देश में चल रहे ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के एक वर्ष पूरे होने पर आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देशव्यापी विरोध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी के तहत किसान आन्दोलन के समर्थक कार्यकर्ताओं का पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास 12 दिन में जुटान हुआ। शुरुआत में ही एक विरोध सभा हुई। सभा की समाप्ति के बाद करीब पौने 2 बजे दिन में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के बैनर तले एक विरोध-प्रदर्शन जुलूस के रूप में आरंभ हुआ जो गगनभेदी नारे लगाते हुए डाक बंगला चौराहे को पार करते हुए हिन्दी भवन में अवस्थित जिला समाहरणालय कार्यालय के समक्ष पहुंचा।
राष्ट्रपति को सम्बोधित स्मार पत्र को पटना के जिलाधिकारी से मिलकर शिष्टमंडल ने उन्हें सौंप दिया। सात सूत्री स्मार पत्र में स्पष्ट रूप से मांग किया गया कि सिर्फ घोषणा नहीं, अविलंब तीनों काले कृषि कानूनों को संसद से वापस लेने की प्रक्रिया पूरी करो, किसान आन्दोलन की अन्य लम्बित मांगों – न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, बिजली संशोधन विधेयक 2020 की वापसी को अमलीजामा पहनाओ। इसके साथ ही किसान आन्दोलन के शहीदों की स्मृति में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जमीन आवंटित कर स्मारक का निर्माण करवाया जाए, उनके परिजनों को समुचित मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
आन्दोलन के दौरान कार्यकर्ताओं पर लादे गये फर्जी मुकदमों को हटाया जाए। इसके साथ ही पूंजीपक्षी चार श्रम संहिताओं को रद्द करने और बिहार में एपीएमसी (कृषि मंडी) को पुनर्बहाल करने की मांगें भी स्मारपत्र में की गयीं। बुद्ध स्मृति पार्क के समीप प्रदर्शन के पहले एक सभा का आयोजन हुआ जिसे विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावे मजदूर संगठनों के नेताओं ने भी सम्बोधित किया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के बैनर तले आयोजित सभा की अध्यक्षता एक तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया, जिसमें बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रवीन्द्र नाथ राय, किसान संघर्ष समिति (बिहार) के संयोजक दिनेश सिंह एवं अ.भा. किसान खेत मजदूर संगठन के उपाध्यक्ष मणिकांत पाठक शामिल थे। सभा का संचालन अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता उमेश सिंह ने किया।
सभा को सम्बोधित करने वाले प्रमुख नेताओं में अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव एवं किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार प्रभारी राजाराम सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के नेता रवीन्द्र नाथ राय, अ.भा.किसान महासभा के पटना जिला के सचिव कृपा नारायण सिंह, अ.भा.किसान खेत मजदूर संगठन के नेता मणिकांत पाठक, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के नेता सोनेलाल प्रसाद, अ.भा.खेत मजदूर किसान सभा के नेता सुभाष यादव, किसान संघर्ष समिति ( बिहार) के संयोजक दिनेश सिंह, नेशन फॉर फार्मर्स के गोपाल कृष्ण, अग्रगामी किसान सभा (बिहार) के महासचिव अमेरिका महतो, किसान मजदूर नौजवान मोर्चा के अध्यक्ष कल्लू सिंह, भारतीय मूल निवासी किसान सभा के सिपाही यादव, अखिल भारतीय किसान फेडरेशन के जमीरूद्दीन, किसान पंचायत धनरूआ के उमेश शर्मा आदि उल्लेखनीय हैं। धरना कार्यक्रम में शामिल मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी सभा को संबोधित किया। इसमें ऐक्टू के नेता आर.एन. ठाकुर और रणविजय कुमार, सी.आई.टी.यू. के राज्य महासचिव गणेश शंकर सिंह, एटक के नेता कौशलेंद्र कुमार, AIUTUC के नेता सूर्यकर जीतेन्द्र, इफ्टू (सर्वहारा) के नेता मंटू प्रमुख हैं।
विरोध प्रदर्शन में नारे लग रहे थे – लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के अभियुक्तों को दंडित करो, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को अविलंब बर्खास्त कर गिरफ्तार करो, कारपोरेट विरोधी किसान आन्दोलन जिन्दाबाद, तीन काले कृषि कानूनों की वापसी को संसद से पारित कराओ, एमएसपी की कानूनी गारंटी करो, प्रस्तावित बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस ल़ो, मजदूर विरोधी चार श्रम संहिता को रद्द करो, आदि आदि।
जिलाधिकारी से मिलकर स्मारपत्र सौंपने वाले शिष्टमंडल में उमेश सिंह, दिनेश सिंह, मणिकांत पाठक, चन्द्रप्रकाश सिंह एवं सोनेलाल प्रसाद शरीक थे। विरोध प्रदर्शन में शामिल अन्य प्रमुख लोगों में बिहार किसान समिति के नेता बलदेव झा, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता कृष्ण देव यादव, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के नेता गोपाल शर्मा, एटक के नेता अजय कुमार एवं राम लला सिंह, ऐक्टू के नेता जीतेन्द्र कुमार, इफ्टू (सर्वहारा) के नेता राधेश्याम एवं आकांक्षा प्रिया आदि उल्लेखनीय रहे।
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