्पणी की है जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणी सदन की गरिमा पर आघात है। हमारी मांग है कि वह सदस्य सदन से माफी मांगें।”
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन का सरकार पर तंज
कल सोमवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने नरेद्र मोदी के नेतृत्व वााली केंद्र सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सात-सात मिनट में एक विधेयक पारित कराया गया।
डेरेक ओ’ ब्रायन ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर किये ट्वीट में कहा था, “पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराए और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है। विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं।”
गौरतलब है कि संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पेगासस जासूसी मामले और केंद्रीय कृषि क़ानून जैसे मुद्दों पर दोनों सदनों में विपक्ष के लगातार गतिरोध के बावजूद सरकार ने संख्या बल के बूते धड़ाधड़ विधेयक पास किये हैं।
विपक्षी दलों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए सरकार पर बिना चर्चा के बिल पास कराने का आरोप लगाते हुये कहा है कि केंद्र सरकार उनके वैध अधिकारों से उन्हें वंचित कर रही है।
मानसून सत्र में बिना चर्चा के पास हुए बिल
एक नज़र संसद में बिना चर्चा के पास हुये बिल पर।
1- किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण) संशोधन विधेयक- 2021: संसद के मौजूदा सत्र में पास किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण) किशोर न्याय संशोधन विधेयक 28 जुलाई को राज्य सभा में चंद मिनटों में पास करा लिया गया।
2- फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2021: इस विधेयक को राज्यसभा में 28 जुलाई को पेश किए जाने के 15 मिनट के भीतर पास करा लिया गया।
3- साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021: लोकसभा ने सोमवार को इस बिल को पास किया। इससे सरकार को सरकारी बीमा कंपनियों को निजी हाथों में मदद मिलेगी।
4- ट्रिब्यूनल सुधार बिल 2021: इस बिल को लोकसभा से 2 अगस्त को पास कराया गया। बिल पर कोई चर्चा नहीं हुई, जबकि विपक्ष ने खासतौर पर सरकार से बिल पर चर्चा कराए जाने की मांग की।
बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “विपक्ष के अधिकारों को धता बताते हुए सरकार एक के बाद एक विधेयक बिना चर्चा के पास करा रही है। इस बिल का कार्यसूची में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की ओर से कोई जिक्र नहीं था।”
5- आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 केंद्र सरकार को आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगी इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और छंटनी पर रोक लगाने की अनुमति देता है। इस विधेयक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निचले सदन में पेश किया।
6- ऋणशोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक-2021 : इस बिल को राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया और उसे चंद मिनटों में पारित भी कर दिया गया।
विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों ने गतिरोध से लोकसभा तीसरी बार शाम चार बजे तक और राज्यसभा को 4 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले लोकसभा को 12 बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
आज मंगलवार को विपक्ष के गतिरोध के बीच दो और बिल पास हुए। सदन के स्थगित होने से पहले, लोकसभा ने आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 पारित किया।
आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 केंद्र सरकार को आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगी इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और छंटनी पर रोक लगाने की अनुमति देता है। इस विधेयक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निचले सदन में पेश किया। वहीं, राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऋणशोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक-2021 पेश किया और उसे पारित भी कर दिया गया।