पीएम मोदी ने किसान आंदोलन को बताया इवेंट, कहा- राजनीति चमकाने के लिए हो रहा इस्तेमाल

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किसान आंदोलन और मौजूदा कृषि क़ानूनों पर केंद्र सरकार का स्टैंड आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से और भी स्पष्ट हो गया है। उनके बयान से किसान आंदोलन के प्रति, केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता और भी उजागर हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन का नाम लिए बिना कहा, “आज जिन राजनीतिक दलों के लोग अपने आपको इस राजनीतिक प्रभाव में जब देश की जनता ने उन्हें नकार दिया है तो कुछ न कुछ ऐसे इवेंट कर रहे हैं, इवेंट मैनेजमेंट हो रहा है ताकि कुछ लोग सेल्फी ले लें। फोटो छप जाए टीवी पर दिखाई दें, ताकि उनकी राजनीति चमक जाए।” इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों से रूबरू होते हुए पीएम मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के खाते में 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।

उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर झंडे लेकर खेल खेला जा रहा है। अब उनको यह सच सुनना होगा। ये लोग अखबारों में जगह बनाकर राजनीति के मैदान में जिंदा रहने के लिए जड़ी-बूटी खोज रहे हैं। देश का किसान उनको पहचान गया है। अब कोई जड़ी-बूटी देने वाला नहीं है। ये लोग निर्दोष किसानों की जिंदगी के साथ न खेलें, उन्हें गुमराह न करें।

पीएम मोदी ने कृषि क़ानून को सराहते हुए कहा, “आज हर किसान को पता है कि उसे उसकी उपज के लिए अच्छा दाम कहां मिलेगा? इन कृषि सुधारों के साथ किसान अपनी उपज को कहीं भी किसी को भी बेच सकता है। किसानों को फायदा पहुंचाने में क्या गलत है?”

उन्होंने कहा, “मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है। बंगाल की सरकार अपने राजनीतिक कारणों से उनके राज्य के किसानों को भारत सरकार से पैसा जाने वाला है, फिर भी वह पैसे उन्हें नहीं मिल रहे हैं। कई किसानों ने भारत सरकार को सीधे चिट्ठी लिखी। उसे भी मान्यता नहीं दी।”

आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के किसान गगन पेरिंग से पूछा कि आप छोटे किसानों को प्राइवेट कंपनी के साथ जोड़ते हैं। क्या उन्होंने सिर्फ प्रोडेक्ट खरीदे या जमीन भी ले ली। इस पर गगन पेरिंग ने कहा, “हाल ही में हमने एक कंपनी से एग्रीमेंट किया है। जितना प्रोडेक्ट है उसे ही ले जाने का अग्रीमेंट किया है जमीन का नहीं। हमारी जमीन सुरक्षित है।”

इस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप इतनी दूर अरुणाचल में बैठे हैं और कह रहे हैं कि आपकी जमीन सुरक्षित है, लेकिन यहां किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि किसानों की जमीन ले ली जाएगी।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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