राष्ट्रपति के क़ाफ़िले में फंसकर हुई महिला की मौत पर पुलिस ने मांगी माफी, 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की उत्तर प्रदेश कानपुर यात्रा के दौरान शुक्रवार की रात यातायात रोके जाने से एक एक अरबपति बीमार महिला वंदना मिश्रा की एम्बुलेंस में मौत हो गयी। गरीब मजदूर दलित को कीड़े मकोड़े समझने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस ने वंदना मिश्रा की मौत के लिए माफ़ी माँगी है और तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया है। 

सिर्फ़ इतना ही नहीं पुलिस आयुक्त और ज़िलाधिकारी ने महिला के अंतिम संस्कार में पहुँच कर राष्ट्रपति का खेद संदेश भी पहुँचाया। बता दें कि मरहूम महिला वंदना मिश्रा इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ के कानपुर चैप्टर की महिला विंग की प्रमुख थीं। कानपुर पुलिस कमिश्नर के ऑफ़िस ने ट्वीट कर लिखा, “महामहिम राष्ट्रपति जी बहन वन्दना मिश्रा जी के असामयिक निधन से व्यथित हुये। उन्होंने पुलिस आयुक्त और ज़िलाधिकारी को बुलाकर जानकारी ली व शोक संतप्त परिवार तक उनका संदेश पहुँचाने को कहा। दोनों अधिकारियों ने अंत्येष्टि में शामिल होकर शोकाकुल परिवार तक महामहिम का संदेश पहुँचाया।”

पुलिस के मुताबिक़, सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैफ़िक को ज़रुरत से ज़्यादा समय के लिए रोका गया और इसके लिए ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। 

वहीं कानपुर पुलिस कमिश्नर के ऑफ़िस ने ट्वीट करके कहा है कि , “सुरक्षा के लिए नागरिकों को दिक़्क़त न हो, मेडिकल आपात स्थिति में तो बिल्कुल भी नहीं। व्यवस्था सुधारने के लिए क़दम उठाए जा रहे हैं ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो। निर्देश से अधिक समय तक ट्रैफ़िक रोकने पर एसआई सुशील कुमार व तीन मुख्य आरक्षियों को निलंबित किया गया है, जाँच एडिशनल डीसीपी साउथ करेंगे। “

सवाल है कि क्या वीवीआईपी कल्चर वाले इस देश में जब गरीब, मजदूर दलित मुसलमान की ज़िंदगी की कोई क़ीमत नहीं है? 

वंदना मिश्रा अरबपति थीं, सवर्ण थीं उनकी जगह कोई गरीब दलित या मुस्लिम महिला होती तो क्या यूपी पुलिस और कमिश्नर माफ़ी मांगते? क्या तब भी कार्पोरेट सवर्ण परस्त मीडिया इतनी हाय-तौबा मचाती? क्या तब भी राष्ट्रपति महोदय शोक संदेश भेजते? 

पिछले सात सालों में उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम राज्यों में कितने गरीब मुसलमानों की मॉब लिंचिंग कर दी गयी, दलित महिलाओं लड़कियों के साथ गैंगरेप करके हत्या कर दी गयी कितनों पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने खेद जताया? उल्टा उनकी सरकार आरोपियों के साथ खड़ी होकर पीड़ित महिलाओं के परिवारों को प्रताड़ित करती है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद तीन दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश में हैं। और यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति कोविंद विशेष ट्रेन में सवार होकर दिल्ली से यात्रा कर अपने गृहनगर कानपुर पहुँचे थे। जहां  कानपुर रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रपति के स्वागत के लिए यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुँचे थे। कानपुर के घंटाघर पर एक साथ इतने पोलिटिकल वीआईपी के जमावड़े के चलते  सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे, जिसके लिये घंटाघर के आस पास की सारी ट्रैफिक रोक दी गयी थी। जिसमें फंसकर वंदना मिश्र की एंबुलेंस में मौत हो गयी थी। 

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